गणेश चतुर्थी में क्या करना चाहिए?
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

गणेश चतुर्थी में क्या करना चाहिए?

जानें गणेश चतुर्थी की विधि, व्रत का महत्व, पूजा सामग्री और श्री गणेश को प्रसन्न करने के उपाय, जिससे जीवन में विघ्न दूर होकर सुख-समृद्धि आए।

गणेश चतुर्थी में क्या करें?

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना करें, उनका स्वागत करें, मोदक और फलों का भोग अर्पित करें। घर और पूजा स्थल को साफ रखें, मंत्रों का जाप करें, और गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

गणेश चतुर्थी 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन गणपति बप्पा की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है। यह वह दिन होता है जब समस्त विघ्नों का नाश करने वाले श्री गणेश अपने भक्तों के घर पधारते हैं। उनकी स्थापना से लेकर विसर्जन तक, हर क्रिया में आस्था के साथ-साथ शुद्धता, नियम और मर्यादा का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है। परंतु कई बार हम उत्सव के उत्साह में कुछ ऐसे कार्य कर बैठते हैं, जो धार्मिक मर्यादाओं के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन के भी विपरीत होते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान हमें क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए, ताकि यह पर्व हमारे जीवन में न सिर्फ आनंद लाए, बल्कि अध्यात्म, अनुशासन और जागरूकता का संदेश भी दे।आइए जानते हैं इस शुभ अवसर पर अपनाए जाने वाले सही आचरण और जरूरी सावधानियाँ।

गणेश चतुर्थी में क्या करना चाहिए?

  • पूजा से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को अच्छे से साफ़ करें।
  • भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करने से पहले स्थान को गंगाजल या शुद्ध जल से पवित्र करना चाहिए, ताकि वहां की ऊर्जा सकारात्मक और सात्विक बनी रहे।
  • गणेश जी की मूर्ति की स्थापना हमेशा ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार बताए गए शुभ मुहूर्त में ही करें।
  • पूजा करते समय सही विधि और सामग्रियों का प्रयोग करें जैसे दूर्वा घास (21 तिनके), मोदक (गणेश जी का प्रिय भोग), लाल फूल, चंदन, धूप और दीप। ये सभी वस्तुएँ भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय हैं और पूजा की पूर्णता इन्हीं से मानी जाती है।
  • पूजा के समय मन को शांत रखें और पूरे मनोयोग व भक्ति से आराधना करें। व्रत रखते समय संयमित आहार और सोच का पालन करें।
  • मूर्ति विसर्जन करते समय यह सुनिश्चित करें कि वह प्राकृतिक जल स्रोत को प्रदूषित न करे। घर में बाल्टी या टब में विसर्जन भी एक उत्तम विकल्प है।
  • इस पावन समय में सात्विक भोजन करें और सोच में भी शुद्धता बनाए रखें ।
  • यह पर्व केवल पूजा तक सीमित न रहे, बल्कि बच्चों को इसके पीछे की पौराणिक कथा, मूल्यों और परंपराओं के बारे में बताएं।
  • जब तक गणेश जी की स्थापना आपके घर में है, तब तक घर में कोई कलह, अपवित्र कार्य या नकारात्मक ऊर्जा न आने दें।

गणेश चतुर्थी में क्या नहीं करना चाहिए

  • कभी भी अपवित्र अवस्था में पूजा न करें। बिना मानसिक और शारीरिक शुद्धता के पूजा करना अनुचित माना जाता है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी मूर्तियों का प्रयोग न करें। POP मूर्तियाँ पानी में आसानी से घुलती नहीं हैं और जल स्रोतों को प्रदूषित करती हैं।
  • गणेश चतुर्थी जैसे पवित्र पर्व पर किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन या अपवित्र आचरण पूर्णतः वर्जित होता है।
  • ऐसे गीतों से बचना चाहिए जो धार्मिक वातावरण को दूषित करते है। भक्ति गीत, आरती, मंत्र या शांत संगीत का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • गणेश जी की स्थापना के दौरान उन्हें कभी अकेला न छोड़ें; जब तक वे विराजमान हैं, तब तक प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा, भोग अर्पण, आरती और ध्यान अवश्य करें।
  • विसर्जन के समय मूर्ति को कहीं भी न फेंकें, सही स्थान और विधि से विसर्जन करें
  • गणेश चतुर्थी का मूल उद्देश्य भक्ति, संयम और समर्पण है। जितना हो सके, सादगी और श्रद्धा के साथ उत्सव मनाएं।

गणेश चतुर्थी पर बच्चों के लिए धार्मिक क्रियाकलाप

गणेश चतुर्थी न केवल पूजा-पाठ का पर्व है, बल्कि यह बच्चों को हमारी परंपराओं और संस्कृति से जोड़ने का भी सुनहरा अवसर है। इस दिन उन्हें केवल दर्शक नहीं, बल्कि उत्सव का सक्रिय भागीदार बनाना चाहिए।

  • घर की सजावट में भाग लें: बच्चों को रंग-बिरंगे कागज, फूलों और प्राकृतिक सामग्रियों से गणेश जी के स्वागत के लिए सजावट करने में शामिल करें। उन्हें क्राफ्टिंग का काम दें जैसे– तोरण बनाना, दीवार पर गणेश थीम वाली सजावट करना आदि।

  • रंगोली बनाना सिखाएँ: बच्चों को गणेश जी के स्वागत में सुंदर रंगोली बनाने के लिए प्रेरित करें। इससे उनकी कला और रंगों की समझ भी बढ़ेगी, और वे पर्व की तैयारियों का हिस्सा भी बनेंगे।

  • शिल्प और मजेदार धार्मिक गतिविधियाँ: गणेश चतुर्थी से जुड़ी गतिविधियाँ जैसे – मिट्टी से गणेश मूर्ति बनाना, चॉकलेट या नारियल मोदक तैयार करना, पूजा की थाली सजाना – बच्चों को रचनात्मक और भावनात्मक रूप से इस त्योहार से जोड़ती हैं।

  • धार्मिक कथा और आरती में भागीदारी: बच्चों को गणेश जी की कहानियाँ पढ़कर सुनाएँ या उन्हें बाल पुस्तकों के माध्यम से उनका परिचय दें। साथ ही, उन्हें आरती में भाग लेने के लिए प्रेरित करें ताकि वे भक्ति की भावना को अनुभव कर सकें।

  • पूजा स्थल की सजावट: गणेश जी के मंदिर या पूजा स्थल को सजाने में बच्चों की मदद लें। यह न केवल एक रचनात्मक कार्य है, बल्कि इससे वे पूजा की गंभीरता और श्रद्धा को भी समझते हैं।

  • स्थानीय गणेश पंडालों का भ्रमण करें: बच्चों को पास के गणेश पंडालों में ले जाकर उन्हें भक्ति, संस्कृति और उत्सव के माहौल से परिचित कराएँ। यह एक आनंददायक अनुभव होता है जो लंबे समय तक उनकी स्मृति में रहता है।

निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार बच्चों को धार्मिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक रूप से विकसित करने का उत्तम माध्यम हैं। जब बच्चे इन गतिविधियों में भाग लेते हैं, तो वे केवल परंपराओं को नहीं सीखते, बल्कि उनसे जुड़ाव भी महसूस करते हैं।

divider
Published by Sri Mandir·August 24, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook