सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कब है? ग्रहण के समय का सही ज्ञान आपके जीवन में आस्था और समृद्धि लाता है। जानिए इसका महत्व और प्रभाव!
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक प्रकार से खगोलीय घटनाएँ हैं जो अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं। धार्मिक दृष्टि से इन समयों में पूजा-पाठ और ध्यान को विशेष महत्व दिया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन दिखाई देता है। ग्रहण के समय राहु और केतु का प्रभाव पृथ्वी पर बढ़ जाता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। साथ ही, इस समय भोजन करने से बचने की भी सलाह दी जाती है, क्योंकि यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है। हालांकि, बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं को जरूरत पड़ने पर भोजन की अनुमति दी जाती है।
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं।
2025 में भी दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।
आपको बता दें कि 2025 में लगने वाले ग्रहणों का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व केवल उन्हीं पर आधारित होगा जो भारत में दिखेंगे। इसलिए सूतक काल का ध्यान रखते हुए आवश्यक नियमों का पालन करना जरूरी होगा।
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