मासिक दुर्गाष्टमी कब है
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मासिक दुर्गाष्टमी कब है

क्या आप जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी 2026 कब है? यहां जानिए तिथि, पूजा विधि, व्रत नियम, शुभ मुहूर्त और देवी दुर्गा की आराधना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण धार्मिक परंपराओं की संपूर्ण जानकारी एक ही स्थान पर!

मासिक दुर्गाष्टमी के बारे में

मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा की उपासना के रूप में मनाई जाती है। इस दिन साधक माता के नौ रूपों का स्मरण कर शक्ति, साहस और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। घरों और मंदिरों में दुर्गा चालीसा, देवी कीर्तन और हवन का आयोजन होता है। उपवास रखने से मन शुद्ध होता है और बाधाओं के समाधान में सहायता मिलती है।

मासिक दुर्गाष्टमी

हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु माता दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी पर देवी दुर्गा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, जीवन में साहस, शक्ति और समृद्धि का संचार होता है, तथा नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। यह दिन माता के प्रति श्रद्धा, भक्ति और आत्मशक्ति को जागृत करने का प्रतीक माना जाता है।

आइए जानें वर्ष 2026 में मासिक दुर्गा अष्टमी कब-कब पड़ेगी और किन तिथियों पर माता की विशेष पूजा का महत्व रहेगा।

मासिक दुर्गा अष्टमी कब है : 2026 की तिथियाँ

तिथि

मास

अष्टमी प्रारम्भ

अष्टमी समाप्त

26 जनवरी, सोमवार

माघ, शुक्ल अष्टमी

25 जनवरी, रात 11:10 बजे

26 जनवरी,रात 09:17 बजे

24 फरवरी, मंगलवार

फाल्गुन, शुक्ल अष्टमी

24 फरवरी, सुबह 07:01 बजे

25 फरवरी, सुबह 04:51 बजे

26 मार्च, बृहस्पतिवार

चैत्र, शुक्ल अष्टमी

25 मार्च, दोपहर 01:50 बजे

26 मार्च, पूर्वाह्न 11:48 बजे

24 अप्रैल, शुक्रवार

वैशाख, शुक्ल अष्टमी

23 अप्रैल, रात 08:49 बजे

24 अप्रैल, शाम 07:21 बजे

23 मई, शनिवार

ज्येष्ठ, शुक्ल अष्टमी

23 मई, सुबह 05:04 बजे

24 मई, सुबह 04:27 बजे

22 जून, सोमवार

ज्येष्ठ, शुक्ल अष्टमी

21 जून, दोपहर 03:20 बजे

22 जून, दोपहर 03:39 बजे

21 जुलाई, मंगलवार

आषाढ़, शुक्ल अष्टमी

21 जुलाई, सुबह 04:02 बजे

22 जुलाई, सुबह 05:16 बजे

20 अगस्त, बृहस्पतिवार

श्रावण, शुक्ल अष्टमी

19 अगस्त, शाम 07:19 बजे

20 अगस्त, रात 09:18 बजे

19 सितंबर, शनिवार

भाद्रपद, शुक्ल अष्टमी

18 सितंबर, दोपहर 01:00 बजे

19 सितंबर, दोपहर 03:26 बजे

19 अक्टूबर, सोमवार

आश्विन, शुक्ल अष्टमी

18 अक्टूबर, सुबह 08:27 बजे

19 अक्टूबर, पूर्वाह्न 10:51 बजे

17 नवंबर, मंगलवार

कार्तिक, शुक्ल अष्टमी

17 नवंबर, सुबह 04:19 बजे

18 नवंबर, सुबह 06:04 बजे

17 दिसंबर, बृहस्पतिवार

मार्गशीर्ष, शुक्ल अष्टमी

16 दिसंबर, रात 10:45 बजे

17 दिसंबर, रात 11:25 बजे

मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व

हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व माना गया है, जो हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। जैसे प्रत्येक माह मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है, उसी प्रकार मासिक दुर्गा अष्टमी भी देवी उपासना का शक्तिपूर्ण दिन माना जाता है।

मासिक दुर्गा अष्टमी पर व्रत रखकर और विधि-विधान से पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और आत्मबल का संचार होता है। यह व्रत घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है तथा शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्रदान करता है। माना जाता है कि यह दिन नवरात्रि की अष्टमी जितना ही फलदायी होता है और इसे श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाने से जीवन में तरक्की और सफलता के मार्ग खुलते हैं।

दुर्गा पूजा और व्रत विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत का अत्यंत महत्व होता है। इस तिथि पर देवी दुर्गा की आराधना करने से सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता की प्राप्ति होती है तथा जीवन में मंगल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कहा जाता है कि श्रद्धा और भक्ति से किया गया यह व्रत मां दुर्गा को प्रसन्न करता है और वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं।

पूजा और व्रत की विधि

  • प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और अपने घर व पूजा स्थल की सफाई करें।
  • लाल रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि लाल रंग शक्ति और शुभता का प्रतीक है।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, रोली, कुमकुम, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
  • इसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ का पाठ करें।
  • मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद के रूप में फल, पान, मिठाई और घर का बना भोजन अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान तामसिक वस्तुओं से दूर रहें और मन को पवित्र एवं शांत रखें।

माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा विधिपूर्वक करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आत्मबल बढ़ता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी पर क्या करें

मासिक दुर्गा अष्टमी का दिन देवी शक्ति की उपासना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन किए जाने वाले शुभ कार्य:

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद स्वच्छ एवं पवित्र वस्त्र धारण करें।
  • लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें।
  • अपने पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, पुष्प, अक्षत, रोली, कुमकुम, धूप और दीप अर्पित करें।
  • दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ का पाठ करें।
  • मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करें। विशेष रूप से “या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” का जाप शुभ माना जाता है।
  • फल, पान, मिठाई और घर का बना भोजन से माता को भोग लगाएँ।
  • पूजा के बाद आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ देवी का आशीर्वाद लें।
  • दिनभर सात्त्विक आहार रखें और तामसिक भोजन या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें - जैसे भोजन, वस्त्र या धन का दान, जिससे माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

मासिक दुर्गाष्टमी के लाभ

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत और पूजा करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत जीवन में सकारात्मकता, सफलता और शांति का मार्ग खोलता है तथा जीवन की सभी बाधाओं दूर करता है। नीचे दिए गए हैं मासिक दुर्गा अष्टमी के प्रमुख लाभ:-

  • इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने पर मां दुर्गा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
  • यह व्रत व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करता है।
  • देवी की उपासना से घर और जीवन से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
  • यह व्रत घर-परिवार में सौहार्द, सुख और समृद्धि बनाए रखता है।
  • मां दुर्गा अपने भक्तों को जीवन की विपत्तियों और दुखों से रक्षा करती हैं।
  • नियमित रूप से मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत करने से मन शांत रहता है और आत्मिक विकास होता है।
  • मां दुर्गा की आराधना से कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन में प्रगति होती है।
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Published by Sri Mandir·December 3, 2025

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