
जानें 2025 में लक्ष्मी पूजा कब है! घर पर करें धन और समृद्धि की विशेष पूजा, मंत्रोच्चार के साथ, और पाएं माता लक्ष्मी का आशीर्वाद।
लक्ष्मी पूजा धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की आराधना का पर्व है। दीपक जलाकर, मंत्रोच्चारण और साफ-सफाई के साथ पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
भक्तों नमस्कार, श्री मंदिर पर आपका स्वागत है।
प्रमुख हिंदू पर्व दिवाली भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद में मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। हर साल यह कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है, लेकिन साल 2025 में लक्ष्मी पूजा के लिए 20 अक्टूबर और 21 अक्टूबर को लेकर काफी मतभेद है। ऐसे में इस लेख में हम आपको लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और तिथि बता रहें हैं...
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए अमावस्या की रात होना ज़रूरी होता है, लेकिन 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल और निशिता काल से पहले समाप्त हो रही है जबकि 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर निशिता काल तक व्याप्त रहेगी। ऐसे में तिथियों और पंचांग के अनुसार, इस बार 20 अक्टूबर की रात को लक्ष्मी पूजन करना अधिक शुभ रहेगा।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:44 ए एम से 05:34 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 05:09 ए एम से 06:25 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:43 ए एम से 12:28 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:59 पी एम से 02:45 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:46 पी एम से 06:12 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 05:46 पी एम से 07:02 पी एम |
अमृत काल | 01:40 पी एम से 03:26 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:41 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 21 |
लक्ष्मी पूजा का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टियों से अत्यंत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय माँ लक्ष्मी का उद्भव हुआ था, और तभी से उन्हें सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है।
लक्ष्मी पूजन के प्रमुख लाभ और महत्व:
लक्ष्मी पूजा के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना गया है
स्नान व स्वच्छता: प्रातः स्नान कर घर की अच्छी तरह सफाई करें, क्योंकि माँ लक्ष्मी स्वच्छ और सुगंधित स्थान पर ही निवास करती हैं। घर का द्वार सजाएँ: घर के मुख्य द्वार पर आम्रपल्लव और तोरण लगाएँ, दीपक जलाएँ और रंगोली बनाकर माँ लक्ष्मी का स्वागत करें। नवीन वस्त्र धारण करें: लक्ष्मी पूजा के समय साफ और नए या धुले हुए वस्त्र पहनें। स्थिर लग्न में पूजन: ज्योतिष के अनुसार स्थिर लग्न (विशेषकर वृषभ लग्न) में पूजन करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद स्थायी होता है। संपूर्ण परिवार का साथ: लक्ष्मी पूजा पूरे परिवार के साथ करें, ताकि सामूहिक रूप से घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास बने।
लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें - इस दिन लक्ष्मी यंत्र को शुद्ध घी और कुंकुम से पूजन कर घर में स्थापित करें। शंख में जल चढ़ाएँ - शंख में गंगाजल भरकर माँ लक्ष्मी को अर्पित करने से नकारात्मकता दूर होती है। 108 दीपक जलाएँ - संध्या समय 108 दीपक जलाकर घर के प्रत्येक कोने में रखें। इससे अंधकार और अशुभता का नाश होता है। लक्ष्मी मंत्र का जप करें - “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जप अत्यंत फलदायी होता है। कुबेर पूजन करें - भगवान कुबेर की भी पूजा करें, क्योंकि वे धन के रक्षक माने जाते हैं।
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