
जानिए इस व्रत की तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का रहस्य – सब कुछ एक ही जगह!
जया एकादशी वह पावन तिथि है जिसे पापों से मुक्ति, सौभाग्य की वृद्धि और जीवन में शांति प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किया गया व्रत मन, कर्म और विचारों को शुद्ध करता है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा दिलाता है। इस लेख में जानिए जया एकादशी 2026 में कब है, इसका धार्मिक महत्व और व्रत पालन से जुड़े आवश्यक नियम जो इसे वर्ष की महत्वपूर्ण एकादशियों में शामिल करते हैं।
जया एकादशी वर्ष 2026 में 29 जनवरी, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि होती है।
तारीख: 29 जनवरी 2026 (गुरुवार)
1. पापों के बोझ से मुक्ति दिलाने वाली तिथि
जया एकादशी को ऐसी एकादशी माना जाता है जो व्यक्ति को गलतियों और नकारात्मक कर्मों के प्रभाव से मुक्त करने में सहायक होती है। धार्मिक कथाएँ बताती हैं कि इस दिन की उपासना से भारी से भारी पापों का भी क्षय हो जाता है।
2. मन को शांत और स्थिर करने वाली
इस व्रत का पालन करने से मन पर सकारात्मक असर पड़ता है। उपवास, पूजा और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति मानसिक तनाव से दूर होता है और भीतर एक शांति और संतुलन की भावना बढ़ती है।
3. परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ाने वाली
जया एकादशी पर की गई पूजा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद दिलाती है। माना जाता है कि इस दिन का व्रत परिवार में सौभाग्य, समृद्धि, और आपसी सामंजस्य बनाए रखने में सहायक होता है।
4. देव कृपा और पितरों की शांति का माध्यम
इस तिथि पर किया गया व्रत न केवल देवताओं की कृपा दिलाता है बल्कि पितरों की शांति के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए विशेष माना गया है।
5. बाधाओं पर विजय एवं सफलता का प्रतीक
‘जया’ नाम स्वयं विजय का संकेत देता है। परंपरा मानती है कि इस व्रत से जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और व्यक्ति को अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है। यह एकादशी शुभ कार्यों को गति देने वाली मानी गई है।
1. व्रत से पूर्व की तैयारी
2. प्रातः स्नान और संकल्प
3. भगवान विष्णु की पूजा
4. व्रत निभाने के नियम
5. शाम की उपासना
6. पारण (अगले दिन द्वादशी पर व्रत खोलना)
1. व्रत रखना
2 . भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा
3. भजन और ध्यान
4. दान और सेवा
5. शाम की पूजा और पारण
6. व्रत के नियम
जया एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पुण्यदायी मानी जाती है। इसे करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और सांसारिक जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
1. पापों से मुक्ति
2. मानसिक शांति और सकारात्मकता
3. घर में सुख-शांति और समृद्धि
4. आध्यात्मिक लाभ
5. सफलता और विजय
6. स्वास्थ्य और आयु में लाभ
जया एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है और पापों को समाप्त करने में सहायक है। भक्ति, मंत्र जाप और ध्यान से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह व्रत परिवार में खुशहाली, सौभाग्य और समृद्धि लाता है। संयमित व्रत और श्रद्धा से जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
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