
अप्रैल 2026 में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं? जानें रामनवमी, बैसाखी, हनुमान जयंती व अक्षय तृतीया की खास तिथियां और पंचांग विवरण।
अप्रैल में कई प्रमुख पर्व उत्साह और भक्ति के साथ मनाए जाते हैं, इस माह में राम नवमी भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। हनुमान जयंती भी इस महीने का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसके अलावा, वैशाखी और गुड़ी पड़वा जैसे त्योहार कृषि और नए साल की शुरुआत का प्रतीक हैं। अप्रैल में प्रकृति और आस्था का विशेष मेल दिखाई देता है।
अप्रैल महीने में हिन्दू धर्म से जुड़े कई विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पर्व-त्यौहार मनाए जाते हैं। ये त्यौहार न सिर्फ़ जीवन में खुशियां और सकारात्मकता लाते हैं, बल्कि भगवान की भक्ति करके मनुष्य जीवन को सार्थक करने का अवसर भी देते हैं। इस महीने कई ऐसे व्रत किए जाते हैं, जो जन्म-जन्मांतर के पापों को नष्ट करके व्यक्ति को सुख-शांति प्रदान करते हैं।
अप्रैल महीने में ही हनुमान जयंती भी पड़ती है, जो कि हनुमान जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। हनुमान जी को भक्ति, शक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में इस विशेष दिन भक्त उनकी उपासना करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा पर मनाई जाती है। साल 2026 में ये तिथि 02 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रही है। इस दिन गंगा स्नान और दान पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है।
बैसाखी अप्रैल महीने में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। साल 2026 में बैसाखी 114 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह पर्व कृषि को समर्पित है, जो विशेष कर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। इस दिन लोग फसल कटाई का उत्सव मनाते हैं।
कभी नष्ट न होने वाले पुण्यों को प्राप्त करने का पर्व अक्षय तृतीया भी अप्रैल महीने में ही मनाया जाता है। साल 2026 में अक्षय तृतीया 19 अप्रैल, रविवार को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन किए गए व्रत-उपवास व दान-पुण्य आदि का फल अवश्य प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदने का भी विशेष महत्व है साथ ही यह दिन किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है।
गंगा सप्तमी, जो गुरुवार, 23 अप्रैल 2026 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन माता गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। कथा के अनुसार जब गंगा पृथ्वी पर उतरीं, तो भगवान शिव ने उनके तेज़ वेग को नियंत्रित करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में रोक लिया और फिर धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। आगे चलते हुए उनके तेज़ बहाव से ऋषि जह्नु का आश्रम नष्ट हो गया, जिससे क्रोधित होकर उन्होंने गंगा का जल पी लिया। बाद में राजा भगीरथ और देवताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर ऋषि जह्नु ने गंगा को अपने कान से बाहर निकाल दिया, इसलिए इस दिन को जह्नु सप्तमी भी कहा जाता है और गंगा को जाह्नवी नाम मिला। इस पवित्र तिथि पर गंगा स्नान, पूजा और माता गंगा का स्मरण अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन को पवित्रता एवं शांति मिलती है।
मान्यता है कि वैसाख शुक्ल अष्टमी के दिन माँ बगलामुखी का जन्म हुआ था। वर्ष 2026 में बगलामुखी जयंती, शुक्रवार, 24 अप्रैल को मनाई जाएगी। दस महाविद्याओं में आठवीं मानी जाने वाली माँ बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। मान्यता है कि स्वयं ब्रह्मा जी ने इस महाविद्या का साधन किया और इसे सनकादि ऋषि व नारद भी माता के उपासक रहे। तांत्रिक साधक जहाँ वशीकरण और विजय की सिद्धियों के लिए इनकी पूजा करते हैं, वहीं सामान्य गृहस्थ भी माँ बगलामुखी की आराधना करके शत्रुओं पर विजय, कोर्ट–कचहरी के मामलों में सफलता और हर प्रकार की प्रतियोगिताओं में जीत की कामना करते हैं।
