सद्गुरु नानक देव जी की भक्ति और उपदेशों को समर्पित गुरु नानक चालीसा पढ़ें। इसके नियमित पाठ से जागृत होता है सत्य, सेवा और समर्पण का भाव।
सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज भी करोड़ों लोगों के जीवन को दिशा देती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुरु नानक चालीसा भी एक ऐसा ही दिव्य माध्यम है, जो न केवल आत्मिक शांति देती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाती है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं गुरु नानक चालीसा की महिमा और लाभ के बारे में।
गुरु नानक चालीसा एक ऐसी भक्ति-प्रधान रचना है, जोगुरु नानक जी के जीवन, उपदेशों और चमत्कारों का सार प्रस्तुत करती है। यह चालीसा दोहों में रची गई है, जिसमें गुरु नानक देव जी के एकेश्वरवाद, मानव समानता, सेवा, प्रेम और करुणा जैसे मूल सिद्धांतों का वर्णन मिलता है। इसका पाठ करने से न केवल आध्यात्मिक बल मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता, साहस और संतुलन भी आता है। यह चालीसा भक्तों के लिए एक आत्मिक कवच की तरह कार्य करती है और उन्हें गुरु नानक जी के आशीर्वाद से जोड़ती है। सिख धर्म में इसका विशेष स्थान है और इसे श्रद्धा से नियमित पढ़ने की परंपरा भी प्रचलित है।
गुरु नानक देव जी की प्रेरणास्रोत हैं। उनके उपदेश जीवन को न केवल आध्यात्मिक दिशा प्रदान करते हैं, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी देते हैं। गुरु नानक चालीसाएक ऐसा पाठ है जो उनके विचारों, सिद्धांतों और दिव्य जीवन से जोड़ता है। इसका नियमित पाठ व्यक्ति के भीतर श्रद्धा और भक्ति का भाव जागृत करता है और उसे ईश्वर से जोड़ता है। यह पाठ मानसिक तनाव को दूर करता है, मन को स्थिर और शांत बनाता है, जिससे व्यक्ति आत्मिक संतुलन महसूस करता है। गुरु नानक चालीसा का पाठ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, नकारात्मक विचारों को दूर करता है और जीवन में आशा व उमंग भरता है। इससे व्यक्ति में करुणा, सहनशीलता, सेवा-भाव और विनम्रता जैसे सद्गुण विकसित होते हैं। इसके अलावा, यह चालीसा दुखों और कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी जाती है। साथ ही यह हमें सिख धर्म के मूल सिद्धांत एकता, समानता, सेवा और सत्य का पालन करने की प्रेरणा भी देती है।
दोहा
श्री गुरु नानक देव जी,
कृपा करो मुझपर,
चालीसा पाठ करूँ,
दूर करो संकट।
चालीसा
जय हो गुरु नानक, जगत के पालनहार।
अंधकार मिटाओ, प्रभु तुम हो अवतार।।
करो कृपा तुम मुझपर, साधक का उद्धार।
जो सुमिरन करे तुम्हारा, उसका हो कल्याण।।
जय हो गुरु नानक, सच्चा है तेरा नाम।
जो भी सुमिरे तुझे, हो जाए पूरण काम।।
तुमने हमें दिखाया, सच्चा धर्म का मार्ग।
गुरु ग्रंथ में मिलती, जीवन की हर बात।।
तेरी महिमा का वर्णन, कोई कर न सके।
जो भी भजे तुम्हें, भवसागर तर सके।।
सत्य की राह दिखाकर, तुमने हमें सिखाया।
प्रेम, सेवा, करुणा का, पाठ तुमने पढ़ाया।।
तेरे बिना प्रभु नानक, कौन है हमारा।
दया कर हमें सिखाओ, जीवन का सहारा।।
तुम हो करुणा के सागर, दया के हो धाम।
तुम्हारी ही शरण में, कट जाए सबके काम।।
जो भी चालीसा पढ़े, गुरु नानक का ध्यान।
उसके जीवन में आए, शांति और कल्याण।।
जय हो गुरु नानक, जगत के पालनहार।
अंधकार मिटाओ, प्रभु तुम हो अवतार।।
चालीसा पाठ करूँ, दूर करो संकट।
श्री गुरु नानक देव जी, कृपा करो मुझपर।।
यह पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है पर गुरुपर्व, गुरुवार, पूर्णिमा और अमावस्या को इसका विशेष महत्व है।
ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना श्रेष्ठ होता है, लेकिन इसे संध्या समय भी किया जा सकता है।
पाठ से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को साफ रखें।
प्रतिदिन एक ही समय पर पाठ करना उत्तम माना गया है।
यदि किसी विशेष उद्देश्य से पाठ कर रहे हैं, तो इसे 21 या 40 दिनों तक नियमित करें।
पाठ के बाद कुछ समय ध्यान करें और गुरु नानक देव जी का स्मरण करें।
साधना के समय सात्विक आहार लें और ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें।
Did you like this article?
दस महाविद्याओं में एक, मातंगी देवी की कृपा पाने के लिए पढ़ें संपूर्ण मातंगी चालीसा। सरल हिंदी में पाठ और पीडीएफ डाउनलोड करें। नित्य पाठ से मिलती है वाणी की सिद्धि, ज्ञान और कलात्मक ऊर्जा।
संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए पढ़ें अहोई माता चालीसा। सरल हिंदी में उपलब्ध पाठ और पीडीएफ डाउनलोड करें। नित्य पाठ से मिलती है मां अहोई की विशेष कृपा।
संतान सुख, आरोग्य और समृद्धि के लिए पढ़ें छठी मैया चालीसा। सरल हिंदी में उपलब्ध संपूर्ण पाठ और पीडीएफ डाउनलोड करें। नित्य पाठ से मिलती है छठी माता की कृपा और जीवन में सुख-शांति।