जानिए अष्टलक्ष्मी के अद्भुत नाम और उनकी महिमा! ये आठ देवियां आपके जीवन में धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य, और समृद्धि का आशीर्वाद लाने की प्रतीक हैं। उनके रहस्यमय रूप और महत्व से जुड़ें
अष्टलक्ष्मी के नाम और मंत्रों के साथ जानें उनकी दिव्य महिमा। धन, समृद्धि, और शांति प्राप्त करने के लिए अष्टलक्ष्मी की पूजा करें। मंत्रों का जाप आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होगा।
श्री हरि विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है। पौराणिक मान्यता है कि जिस घर में माता लक्ष्मी नियमित की पूजा-आराधना की जाती है, उस घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। जिस व्यक्ति को जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है, उसे हर क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलते हैं, इसीलिए लक्ष्मी माता को व्यक्ति के समस्त कल्याणों का कारक माना जाता है। लक्ष्मी देवी को 'सहस्र रूप सर्वव्यापी' के रूप में वर्णित किया गया है अर्थात माँ लक्ष्मी के हज़ार रूप है जो संसार में चारों तरफ विद्यमान है। माँ लक्ष्मी की चार भुजाओं को मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। वर्ष के सबसे बड़े त्यौहार दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा का ही खास महत्व है।
हमारे पुराणों में देवी-देवताओं के अष्ट स्वरूपों की पूजा करने को बहुत शुभ माना गया है। इसी प्रकार माँ लक्ष्मी के अष्टस्वरूप की पूजा भी बहुत लाभदायी होती है। यह पूजा करने से व्यक्ति को धन के आठ स्वरूप आध्यात्मिकता, धन, कृषि, राजसी वैभव, ज्ञान, साहस, संतान एवं विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि हर शुक्रवार को माँ अष्टलक्ष्मी की पूजा करने से उस व्यक्ति को जीवनपर्यंत कभी धन की कमी नहीं होती।
सप्ताह में शुक्रवार का दिन माँ अष्टलक्ष्मी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं, और सूर्य को जल अर्पित करें। स्वच्छ और उजले रंग के वस्त्र धारण करें। हो सके तो लाल, गुलाबी या आसमानी जैसे रंगों को चुनें। अब सुबह या शाम में शुभ, लाभ या अमृत चौघड़िया काल, इन तीनों में से किसी भी एक मुहूर्त को चुनकर पूजा शुरू करें।
S No. | नाम | मंत्र |
1 | आदिलक्ष्मी | ॐ आद्यलक्ष्म्यै नमः। |
2 | धनलक्ष्मी | ॐ धनलक्ष्म्यै नमः। |
3 | धान्यलक्ष्मी | ॐ धान्यलक्ष्म्यै नमः। |
4 | गजलक्ष्मी | ॐ गजलक्ष्म्यै नमः। |
5 | सन्तानलक्ष्मी | ॐ सन्तानलक्ष्म्यै नमः। |
6 | वीरलक्ष्मी | ॐ वीरलक्ष्म्यै नमः। |
7 | विजयलक्ष्मी | ॐ विजयलक्ष्म्यै नमः। |
8 | ऐश्वर्यलक्ष्मी | ॐ ऐश्वर्यलक्ष्म्यै नमः। |
9 | धैर्यलक्ष्मी | ॐ धैर्यलक्ष्म्यै नमः। |
10 | जयलक्ष्मी | ॐ जयलक्ष्म्यै नमः। |
11 | सौभाग्यलक्ष्मी | ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः। |
12 | राज्यलक्ष्मी | ॐ राज्यलक्ष्म्यै नमः। |
13 | वरलक्ष्मी | ॐ वरलक्ष्म्यै नमः। |
14 | विद्यालक्ष्मी | ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः। |
Did you like this article?