जानिए कैसे सोमवार व्रत आपके जीवन में ला सकता है शांति, सफलता और सुख। यह सरल उपाय न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन के लिए भी अत्यंत प्रभावी है।
सोमवार व्रत से मन की शांति, मानसिक स्थिरता और आत्मिक बल प्राप्त होता है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरल माध्यम है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-संतुलन आता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ के साथ व्रत का भी बहुत महत्व है। भक्त अपनी कार्यसिद्धि और अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। भक्त बिना अन्न-जल ग्रहण किए बिना अपने इष्ट देवताओं और भगवान के लिए व्रत रखते हैं। ऐसा ही एक व्रत है सोमवार का व्रत, जिसे सुखी वैवाहिक जीवन, संतान प्राप्ति और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए स्त्री और पुरुष रखते हैं। पौराणिक मान्यता है कि सबसे पहले ये व्रत माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए रखा था। सोमवार का व्रत आप कभी भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन शिव पुराण के अनुसार, सोमवार व्रत शुरू करने के लिए सावन सबसे उत्तम महीना माना जाता है।
मान्यता है कि महादेव के व्रत से जहां समस्त सुख और शांति के मनोरथ पूरे होते हैं, सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा और व्रत करने से अविवाहित कन्याओं को मनवांछित वर की प्राप्ति होती है। कई लड़कियां सावन के सोलह सोमवार का व्रत भी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने करने वाले श्रद्धालुओं को महादेव उनके व्रत के फल के रूप में सुख समद्धि के साथ उन्हें पारिवारिक सुख का भी आशीर्वाद देते हैं।
सोमवार के व्रत में भगवान शिव की पूजा के उपरांत उनको मालपुए का भोग लगाया जाता है। मालपुआ भगवान शिव का पसंदीदा मिष्ठान है। पौराणिक मान्यता है कि शिव जी और माता पार्वती के विवाह पर भी मालपुआ बना था और महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान शिव भगवान को मालपुए का भोग लगाना बहुत पुण्यकारी माना जाता है।
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