नवग्रह देवता को क्या चढ़ाना चाहिए?
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नवग्रह देवता को क्या चढ़ाना चाहिए?

क्या आप चाहते हैं ग्रहों की अनुकूलता और शांति? जानिए हर ग्रह देवता को प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या चढ़ाना चाहिए और उनका ज्योतिषीय महत्व।

जानें नवग्रह देवताओं पर चढ़ने वाली सामग्री के बारे

नवग्रह देवताओं की पूजा में उचित सामग्री का उपयोग जीवन में ग्रहदोषों को शांत करने में सहायक होता है। हर ग्रह की अपनी पसंद होती है, और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष सामग्री अर्पित की जाती है। जानिए नवग्रह देवताओं पर कौन-कौन सी चीजें चढ़ानी चाहिए

नवग्रह देवता कौन हैं? जानें उनकी शक्तियां और महत्व

हिंदू ज्योतिष में नवग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु – को व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाले कारक माना जाता है। इन ग्रहों की स्थिति और दशा व्यक्ति के भाग्य, स्वास्थ्य, धन और संबंधों को निर्धारित करती है। जब कोई ग्रह कमजोर या प्रतिकूल स्थिति में होता है, तो वह जीवन में चुनौतियां और परेशानियां ला सकता है। ऐसे में, ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने और उनके सकारात्मक आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विभिन्न पूजा-पाठ और उपाय किए जाते हैं। नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए उन्हें विशिष्ट वस्तुएँ अर्पित करना एक प्रभावी तरीका है, जो उनकी ऊर्जाओं को संतुलित कर शांति और समृद्धि ला सकता है।

नवग्रह देवताओं पर क्या चढ़ाएं? सामग्री की पूरी लिस्ट देखें

सूर्य देव (रविवार)

  • चढ़ावा: लाल फूल (गुड़हल), लाल चंदन, गेहूं, गुड़, तांबा, माणिक्य (रत्न)।

  • जल: सूर्य को प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।

  • मंत्र: 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' या 'ॐ घृणि सूर्याय नमः'।

  • प्रसाद: गेहूं से बनी चीजें, गुड़ की मिठाई।

चंद्र देव (सोमवार)

  • चढ़ावा: सफेद फूल, सफेद चंदन, चावल, दूध, दही, चांदी, मोती (रत्न)।

  • मंत्र: 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः' या 'ॐ सों सोमाय नमः'।

  • प्रसाद: दूध से बनी मिठाइयां, खीर, चावल।

मंगल देव (मंगलवार)

  • चढ़ावा: लाल कनेर के फूल, लाल मसूर दाल, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा, मूंगा (रत्न)।

  • मंत्र: 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः' या 'ॐ अं अंगारकाय नमः'।

  • प्रसाद: गुड़-चना, लाल मिठाई।

बुध देव (बुधवार)

  • चढ़ावा: हरे रंग की वस्तुएं, साबुत मूंग दाल, पन्ना (रत्न), कांसे के बर्तन।

  • मंत्र: 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः' या 'ॐ बुं बुधाय नमः'।

  • प्रसाद: मूंग दाल का हलवा, हरे फल।

बृहस्पति देव (गुरुवार)

  • चढ़ावा: पीले फूल (गेंदा), चने की दाल, हल्दी, पीला वस्त्र, सोना, पुखराज (रत्न)।

  • मंत्र: 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' या 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः'।

  • प्रसाद: बेसन के लड्डू, केले, पीले फल।

शुक्र देव (शुक्रवार)

  • चढ़ावा: सफेद फूल (चमेली), चावल, दही, मिश्री, सफेद वस्त्र, चांदी, हीरा (रत्न)।

  • मंत्र: 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः' या 'ॐ शुं शुक्राय नमः'।

  • प्रसाद: चावल की खीर, सफेद मिठाई।

शनि देव (शनिवार)

  • चढ़ावा: नीले या काले फूल, काले तिल, सरसों का तेल, लोहा, नीलम (रत्न)।

  • मंत्र: 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' या 'ॐ शं शनैश्चराय नमः'।

  • प्रसाद: तिल के लड्डू, उड़द दाल की खिचड़ी।

राहु देव (शनिवार)

  • चढ़ावा: गोमेद (रत्न), तिल, सरसों, कंबल, काला या भूरा वस्त्र।

  • मंत्र: 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः' या 'ॐ रां राहवे नमः'।

  • प्रसाद: उड़द दाल की पकौड़ी।

केतु देव (शनिवार)

  • चढ़ावा: लहसुनिया (रत्न), तिल, कंबल, धूसर रंग के वस्त्र।

  • मंत्र: 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः' या 'ॐ कें केतवे नमः'।

  • प्रसाद: इमली या खट्टी चीजें।

चढ़ावा चढ़ाने के सामान्य नियम

  • सभी वस्तुएँ शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर ही पूजा करें।
  • सबसे महत्वपूर्ण है श्रद्धा और विश्वास। बिना श्रद्धा के कोई भी उपाय फलदायी नहीं होता।
  • संबंधित ग्रह के वार (दिन) पर पूजा और दान करना विशेष फलदायी होता है (जैसे सूर्य के लिए रविवार, चंद्र के लिए सोमवार)।
  • पूजा करते समय संबंधित ग्रह की दिशा की ओर मुख करना शुभ माना जाता है।
  • ग्रहों से संबंधित वस्तुओं को सीधे ग्रह को चढ़ाने के बजाय, जरूरतमंदों या मंदिरों में दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

इन साधारण उपायों और सही श्रद्धा के साथ, नवग्रहों को प्रसन्न करके उनके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का आह्वान किया जा सकता है। याद रखें, ये उपाय ज्योतिषीय मार्गदर्शन का एक हिस्सा हैं और इनका उद्देश्य जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरना है।

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Published by Sri Mandir·July 17, 2025

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