
सितंबर 2026 में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं? जानें परिवर्तिनी एकादशी, ओणम, गणेश विसर्जन, विश्वकर्मा पूजा की खास तिथियां और पंचांग विवरण।
सितंबर का महीना धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों से समृद्ध होता है। इस माह गणेश चतुर्थी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसमें भगवान गणेश की स्थापना और पूजा धूमधाम से की जाती है। इसके अलावा, अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन का आयोजन होता है। श्राद्ध पक्ष भी इसी माह में पड़ता है, जिसमें पूर्वजों को तर्पण और श्रद्धांजलि दी जाती है। सितंबर आस्था और परंपराओं का पवित्र महीना है।
सितंबर 2025 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कई महत्वपूर्ण पर्व और त्योहारों का महीना है। इस महीने में कुछ प्रमुख व्रत, त्योहार, और विशेष दिन आते हैं, जिनका धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। आइए, जानते हैं सितंबर 2026 में आने वाले प्रमुख पर्वों और त्योहारों के बारे में:
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, झांकी सजाते हैं और मध्यरात्रि में जन्म महोत्सव मनाते हैं। कृष्ण की बाल लीलाओं, भक्ति, प्रेम और धर्म की स्थापना का स्मरण करते हुए शुभता, शांति और सत्कर्मों की प्रेरणा प्राप्त होती है।
हरितालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का पावन व्रत है। महिलाएँ अखंड सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। माता पार्वती के कठिन तप की स्मृति में मनाया जाने वाला यह दिवस स्त्री-समर्पण, भक्ति और पवित्र वैवाहिक जीवन का प्रतीक है।
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और 10 दिनों तक पूजा की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सप्त ऋषियों का आशीर्वाद मिलता है, और स्त्रियों के रजस्वला होने के दौरान अनजाने में हुई भूल के कारण उससे लगने वाले पापों व दोषों से छुटकारा मिलता है।
शास्त्रों में श्रीकृष्ण की प्राणप्रिया के रूप में वर्णित, राधा रानी की जन्मतिथि, श्रीकृष्ण के जन्म के पंद्रह दिन बाद मनाई जाती है, जिसे राधा अष्टमी कहते हैं।
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन जगत के प्रथम शिल्पकार एवं वास्तुकार विश्वकर्मा भगवान का अवतरण हुआ था। अस्त्र-शस्त्र व भवन का निर्माण भगवान विश्कर्मा की ही देन माना जाता है, इसीलिए कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले, मशीनरी और कारखानों से जुड़े लोग इस अवसर पर विशेष रूप से भगवान विश्कर्मा की उपासना करते हैं।
महालक्ष्मी व्रत देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला पावन व्रत है। यह व्रत सौभाग्य, धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना से रखा जाता है। कई दिन तक चलने वाले इस व्रत में महिलाएँ विधि-विधान से पूजा कर माँ लक्ष्मी से घर-परिवार में स्थायी सुख और ऐश्वर्य की प्रार्थना करती हैं।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। भगवान विष्णु के उपासकों के लिए इस एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी शयन मुद्रा में करवट बदलते हैं। "परिवर्तिनी" का अर्थ है "जो पलट जाए," करवट बदलने के कारण ही इस एकादशी को 'परिवर्तिनी एकादशी' कहा गया है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो इस दिन विष्णु भगवान के चरणों में अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त करते हैं।
‘गणेश विसर्जन’ गणेश चतुर्थी के दसवें दिन मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा का आखिरी दिन होता है, जब उनके मूर्तियों को पवित्र जलाशयों में विसर्जित किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु गणपति बप्पा के विसर्जन के साथ उनकी विदाई करते हैं। यह एक भावुक और आनंदमय दिन होता है, जो श्रद्धा, आस्था, और समाजिक एकता का प्रतीक होता है। विसर्जन के समय बड़े भव्य जुलूस निकलते हैं, जिसमें लोग "गणपति बप्पा मोरिया" के नारे लगाते हैं।
अनंत चतुर्दशी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए किया जाता है। इस दिन अनंत भगवान की पूजा होती है, और उनकी 14 गांठों वाली अनंत चतुर्दशी में डाले गए धागे को पहनने की परंपरा होती है। इस दिन उपवासी रहकर श्रद्धालु विष्णु भगवान की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए व्रत रखते हैं।
पितृपक्ष एक 16 दिन का पर्व है जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस दिन से पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया जाता है। पितृपक्ष के दौरान परिवार के सदस्य अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस समय को पितर लोक की यात्रा के रूप में भी देखा जाता है, और यह दिन पितरों के आशीर्वाद प्राप्त करने का होता है। पितृपक्ष का समापन महालया अमावस्या के दिन होता है।
निष्कर्ष:
सितंबर 2026 में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कई महत्वपूर्ण त्योहार और धार्मिक अवसर हैं, जैसे परिवर्तिनी एकादशी, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पितृपक्ष की शुरुआत, विश्वकर्मा जयंती। इन तिथियों का महत्व धार्मिक उन्नति, पितृों की पूजा, समाजिक एकता और देवी-देवताओं की आराधना से जुड़ा हुआ है। ये पर्व जीवन में आस्था, समृद्धि और शांति के प्रतीक माने जाते हैं
S No. | त्योहार | दिनांक |
