विजया एकादशी कब है
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विजया एकादशी कब है | Vijaya Ekadashi Kab Hai 2026

जानिए इस व्रत की तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का रहस्य – सब कुछ एक ही जगह!

विजया एकादशी के बारे में

विजया एकादशी वह पवित्र तिथि है जो जीवन में विजय, सफलता और शुभ फल की प्राप्ति का मार्ग खोलती है। मान्यता है कि इस दिन किया गया उपवास, पूजा और भगवान विष्णु का स्मरण सभी बाधाओं को दूर करता है और मनोकामनाएँ पूर्ण करता है। इस लेख में जानिए विजया एकादशी 2026 में कब है, इसके महत्व और पालन से जुड़े आवश्यक नियम, जो इस व्रत को और भी अधिक फलदायी बनाते हैं।

विजया एकादशी क्या है?

विजया एकादशी फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से रखने पर घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष में आने वाली यह एकादशी जीवन में खुशहाली लाने वाली मानी गई है। इस अवसर पर भक्त विधि-विधान से विष्णु भगवान की उपासना करते हैं, जिससे उन्हें शांति, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

विजया एकादशी का धार्मिक महत्व

1. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति

विजया एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उनकी भक्ति और पूजा करने से भक्त पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि इससे जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और समस्याओं पर विजय मिलती है।

2. सुख-समृद्धि और सौभाग्य

व्रत और पूजा से घर में शांति, खुशहाली और आर्थिक समृद्धि आती है। इस दिन किए गए शुभ कर्म जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं।

3. आध्यात्मिक लाभ

इस एकादशी का व्रत मन और आत्मा दोनों को शुद्ध करता है। नियमित उपासना से व्यक्ति का भक्ति भाव मजबूत होता है और वह आध्यात्मिक रूप से उन्नति की ओर बढ़ता है।

4. पापों से मुक्ति

व्रत करने से पुराने पापों का नाश होता है और जीवन में मानसिक शांति आती है। यह व्रत व्यक्ति के जीवन में संतुलन और सकारात्मकता बनाए रखने में मदद करता है।

विजया एकादशी कब है?: जानें शुभ मुहूर्त

2026 में विजया एकादशी शुक्रवार, 13 फरवरी को पड़ेगी। इस दिन श्रद्धा और विधि-विधान के साथ व्रत रखा जाएगा और भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी।

विजया एकादशी की तिथि

13 फरवरी 2026, शुक्रवार

शुभ मुहूर्त

इस दिन का शुभ मुहूर्त हर वर्ष पंचांग अनुसार अलग होता है। इसलिए सही समय जानने के लिए उस वर्ष का पंचांग देखना आवश्यक है।

विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि

1. पूजा की तैयारी

  • व्रत से पहले हल्का और सात्विक भोजन करें।
  • रात को जल्दी सोएँ और पूजा का स्थान साफ करें।
  • भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • तुलसी, दीपक, पुष्प, अक्षत, धूप और जल इकट्ठा करें।

2. प्रातःकाल स्नान और संकल्प

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • भगवान विष्णु के सामने बैठकर व्रत रखने का संकल्प लें।

3. पूजा विधि

  • दीपक जलाएँ और धूप, पुष्प तथा तुलसी अर्पित करें।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या विष्णु स्तोत्र का जाप करें।
  • भक्ति भाव से भगवान का स्मरण और ध्यान करें।

4. उपवास नियम

  • दिनभर फलाहार या हल्का तिल-फल वाला भोजन कर सकते हैं।
  • संयमित और सात्विक व्यवहार बनाए रखें।

5. दान और सेवा

  • जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें।
  • इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

6. व्रत पारण

  • अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।
  • पहले जल ग्रहण करें और फिर हल्का भोजन करें।
  • व्रत के बाद जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।

विजया एकादशी के उपाय और लाभ

1. तिल और जल से स्नान

उपाय: सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ा तिल मिलाएँ। लाभ: शरीर और मन को शुद्ध करता है। नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

2. तिल का दान उपाय: गरीबों, जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को तिल, भोजन, वस्त्र या धन दान करें। लाभ: पापों का नाश होता है। घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। पुण्य कई गुना बढ़ता है।

3. तिल का दीपक जलाना

उपाय: तिल के तेल का दीपक भगवान विष्णु या तुलसी के सामने जलाएँ। लाभ: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भय और चिंता कम होती है। जीवन में स्थिरता और शुभ परिणाम मिलते हैं।

4. हवन में तिल का उपयोग

उपाय: हवन करते समय तिल को आहुति में डालें। लाभ: वातावरण शुद्ध होता है। घर में कलह और तनाव घटते हैं। आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

5. फलाहार और तिल वाला भोजन

उपाय: इस दिन फल, तिल-गुड़, तिल के लड्डू या हल्का तिल मिश्रित भोजन ग्रहण करें। लाभ: शरीर को ऊर्जा और ताकत मिलती है। स्वास्थ्य मजबूत रहता है। मानसिक स्थिरता और ध्यान केंद्रित रहता है।

विजया एकादशी में क्या करें क्या न करें?

क्या करें

  • व्रत रखें: दिन फल, हल्का तिल-फल वाला भोजन या जलाहार ही लें।
  • भगवान विष्णु की पूजा करें: दीपक, तुलसी, पुष्प, अक्षत और धूप अर्पित करें।
  • दान करें: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या तिल दान करें।
  • मंत्र-जप और ध्यान करें: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप लाभकारी है।
  • सात्विक भोजन लें: दिनभर सात्विक और हल्का आहार लें।
  • सकारात्मक रहें: पूरे दिन मन शांत, संयमित और प्रसन्न रखें।

क्या न करें

  • अशुद्ध या मांसाहारी भोजन न करें: मांस, मदिरा और तामसिक चीज़ों से बचें।
  • क्रोध और झगड़ा न करें: नकारात्मक शब्द या व्यवहार से दूर रहें।
  • अनावश्यक यात्रा या काम न करें: दिन का समय पूजा और व्रत में लगाएँ।
  • सत्य के विपरीत न बोलें: इस दिन सत्य और धर्म का पालन विशेष रूप से करें।
  • शोर-शराबा या उत्सव न करें: शांत वातावरण बनाए रखें।

निष्कर्ष

विजया एकादशी का व्रत भक्ति, संयम और दान के साथ करना चाहिए। इस दिन किए गए पुण्यकारी कार्य जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास लेकर आते हैं।

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Published by Sri Mandir·December 4, 2025

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