अप्रैल के महीने में आने वाले यह सभी व्रत-त्यौहार लोगों को भक्ति और परंपरा से जोड़ते हैं। ये पर्व भारतीय संस्कृति की समृद्धि और धार्मिक विविधता का प्रतीक हैं, जो लोगों के जीवन में नई ऊर्जा, आशा, और खुशी का संचार करते हैं।
S No. | त्योहार | दिनांक |
1 | पंगुनी उथिरम | 1 अप्रैल 2026, बुधवार |
2 | चैत्र पूर्णिमा व्रत | 1 अप्रैल 2026, बुधवार |
3 | हनुमान जयंती | 2 अप्रैल 2026, गुरुवार |
4 | हनुमान जन्मोत्सव | 2 अप्रैल 2026, गुरुवार |
5 | चैत्र नवपद ओली समाप्त | 2 अप्रैल 2026, गुरुवार |
6 | चैत्र पूर्णिमा | 2 अप्रैल 2026, गुरुवार |
7 | वैशाख मास प्रारंभ (उत्तर) | 3 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
8 | विकट संकष्टि | 5 अप्रैल 2026, रविवार |
9 | मासिक कृष्ण जन्माष्टमी | 9 अप्रैल 2026, गुरुवार |
10 | कालाष्टमी | 10 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
11 | वल्लभाचार्य जयंती | 13 अप्रैल 2026, सोमवार |
12 | वरूथिनी एकादशी | 13 अप्रैल 2026, सोमवार |
13 | कृष्ण वामन द्वादशी | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
14 | मेष संक्रांति | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
15 | सौर नववर्ष प्रारंभ | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
16 | पुथांडु | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
17 | आंबेडकर जयंती | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
18 | बैसाखी | 14 अप्रैल 2026, मंगलवार |
19 | कुब्जिका जयंती | 15 अप्रैल 2026, बुधवार |
20 | विशु कणी | 15 अप्रैल 2026, बुधवार |
21 | पोइला बोइशाख | 15 अप्रैल 2026, बुधवार |
22 | बुध प्रदोष व्रत | 15 अप्रैल 2026, बुधवार |
23 | मासिक शिवरात्रि | 15 अप्रैल 2026, बुधवार |
24 | दर्श अमावस्या | 17 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
25 | वैशाख अमावस्या | 17 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
26 | पराशर ऋषि जयंती | 18 अप्रैल 2026, शनिवार |
27 | चन्द्र दर्शन | 18 अप्रैल 2026, शनिवार |
28 | परशुराम जयंती | 19 अप्रैल 2026, रविवार |
29 | अक्षय तृतीया | 19 अप्रैल 2026, रविवार |
30 | मासिक कार्तिगई | 19 अप्रैल 2026, रविवार |
31 | वर्षिताप पारणा | 19 अप्रैल 2026, रविवार |
32 | त्रेता युग दिवस | 19 अप्रैल 2026, रविवार |
33 | मातंगी जयंती | 20 अप्रैल 2026, सोमवार |
34 | रोहिणी व्रत | 20 अप्रैल 2026, सोमवार |
35 | संकर्षण चतुर्थी | 20 अप्रैल 2026, सोमवार |
36 | शंकराचार्य जयंती | 21 अप्रैल 2026, मंगलवार |
37 | सूरदास जयंती | 21 अप्रैल 2026, मंगलवार |
38 | रामानुज जयंती | 22 अप्रैल 2026, बुधवार |
39 | पृथ्वी दिवस | 22 अप्रैल 2026, बुधवार |
40 | स्कंद षष्ठी | 22 अप्रैल 2026, बुधवार |
41 | गंगा सप्तमी | 23 अप्रैल 2026, गुरुवार |
42 | बगलामुखी जयंती | 24 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
43 | मासिक दुर्गाष्टमी | 24 अप्रैल 2026, शुक्रवार |
44 | सीता नवमी | 25 अप्रैल 2026, शनिवार |
45 | महावीर स्वामी केवलज्ञान | 26 अप्रैल 2026, रविवार |
46 | सिद्धिलक्ष्मी जयंती | 27 अप्रैल 2026, सोमवार |
47 | त्रिशूर पूरम | 27 अप्रैल 2026, सोमवार |
48 | मोहीनी एकादशी | 27 अप्रैल 2026, सोमवार |
49 | परशुराम द्वादशी | 28 अप्रैल 2026, मंगलवार |
50 | भौम प्रदोष व्रत | 28 अप्रैल 2026, मंगलवार |
51 | नरसिंह जयंती | 30 अप्रैल 2026, गुरुवार |
52 | छिन्नमस्ता जयंती | 30 अप्रैल 2026, गुरुवार |
अप्रैल 2026 के इस कैलेंडर की मदद से आप पूरे महीने के महत्वपूर्ण त्यौहार, व्रत और शुभ तिथियों को पहले से जानकर अपनी योजना आसानी से बना सकते हैं। इससे पूजा-पाठ, यात्रा, पारिवारिक कार्यक्रम या किसी भी शुभ काम के लिए सही दिन चुनना बेहद सरल हो जाता है। कई राज्यों में अप्रैल से नया सौर वर्ष शुरू होता है, इसलिए महत्वपूर्ण त्योहार जैसे बैसाखी, पुथांडु, विषु, अक्षय तृतीया, हनुमान जयंती आदि एक ही जगह देखने से समय और भ्रम दोनों की बचत होती है।
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