क्यों इको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं? जानें इनके लाभ, बनाने की प्रक्रिया और पूजा का सही तरीका।
इको-फ्रेंडली गणेश चतुर्थी में मिट्टी, शंख या प्राकृतिक रंगों से बनी गणपति प्रतिमा स्थापित की जाती है। इससे जल प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है। यह परंपरा को आधुनिक जिम्मेदारी के साथ निभाने का सुंदर तरीका है।
इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति ऐसी भगवान गणेश की मूर्ति होती है जो पर्यावरण के अनुकूल होती है। ये मूर्तियां प्राकृतिक चीजों जैसे शुद्ध मिट्टी, गोबर, पेपर माचे या फूलों से बनाई जाती हैं। इनका रंग भी हानिकारक केमिकल की बजाय हल्दी, चंदन या फूलों से तैयार किया जाता है। ये मूर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती हैं और नदियों या तालाबों को गंदा नहीं करतीं। पारंपरिक मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और केमिकल रंगों से बनती हैं, जो पानी को प्रदूषित करती हैं। इको-फ्रेंडली मूर्तियां न सिर्फ सुंदर होती हैं बल्कि प्रकृति की रक्षा भी करती हैं। यही कारण है कि अब लोग इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति चुनने के लिए, आपको प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल सामग्री जैसे मिट्टी, गोबर, या प्राकृतिक रेशों से बनी मूर्ति का चयन करना चाहिए। ऐसी मूर्तियाँ पानी में आसानी से घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति चुनने के लिए कुछ सुझाव के बारे में जानते हैं:
लालबागचा राजा मुंबई का सबसे प्रसिद्ध सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल है, लेकिन पारंपरिक रूप से इसकी मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) और रासायनिक रंगों से बनी होती है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है। हालांकि, हाल के वर्षों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ने के कारण कुछ बदलाव हुए हैं-
इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति के कई लाभ हैं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और मानव स्वास्थ्य की रक्षा शामिल है। ये मूर्तियां प्राकृतिक, जैव-विघटित होने वाली सामग्रियों से बनी होती हैं, जो पानी में आसानी से घुल जाती हैं और जलीय जीवन को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। इसके विपरीत, पारंपरिक प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां पानी को प्रदूषित करती हैं और जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इको-फ्रेंडली मूर्तियां अक्सर पीओपी मूर्तियों की तुलना में कम खर्चीली होती हैं, और कारीगरों को भी अधिक लाभ पहुंचाती हैं।
इको-फ्रेंडली गणपति, जो पानी में आसानी से घुल जाते हैं, आमतौर पर मिट्टी या शादु माटी से बने होते हैं। ये मूर्तियां प्राकृतिक रूप से विघटित होने वाली सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जैसे कि मिट्टी, पेपर माचे, प्राकृतिक रेशे, और पौधे-आधारित रेजिन।
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