गणेश जयंती कब है
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गणेश जयंती कब है?

क्या आप जानते हैं गणेश जयंती 2026 कब है? यहां जानिए तिथि, पूजा-विधि, व्रत नियम, शुभ मुहूर्त और भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव से जुड़ी सभी धार्मिक मान्यताएं — सब कुछ एक ही जगह!

गणेश जयंती के बारे में

'गणेश जयंती' का पर्व बुद्धि व समृद्धि के देवता भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह पर्व हर वर्ष माघ के महीने की शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि जनवरी और फरवरी महीने के मध्य में आती है। यह त्योहार पूरे भारत में, खासकर महाराष्ट्र और गोवा में भरपूर उल्लास के साथ मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे तिलकुट चतुर्थी, वाद चतुर्थी और माघ शुक्ल चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

गणेश जयंती कब है?

  • गणेश जयन्ती 22 जनवरी 2026, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी।
  • चतुर्थी तिथि 22 जनवरी 2026 को 02:47 AM पर प्रारंभ होगी।
  • चतुर्थी तिथि का समापन 23 जनवरी 2026 को 02:28 AM पर होगा।
  • मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त - 11:05 AM से 01:15 PM (अवधि - 02 घण्टे 10 मिनट्स)
  • वर्जित चन्द्रदर्शन का समय - 08:56 AM से 08:56 PM (अवधि - 12 घण्टे 00 मिनट्स)

गणेश जयंती का महत्व

सनातन धर्म में गणेश जयंती का विशेष धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इसी दिन माता पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने गणेश जी को जन्म दिया था। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव कहा गया है, यानी किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति पूजन से ही की जाती है।

इस दिन भगवान गणेश के “विघ्नहर्ता” स्वरूप की उपासना की जाती है। यह पर्व यह सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ, उन्हें ज्ञान, धैर्य और भक्ति के मार्ग से दूर किया जा सकता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि माघ महीने में भगवान गणेश की उपासना करने से बुद्धि-विवेक की वृद्धि होती है, जीवन में समृद्धि आती है और परिवार में शुभता का वास होता है। इस दिन किए गए जप-तप, व्रत और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।

गणेश जयंती की पूजा विधि

गणेश जयंती के दिन घर पर भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा करने की विधि इस प्रकार है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से धोकर पवित्र करें। एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • सबसे पहले गणेश जी के सामने दीपक जलाएँ और संकल्प लें - “हे विघ्नहर्ता गणेश जी, मैं आज श्रद्धा-भक्ति से आपकी पूजा कर रहा हूँ, कृपया मेरे जीवन की सभी बाधाएँ दूर करें।” फिर गणेश जी को जल, अक्षत, पुष्प, दूर्वा और चंदन अर्पित करें।
  • अब गणेश जी का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें। उसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएँ। फिर लाल फूल, मोदक, लड्डू, गुड़ और नारियल अर्पित करें।
  • अब गणेश जी के मंत्र का जाप करें। मंत्र-जप के बाद आरती करें। अंत में भगवान गणेश के समक्ष अपनी मनोकामना पूर्ण करने का निवेदन करें।
  • पूजा पूर्ण होने के बाद मोदक या लड्डू का प्रसाद बाँटें। परिवार के सभी सदस्य मिलकर आरती करें और भगवान का धन्यवाद करें।
  • माना जाता है कि इस दिन यदि व्यक्ति पूरे मन से गणेश जी की आराधना करता है, तो उसे समृद्धि और “बुद्धि” दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

व्रत विधि

  • व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनकर पूरे दिन गणेश जी की उपासना संकल्प लेना चाहिए।
  • व्रत के दौरान फल, दूध, दही, गुड़, और तिल से बनी वस्तुएँ ग्रहण की जा सकती हैं।
  • नमक, तामसिक भोजन और अनाज का सेवन वर्जित माना गया है।
  • दोपहर में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और मंत्र-जप करें।
  • पूजा के बाद मोदक, लड्डू, और तिल-गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाएँ।
  • दिनभर गणेश जी के नाम का स्मरण करते रहें। यह व्रत तभी सफल माना जाता है जब व्यक्ति मन, वचन और कर्म से संयम रखे।
  • शाम को आरती करने के बाद व्रत खोल सकते हैं।

गणेश जयंती के लाभ

बाधाओं से मुक्ति

  • भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” कहा गया है। अतः उनकी पूजा से जीवन की रुकावटें और समस्याएँ दूर होती हैं।

बुद्धि और विवेक की वृद्धि

  • गणेश जी को ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है। जो व्यक्ति सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसे निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

सुख - समृद्धि

  • गणेश जी की कृपा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है, व्यापार और कार्यक्षेत्र में उन्नति होती है, और नए कार्यों की शुरुआत सफल होती है।

मन की शांति

  • व्रत-पूजन के दौरान जब व्यक्ति संयम और ध्यान में रहता है, तो उसके भीतर की नकारात्मकता दूर होती है और मन को स्थिरता मिलती है।

पारिवारिक सौहार्द

  • गणेश जी को मंगलमूर्ति कहा गया है। उनका नाम लेने से घर में सौहार्द, एकता और प्रेम की भावना बढ़ती है।

कार्य में सफलता

  • गणेश जयंती के दिन यदि कोई नया कार्य शुरू किया जाए, तो उसमें निरंतर सफलता मिलती है।

ये थी 'गणेश जयंती' से जुड़ी विशेष जानकारी। इस गणेश जयंती पर श्री मंदिर कामना करता है कि विघ्नहर्ता गणपति बप्पा आपके जीवन से सभी बाधाएँ दूर करें, सही निर्णय लेने की क्षमता दें, और परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखें।

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Published by Sri Mandir·December 2, 2025

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