क्या आप जानते हैं गणपति बप्पा को लंबे समय तक
गणेश चतुर्थी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भक्तों को आनंद और आध्यात्मिक अनुभव से भर देता है, क्योंकि इस दिन गणेश जी की स्थापना और पूजा-अर्चना की जाती है। इस लेख में जानिए कि आप अपने घर में गणपति को कितने साल तक रख सकते हैं?
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था और वर्ष 2025 में यह पावन तिथि 26 अगस्त को आ रही है। इस दिन से पूरे दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। जहां एक ओर भव्य पंडालों में भगवान गणेश की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाती हैं, वहीं कई लोग अपने घरों में भी गणपति बप्पा को विराजमान करते हैं। यदि आप भी पहली बार भगवान गणेश को अपने घर लाने का प्लान बना रहे हैं, तो मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक की परंपराओं को जानना बेहद आवश्यक है।
गणेश जी की स्थापना मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है, अस्थायी और स्थायी। दोनों ही रूपों में स्थापना के नियम अलग होते हैं।
अस्थायी स्थापना
गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर में गणपति जी की जो मूर्ति स्थापित की जाती है वह अस्थायी स्थापना के अंतर्गत आती है। यह परंपरा एक विशेष उत्सव या अवसर के लिए होती है। गणपति जी को श्रद्धा अनुसार 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 10 दिन या अधिकतम 21 दिन तक घर में रखा जा सकता है।
मान्यता यह है कि गणेश जी को घर बुलाना ठीक वैसे ही है जैसे किसी अतिथि को आमंत्रित करना। जैसे अतिथि को समय पर विदा करना शिष्टाचार होता है, वैसे ही गणपति बप्पा को भी नियत समय पर विसर्जित करना आवश्यक होता है। अगर समय पर विसर्जन न किया जाए तो यह अशुभ माना जाता है।
इसके अतिरिक्त, विसर्जन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इससे गणेश जी की मूर्ति पंचतत्व में विलीन हो जाती है और पुनः प्रकृति का हिस्सा बन जाती है।
स्थायी स्थापना
कुछ लोग घर में गणेश जी की मूर्ति को स्थायी रूप से भी स्थापित करते हैं, जो आमतौर पर धातु, पत्थर या संगमरमर की होती है। यदि यह मूर्ति छोटी है, जैसे कि 2 से 4 इंच की, और पूजन के लिए बनाई गई है, तो उसे वर्षों तक घर में रखा जा सकता है। ऐसी मूर्तियों की प्रतिदिन पूजा, सफाई आदि की आवश्यकता होती है।
हालांकि, यदि मूर्ति बड़ी हो, विशेष रूप से जो बैठी हुई मुद्रा में हो और जिसे गणेश चतुर्थी पर स्थापित किया जाता है, तो उसे सालों तक घर में रखना परंपरा के विपरीत माना जाता है। इसका कारण यह है कि ऐसी मूर्तियों में प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है और उन्हें पूजा समाप्त होने के बाद विसर्जित किया जाना चाहिए।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठित मूर्ति को यदि बिना पूजा के लंबे समय तक रखा जाए, तो यह गणेश जी का अनादर माना जाता है। इसलिए बड़ी मूर्तियों को स्थायी रूप से घर में न रखना ही उचित होता है।
गणेश जी की मूर्ति का चयन करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसी मूर्ति शुभ मानी जाती है जिसमें भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी हो। साथ ही, मूर्ति में गणेश जी के साथ उनका वाहन मूषक, हाथ में मोदक और एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में होना चाहिए। यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
दूसरी ओर, जिन मूर्तियों में गणेश जी की सूंड दाईं ओर होती है, उन्हें घर में रखना कठिन पूजा विधान के कारण उचित नहीं माना जाता। ऐसी मूर्तियों की पूजा में विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है, और यदि वे पूरे नहीं किए जाएं तो यह अशुभ फल दे सकता है।
तो ये थी जानकारी कि गणेश जी की मूर्ति घर में कितने समय तक रख सकते हैं। हमारी कामना है कि इस गणेश चतुर्थी आपकी पूजा अर्चना सफल हो, और मंगलमूर्ति भगवान गणेश सदा आपका मंगल करें।
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