नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा भजन | Natvar Nagar Nanda Bhajan
"नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा" ये भजन आपको भगवान श्री कृष्ण के प्रेम और आशीर्वाद में डूबने का एक अद्भुत अनुभव देता है। जब आप इस भजन को गाते हैं या सुनते हैं, तो आपके मन में भगवान के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का भाव पैदा होता है।
ये भजन आपको याद दिलाता है कि भगवान श्री कृष्ण ही सच्चे शरणदाता हैं, जो आपके हर दुःख को दूर करते हैं और जीवन में सुख-शांति लाते हैं। उनके नटवर रूप में डूबकर आप अपने जीवन को एक नई दिशा और उद्देश्य दे सकते हैं। जैसे नंदलाल ने कृष्ण के साथ अपनी हर भावना को साझा किया, वैसे ही आप भी अपने दिल की बात भगवान के सामने रख सकते हैं। इस भजन के साथ आप अपने मन को शांति और आनंद से भर सकते हैं।
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन लिरिक्स | Natvar Nagar Nanda Lyrics
नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
तू ही नटवर तू ही नागर,
तू ही नटवर तू ही नागर,
तू ही बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,
ज्यूँ तारन बिच चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,
सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,
ज्यूँ नदियन बिच गंगा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,
नरसिंह रूप धरंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
काली देह में नाग जो नाथो,
काली देह में नाग जो नाथो,
फण फण निरत करंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
वृन्दावन में रास रचायो,
वृन्दावन में रास रचायो,
नाचत बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
काटो जम के फंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा। ॥