क्या आप जानते हैं, गणेश चतुर्थी की आरती से क्यों पूरी होती है हर मनोकामना? जानें इसका रहस्य और सही तरीके से पूजन की विधि।
गणेश चतुर्थी आरती भगवान गणेश की पूजा का मुख्य हिस्सा है, जिसमें भक्त दीप प्रज्वलित कर भजन और मंत्रों के साथ आरती गाते हैं। यह आरती सुख, समृद्धि और विघ्नों के नाश का प्रतीक मानी जाती है।
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर साधक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक उनकी आरती न की जाए। गणेशोत्सव के दौरान पूजा के बाद सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची और जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा दोनों आरतियां गाई जाती हैं। इन आरतियों के पाठ से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनः कमाना पूर्ति
जय देव जय देव
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदंत दयावंत चारभुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश...
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधे को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजै सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की आरती करने से कई लाभ मिलते हैं। क्योंकि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सुख, समृद्धि और सफलता का द्वार खोलने वाला एक शक्तिशाली माध्यम है। तो जानिए आरती के लाभ।
सुख-समृद्धि और धन लाभ: गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की आरती करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। साथ ही, इससे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
समस्त बाधाओं से मुक्ति: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी आरती करने से जीवन में आने वाली हर प्रकार की रुकावटें और परेशानियाँ दूर होती हैं, और हर कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होता है।
सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति: आरती का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है, जिससे घर की नकारात्मकता दूर होती है। इससे मन शांत और प्रसन्न रहता है।
भाग्य का उदय और सफलता: जो भक्त पूरी श्रद्धा से गणपति बप्पा की आरती करते हैं, उनका सोया हुआ भाग्य जाग उठता है। ऐसे व्यक्तियों को हर क्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान मिलता है।
ज्ञान और सद्बुद्धि की प्राप्ति: गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी आरती करने से व्यक्ति को सद्बुद्धि मिलती है, जिससे वह सही निर्णय ले पाता है।
आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ: आरती करने से न केवल आध्यात्मिक ज्ञान और आनंद की प्राप्ति होती है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है।
मान्यता अनुसार, गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की आरती पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि इसे न किया जाए तो पूजा अधूरी माना जाती है। ऐसे में आरती करते समय पूरी विधि औऱ नियमों का पालन जरू करना चाहगि ताकि भगवान गणेश का पूर्ण आशीर्वाद मिले।
आरती पूरी होने के बाद अज्ञारी जरूर करें। इसके लिए जलते हुए कंडे पर गुग्गल डालते हुए धुम्रवर्ण विनायक बैठो मंत्र बोलें। माना जाता है कि ऐसा करने से बप्पा पूजा स्वीकार करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। अंत में सभी को प्रसाद वितरित करें और भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने और आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें।
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