गणेश जी को खुश कैसे करें
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गणेश जी को खुश कैसे करें

क्या आप जानते हैं गणेश जी को खुश करने के लिए कौन से भोग, मंत्र और पूजा विधियां सबसे प्रभावी हैं? जानें आसान उपाय और उनके महत्व।

गणेश जी को खुश करने के बारे में

गणेश जी को खुश करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जप करें, मोदक और दूर्वा घास अर्पित करें, लाल फूल चढ़ाएं और मन से सच्ची भक्ति व विनम्रता के साथ पूजा करें।

भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें

भगवान गणेश, जिन्हें गजानन, विनायक, और विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य, पूजा या नए आरंभ से पहले गणेश जी का आह्वान करना अनिवार्य माना जाता है। मान्यता है कि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं और कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करते हैं। गणेश जी अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं, और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष नियम, प्रिय वस्तुएँ और मंत्र बताए गए हैं। उनकी पूजा सिर्फ़ एक कर्मकांड नहीं, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का एक गहरा अनुभव है।

आइए जानते हैं कि आप भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं।

गणेश जी की नियमबद्ध पूजा विधि

भगवान गणेश की पूजा में पवित्रता, विधि-विधान और भक्तिभाव का विशेष महत्व है। यहाँ पूजा करने की चरण-दर-चरण विधि दी गई है:

स्वच्छता और तैयारी

  • पूजा आरंभ करने से पूर्व स्नान कर शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें, गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें। गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।
  • पूजा में आवश्यक सभी सामग्री जैसे धूप, दीप, पुष्प, प्रसाद, चंदन, कुमकुम, दूर्वा, मोदक आदि को पूर्व में ही एकत्रित कर व्यवस्थित रूप से रख लें।

संकल्प

  • पूजा शुरू करने से पहले, दाहिने हाथ में जल, फूल और चावल लेकर अपनी मनोकामना और पूजा का उद्देश्य बताते हुए संकल्प लें। इससे पूजा का फल प्राप्त होता है।

आवाहन

  • गणेश जी का ध्यान करें और उनसे अपनी पूजा स्वीकार करने और स्थान ग्रहण करने का आह्वान करें।
  • उनके आसन पर जल और चावल चढ़ाएँ।

स्नान (पंचामृत स्नान)

  • यदि संभव हो तो गणेश जी की छोटी प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल/पानी का मिश्रण) से स्नान कराएँ।
  • इसके पश्चात उसे शुद्ध जल से स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र से पोंछ दें।

वस्त्र अर्पण

  • भगवान गणेश को नए वस्त्र या कलावा या सूती धागा अर्पित करें।

तिलक और चंदन

  • गणेश जी को रोली (कुमकुम) और चंदन का तिलक लगाएँ। उन्हें सिंदूर अति प्रिय है, इसलिए लाल सिंदूर का तिलक विशेष रूप से लगाएँ।

पुष्प अर्पण

  • भगवान गणेश को लाल गुड़हल का फूल विशेष रूप से प्रिय है। इसके अलावा, गेंदा, कमल, और लाल गुलाब जैसे फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
  • फूलों की माला भी पहनाएँ।

दूर्वा अर्पण

  • दूर्वा गणेश जी को सबसे प्रिय है। 21 दूर्वा की गांठों को एक साथ बांधकर माला बनाकर गणेश जी को अर्पित करें। ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जाप करते हुए दूर्वा चढ़ाएँ।

धूप और दीप

  • शुद्ध घी का दीपक जलाएँ और सुगंधित धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाएँ। यह वातावरण को पवित्र और सुगंधित करता है।

नैवेद्य (भोग) अर्पण

गणेश जी को उनके प्रिय भोग, विशेषकर मोदक या लड्डू (बेसन के लड्डू) अर्पित करें। साथ में केला, नारियल, और अन्य मौसमी फल भी चढ़ाएँ। भोग चढ़ाते समय ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या भोग लगाने का विशेष मंत्र बोलें। भोग के साथ जल का एक छोटा पात्र भी रखें।

आरती

  • पूजा के अंत में, कपूर या दीपक से गणेश जी की आरती करें। आरती गाते समय पूरे भक्तिभाव से उनकी स्तुति करें।आरती के बाद घंटी बजाएँ।

परिक्रमा और क्षमा याचना

  • गणेश जी की कम से कम एक या तीन परिक्रमा करें। अंत में, अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामना दोहराएँ। उपस्थित सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें।

