इको-फ्रेंडली गणेश
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इको-फ्रेंडली गणेश

क्यों इको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं? जानें इनके लाभ, बनाने की प्रक्रिया और पूजा का सही तरीका।

इको-फ्रेंडली गणेश के बारे में

इको-फ्रेंडली गणेश चतुर्थी में मिट्टी, शंख या प्राकृतिक रंगों से बनी गणपति प्रतिमा स्थापित की जाती है। इससे जल प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है। यह परंपरा को आधुनिक जिम्मेदारी के साथ निभाने का सुंदर तरीका है।

इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति क्या है?

इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति ऐसी भगवान गणेश की मूर्ति होती है जो पर्यावरण के अनुकूल होती है। ये मूर्तियां प्राकृतिक चीजों जैसे शुद्ध मिट्टी, गोबर, पेपर माचे या फूलों से बनाई जाती हैं। इनका रंग भी हानिकारक केमिकल की बजाय हल्दी, चंदन या फूलों से तैयार किया जाता है। ये मूर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती हैं और नदियों या तालाबों को गंदा नहीं करतीं। पारंपरिक मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और केमिकल रंगों से बनती हैं, जो पानी को प्रदूषित करती हैं। इको-फ्रेंडली मूर्तियां न सिर्फ सुंदर होती हैं बल्कि प्रकृति की रक्षा भी करती हैं। यही कारण है कि अब लोग इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

गणेश जी की इको-फ्रेंडली मूर्ति कैसे चुनें?

इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति चुनने के लिए, आपको प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल सामग्री जैसे मिट्टी, गोबर, या प्राकृतिक रेशों से बनी मूर्ति का चयन करना चाहिए। ऐसी मूर्तियाँ पानी में आसानी से घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति चुनने के लिए कुछ सुझाव के बारे में जानते हैं:

सामग्री

  • प्राकृतिक मिट्टी से बनी मूर्तियाँ पर्यावरण के लिए सबसे अच्छी होती हैं।
  • गोबर से बनी मूर्तियाँ भी पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होती हैं।
  • पेपर माचे से बनी मूर्तियाँ भी बायोडिग्रेडेबल होती हैं।

वजन

  • इको-फ्रेंडली मूर्तियाँ आमतौर पर भारी होती हैं, क्योंकि वे प्राकृतिक सामग्री से बनी होती हैं।

रंग

  • प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए, जो पर्यावरण के अनुकूल हों।

विघटन

  • मूर्ति को पानी में विसर्जित करते समय, यह आसानी से घुल जानी चाहिए और कोई हानिकारक अवशेष नहीं छोड़ना चाहिए।

पॉप-अप मूर्तियों से बचें

  • प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों का उपयोग न करें, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं।

सजावट

  • साबूदाने, चावल, दालों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके मूर्ति को सजाएं।

DIY

  • आप घर पर भी इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति बना सकते हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्य शामिल हो सकते हैं।
  • अगर आप खुद मूर्ति बना रहे हैं तो ऐसे में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप मूर्ति को सजाने के लिए प्राकृतिक रंगों और सामग्रियों का उपयोग करें। इसके साथ ही मूर्ति को विसर्जित करते समय, इसे किसी नदी या तालाब में न डालें, बल्कि किसी गमले या बगीचे में विसर्जित करें। वहीं, इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति के महत्व के बारे में दूसरों को भी जागरूक करें।

क्या लालबागचा राजा इको-फ्रेंडली है?

लालबागचा राजा मुंबई का सबसे प्रसिद्ध सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल है, लेकिन पारंपरिक रूप से इसकी मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) और रासायनिक रंगों से बनी होती है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है। हालांकि, हाल के वर्षों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ने के कारण कुछ बदलाव हुए हैं-

  • आमतौर पर ये मूर्तियां प्लासटर ऑफ पेरिस और केमिकल पेंट्स से बनी होती है, जो विसर्जन पर जल प्रदूषण करती है।
  • 2023 में पहल : कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, लालबागचा राजा मंडल ने आंशिक रूप से इको-फ्रेंडली तत्वों (जैसे प्राकृतिक रंग) का उपयोग शुरू किया, लेकिन अभी भी मूर्ति पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल नहीं है।
  • मूर्ति को कृत्रिम तालाब (Artificial Pond) में विसर्जित किया जाता है, जिससे नदियों को प्रदूषण से बचाया जा सके।
  • हालांकि पंडाल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समय‑समय पर “नो प्लास्टिक” थीम और प्रदूषण‑रोधी सजावट अपनाता रहा है।
  • मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक यह उल्लेखनीय नहीं है कि लालबागचा राजा ने पूरी तरह से इको फ्रेंडली मूर्ति अपनाई हो।
  • जबकि कुछ छोटे मंडल या कलात्मक समूह, जैसे अम्बेडकर नगर मंडल (वोर्ली) इको‑फ्रेंडली मूर्तियों का प्रयोग कर रहे हैं, लालबागचा राजा का उल्लेख ऐसी मूर्ति के रूप में नहीं मिलता है।

इको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति के कई लाभ हैं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और मानव स्वास्थ्य की रक्षा शामिल है। ये मूर्तियां प्राकृतिक, जैव-विघटित होने वाली सामग्रियों से बनी होती हैं, जो पानी में आसानी से घुल जाती हैं और जलीय जीवन को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। इसके विपरीत, पारंपरिक प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां पानी को प्रदूषित करती हैं और जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इको-फ्रेंडली मूर्तियां अक्सर पीओपी मूर्तियों की तुलना में कम खर्चीली होती हैं, और कारीगरों को भी अधिक लाभ पहुंचाती हैं।

कौन से इको-फ्रेंडली गणपति पानी में घुल जाते हैं?

इको-फ्रेंडली गणपति, जो पानी में आसानी से घुल जाते हैं, आमतौर पर मिट्टी या शादु माटी से बने होते हैं। ये मूर्तियां प्राकृतिक रूप से विघटित होने वाली सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जैसे कि मिट्टी, पेपर माचे, प्राकृतिक रेशे, और पौधे-आधारित रेजिन।

मिट्टी/शादु माटी

  • ये मूर्तियां प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली मिट्टी से बनाई जाती हैं, जो पानी में आसानी से घुल जाती है।

पेपर माचे

  • यह एक और सामग्री है जो पानी में आसानी से घुल जाती है, और इसे कागज को पानी में भिगोकर बनाया जाता है।

प्राकृतिक रेशे

  • कुछ इको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां प्राकृतिक रेशों जैसे कि नारियल के रेशे या कपास से भी बनाई जाती हैं, जो पानी में विघटित हो जाते हैं।

पादप-आधारित रेजिन

  • ये रेजिन पौधों से प्राप्त होते हैं और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं, और पानी में आसानी से विघटित हो जाते हैं।
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Published by Sri Mandir·August 18, 2025

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