क्या आप जानना चाहते हैं कटक इस्कॉन मंदिर कब जाएं? कहाँ है? क्या देखें? फोटो और पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें और पाएं एक दिव्य अनुभव।
कटक, उड़ीसा की दूसरी सबसे बड़ी और ऐतिहासिक नगरी है, जिसे "मिलेनियम सिटी" और "सिल्वर सिटी" कहा जाता है। यह महानदी और कथजोरी नदियों के संगम पर बसा हुआ है, जिस कारण इसे "नदियों का शहर" भी कहा जाता है। कटक राज्य की पूर्व राजधानी रहा है और आज भी यह ओडिशा का एक महत्वपूर्ण शहर है। इस लेख में आप जानेंगे इस्कॉन कटक का इतिहास, इसकी प्रमुख विशेषताएं, दर्शन और आरती का समय, यहाँ मनाए जाने वाले प्रमुख पर्व, और यात्रा से जुड़ी उपयोगी जानकारी।
कटक के नुआसाही रोड, बिदानसी के पास बना ISKCON मंदिर एक बेहद पवित्र जगह है, जहाँ राधा-कृष्ण, जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की भव्य मूर्तियां हैं। यहाँ रोज़ होने वाले भजन, कीर्तन और प्रवचन भक्तों के दिलों को भक्ति और सुकून से भर देते हैं। कटक रेलवे स्टेशन से महज 5–6 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर, भक्तों के लिए एक सुविधाजनक और दिव्य गंतव्य है। बल्कि जन्माष्टमी और रथयात्रा जैसे पर्वों पर भव्य आयोजनों से भक्तों को आध्यात्मिक उल्लास से भर देता है। यहाँ मिलने वाला शुद्ध शाकाहारी प्रसाद इस अनुभव को और भी पवित्र बना देता है।
इस्कॉन मंदिर कटक (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) की स्थापना 1966 में ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा न्यूयॉर्क शहर में की गई थी। यह आंदोलन गौड़ीय वैष्णव परंपरा का एक हिस्सा है, जो भगवान कृष्ण की भक्ति पर केंद्रित है। इस्कॉन का आध्यात्मिक और प्रशासनिक मुख्यालय मायापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित है। यह आंदोलन दुनिया भर में लगभग 10 लाख सदस्यों का दावा करता है। यह मंदिर श्रील प्रभुपाद (ISKCON संस्थापक) के दर्शन और शिक्षाओं पर आधारित है। इस्कॉन का उद्देश्य भगवद–गीता और श्रीमद्भागवत पर आधारित भक्ति परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है।
मंदिर की वास्तुकला विशिष्ट हिंदू मंदिर स्थापत्य शैली का अनुसरण करती है, जिसमें जगती, अर्धमंडप, महामंडप, गर्भगृह, शिखर, अमलका और कलश शामिल हैं। मंदिर परिसर में स्थित कमल मंदिर (पद्म मंदिर) खिलते हुए कमल के आकार का है और यह मंदिर की वास्तुकला का एक मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है, जहां वे भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं और भक्ति योग का अभ्यास करते हैं। मंदिर में नियमित रूप से धार्मिक कार्यक्रम, कीर्तन, भजन, प्रवचन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इस्कॉन Cuttack 'फूड फॉर लाइफ' कार्यक्रम के तहत जरूरतमंदों को भोजन भी वितरित करता है।
मंदिर समय-समय पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्सवों और त्योहारों का आयोजन करता है, जिसमें कृष्ण जन्माष्टमी, राधाष्टमी और अन्य शामिल हैं। मंदिर में श्रीमद्भगवद गीता और भागवत जैसे ग्रंथों पर प्रवचन और कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं। मंदिर का परिसर काफी विशाल है और इसमें कई मंदिर, सभागार, भोजनालय और अन्य सुविधाएं हैं।
सुबह: 04:30 AM से 01:00 PM
शाम: 04:00 PM से 08:30 PM
अन्य आरती
मंगला आरती – 04:30
गुरुपूजा व भागवत पाठ – 07:15 AM
राजभोग आरती – 12:30 AM
संध्या आरती – 06:30 PM
शयन आरती – 08:30 PM
यह इस्कॉन द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को रथों में निकालकर पूरे शहर में घुमाया जाता है।
यह भगवान कृष्ण का जन्मदिन है और इसे पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन, मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
यह राधा रानी के प्रकट होने का दिन है। इस दिन, भक्त राधा रानी की पूजा करते हैं और विभिन्न भक्तिमय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
श्रीचैतन्य महाप्रभु की जयंती भजन-कीर्तन और सामूहिक संकल्पों का आयोजन होता है।
21 दिनों तक चलने वाला उत्सव मूर्ति चंदन की लेपना और विशेष आरती परंपरा के साथ मनाया जाता है ।
निकटतम रेलवे स्टेशन: कटक जंक्शन (CTC)। यह शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से उत्कृष्ट रेल संपर्क प्रदान करता है। स्टेशन से ऑटो/कॅब द्वारा लगभग 15–20 मिनट में CDA सेक्टर‑9 पहुंचा जा सकता है।
आमा बस सेवा के माध्यम से श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से इस्कॉन कटक मंदिर तक पहुँच सकते हैं। शहर के प्रमुख बस मार्गों से जुड़ी यह सेवा मंदिर तक पहुंचने का एक सुविधाजनक विकल्प है।
नज़दीकी बस स्टॉप: “बाराबती स्टेडियम, कटक” और “जगतपुर, कटक”, जहाँ से पैदल या रिक्शा के माध्यम से मंदिर तक जाया जा सकता है। इस रूट पर चलने वाली प्रमुख बसें हैं – रूट नंबर 17, 18, 19, 59 और 81। नेताजी बस टर्मिनल (CNBT) : खन्ननगर स्थित यह हाई‑टेक इंटरस्टेट टर्मिनल शहर के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा है
प्राइवेट वाहन/टैक्सी/ऑटो : भुवनेश्वर–कटक के बीच हाल ही में बनने वाला ग्रीनफील्ड रिंग रोड सड़क यात्रा को 80 मिनट में संभव बनाएगा।
बस नेटवर्क : स्थानीय-इंटरसिटी बसें, जैसे कटक भुवनेश्वर पुरी, आमतौर पर सुबह 4 बजे से रात तक उपलब्ध रहते हैं।
नजदीकी एयरपोर्ट : भुवनेश्वर का बीजू पटनायक एयरोपर्ट, टैक्सी द्वारा लगभग 30–40 मिनट दूर है। यहां से रेलवे स्टेशन या सीधे मंदिर तक टैक्सी सुविधा उपलब्ध है।
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