1 | नाग पंचमी | 1 सितम्बर 2026, मंगवार |
2 | हल षष्ठी | 2 सितम्बर 2026, बुधवार |
3 | रांधण छठ | 2 सितम्बर 2026, बुधवार |
4 | शीतला सातम | 3 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
5 | मासिक कार्तिगाई | 3 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
6 | कृष्ण जन्माष्टमी | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
7 | आद्यकाली जयंती | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
8 | विंध्यवासिनी जयंती | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
9 | अष्टमी रोहिणी | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
10 | मासिक जन्माष्टमी | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
| इन्द्र सावर्णि मन्वादि | 4 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
11 | दही हांडी | 5 सितम्बर 2026, शनिवार |
12 | गोगा नवमी | 5 सितम्बर 2026, शनिवार |
13 | शिक्षक दिवस | 5 सितम्बर 2026, शनिवार |
14 | बछ बारस द्वादशी | 7 सितम्बर 2026, सोमवार |
15 | अजा एकादशी | 7 सितम्बर 2026, सोमवार |
16 | कृष्ण दामोदर द्वादशी | 8 सितम्बर 2026, मंगलवार |
17 | पर्यूषण प्रारम्भ | 8 सितम्बर 2026, मंगलवार |
18 | भौम प्रदोष व्रत | 8 सितम्बर 2026, मंगलवार |
19 | मासिक शिवरात्रि | 9 सितम्बर 2026, बुधवार |
20 | पिठोरी अमावस्या | 10 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
21 | दर्श अमावस्या | 10 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
22 | अन्वाधान | 10 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
23 | दैव सावर्णि मन्वादि | 10 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
24 | पोला | 11 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
25 | वृषभोत्सव | 11 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
26 | इष्टि | 11 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
27 | भाद्रपद अमावस्या | 11 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
28 | सामवेद उपाकर्म | 12 सितम्बर 2026, शनिवार |
29 | वराह जयंती | 13 सितम्बर 2026, रविवार |
30 | चन्द्र दर्शन | 13 सितम्बर 2026, रविवार |
31 | रूद्र सावर्णि मन्वादि | 13 सितम्बर 2026, रविवार |
32 | हरतालिका तीज | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
33 | गणेश चतुर्थी | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
34 | गौरी हब्बा | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
35 | मलयालम विनायक चतुर्थी | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
36 | हिन्दी दिवस | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
37 | सिद्धिविनायक चतुर्थी | 14 सितम्बर 2026, सोमवार |
38 | ऋषि पंचमी | 15 सितम्बर 2026, मंगलवार |
39 | विश्वेश्वरैया जयंती | 15 सितम्बर 2026, मंगलवार |
40 | संवत्सरी पर्व | 15 सितम्बर 2026, मंगलवार |
41 | अभियंता दिवस | 15 सितम्बर 2026, मंगलवार |
42 | स्कन्द षष्ठी | 16 सितम्बर 2026, बुधवार |
43 | ज्येष्ठ गौरी आवाहन | 17 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
44 | बलराम जयंती | 17 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
45 | विश्वकर्मा पूजा | 17 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
46 | कन्या संक्रान्ति | 17 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
47 | ललिता सप्तमी | 18 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
48 | दूर्वा अष्टमी | 18 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
49 | ज्येष्ठ गौरी पूजा | 18 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
50 | राधा अष्टमी | 19 सितम्बर 2026, शनिवार |
51 | महालक्ष्मी व्रत आरम्भ | 19 सितम्बर 2026, शनिवार |
52 | ज्येष्ठ गौरी विसर्जन | 19 सितम्बर 2026, शनिवार |
53 | दधीचि जयंती | 19 सितम्बर 2026, शनिवार |
54 | मासिक दुर्गाष्टमी | 19 सितम्बर 2026, शनिवार |
55 | दशावतार व्रत | 21 सितम्बर 2026, सोमवार |
56 | कल्कि द्वादशी | 22 सितम्बर 2026, मंगलवार |
57 | परिवर्तिनी एकादशी | 22 सितम्बर 2026, मंगलवार |
58 | वामन जयंती | 23 सितम्बर 2026, बुधवार |
59 | भुवनेश्वरी जयंती | 23 सितम्बर 2026, बुधवार |
60 | शरद्कालीन सम्पात | 23 सितम्बर 2026, बुधवार |
61 | गुरु प्रदोष व्रत | 24 सितम्बर 2026, बृहस्पतिवार |
62 | गणेश विसर्जन | 25 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
63 | अनंत चतुर्दशी | 25 सितम्बर 2026, शुक्रवार |
64 | पूर्णिमा श्राद्ध | 26 सितम्बर 2026, शनिवार |
65 | अन्वाधान | 26 सितम्बर 2026, शनिवार |
66 | पितृपक्ष प्रारम्भ | 27 सितम्बर 2026, रविवार |
67 | प्रतिपदा श्राद्ध | 27 सितम्बर 2026, रविवार |
68 | आश्विन प्रारम्भ | 27 सितम्बर 2026, रविवार |
69 | इष्टि | 27 सितम्बर 2026, रविवार |
70 | द्वितीया श्राद्ध | 28 सितम्बर 2026, सोमवार |
71 | तृतीया श्राद्ध | 29 सितम्बर 2026, मंगलवार |
72 | महा भरणी | 29 सितम्बर 2026, मंगलवार |
73 | विघ्नराज संकष्टी | 29 सितम्बर 2026, मंगलवार |
74 | चतुर्थी श्राद्ध | 30 सितम्बर 2026, बुधवार |
75 | पंचमी श्राद्ध | 30 सितम्बर 2026, बुधवार |
76 | मासिक कार्तिगाई | 30 सितम्बर 2026, बुधवार |
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