गणेश जी की प्रिय वस्तुएं

जैसा कि ऊपर विधि में बताया गया है, गणेश जी को कुछ विशेष चीज़ें अत्यंत प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं:

  • मोदक और लड्डू: ये उनके सबसे प्रिय भोग हैं। मोदक उनकी बुद्धिमत्ता और संतुष्टि का प्रतीक हैं।
  • दूर्वा घास: 21 दूर्वा की गांठें गणेश जी को चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह उनके शरीर की जलन शांत करने और उन्हें शक्ति प्रदान करने से जुड़ी पौराणिक कथा से संबंधित है।
  • लाल गुड़हल का फूल: यह फूल गणेश जी को विशेष रूप से प्रिय है। लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है, जो गणेश जी के स्वरूप से मेल खाता है।
  • सिंदूर: गणेश जी को सिंदूर का लेप लगाना बहुत प्रिय है। इसे ‘सिंदूर लेपन’ कहा जाता है।
  • केला: केले का गुच्छा या केले के फल भी उन्हें पसंद हैं।
  • नारियल: शुभता का प्रतीक नारियल भी उन्हें अर्पित किया जाता है।
  • शमी पत्र: शमी का पत्ता भी गणेश जी को प्रिय है, और इसे चढ़ाने से शनि के दोष भी कम होते हैं।
  • घी और गुड़: गुड़ और घी से बने व्यंजन भी उन्हें पसंद हैं।
  • पीली वस्तुएँ: पीला रंग गणेश जी को प्रिय है, इसलिए पूजा में पीले फूल या वस्त्र का प्रयोग कर सकते हैं।

मंत्रों का जाप करें: गणेश जी के प्रसिद्ध मंत्र और उनके लाभ

मंत्रों का जाप गणेश जी को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली तरीका है। मंत्र जाप से मन एकाग्र होता है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यहाँ कुछ प्रसिद्ध मंत्र और उनके लाभ दिए गए हैं:

1. गणेश मूल मंत्र

मंत्र: "ॐ गं गणपतये नमः" अर्थ: "मैं सभी गणों के स्वामी भगवान गणेश को नमन करता हूँ।" लाभ: यह सबसे सरल और शक्तिशाली गणेश मंत्र है। इसका जाप करने से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं, बुद्धि तीव्र होती है, और किसी भी नए कार्य में सफलता मिलती है। यह मन को शांति प्रदान करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।

2. वक्रतुंड महाकाय मंत्र

मंत्र: "वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥" अर्थ: "हे घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी देव! मेरे सभी कार्यों को हमेशा निर्विघ्न रूप से संपन्न करें।" लाभ: यह मंत्र बाधाओं को दूर करने और किसी भी कार्य में सफलता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत प्रभावी है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता लाता है।

3. गणेश गायत्री मंत्र

मंत्र: "ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि। तन्नो दंति प्रचोदयात्॥" अर्थ: "हम एक दांत वाले गणेश जी को जानते हैं। हम घुमावदार सूंड वाले गणेश जी का ध्यान करते हैं। वे दंती (हाथी के दांत वाले) हमें प्रेरित करें।" लाभ: यह मंत्र बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाता है, निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है, और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।

4. संकटनाशन गणेश स्तोत्र (जाप के बाद पाठ)

यह एक स्तोत्र है जिसका नियमित पाठ करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

मंत्र जाप के नियम

  • मंत्रों का जाप सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके करें।
  • शांत और पवित्र स्थान पर आसन बिछाकर बैठें।
  • रुद्राक्ष या चंदन की माला का प्रयोग करें।
  • कम से कम 108 बार जाप करें।
  • जाप करते समय गणेश जी के स्वरूप का ध्यान करें और मंत्र के अर्थ पर मन को केंद्रित करें।
  • नियमितता बहुत महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

भगवान गणेश को प्रसन्न करना भक्ति, श्रद्धा और सही विधि का संगम है। नियमबद्ध पूजा, उन्हें प्रिय वस्तुएँ अर्पित करना और उनके शक्तिशाली मंत्रों का जाप करना – ये सभी तरीके गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होते हैं। वे अपने भक्तों के विघ्न हरते हैं, उन्हें बुद्धि और समृद्धि प्रदान करते हैं, और उनके जीवन में खुशियाँ लाते हैं।

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Published by Sri Mandir·August 18, 2025

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