
मन को शांति और शुभता से भर देने वाले गणेश जी के भजन लिरिक्स पढ़ें। गणेश भजन लिरिक्स में विघ्नहर्ता गणपति की महिमा, भक्ति से भरे बोल और मंगलमय
गणेश जी के भजन सुनने या गाने से मन शांत होता है और सकारात्मकता महसूस होती है। भजन के माध्यम से ध्यान भगवान गणेश की ओर जाता है और एकाग्रता बढ़ती है। यहां दिए गए 10 गणेश भजनों के लिरिक्स पढ़कर आप सरल तरीके से भक्ति से जुड़ सकते हैं।
जब काम बनते-बनते अटक जाते हैं और मन बिना वजह भारी रहने लगता है, तब गणेश जी के भजन अपने-आप याद आने लगते हैं। इनके शब्द बहुत बड़े नहीं होते, लेकिन मन की उलझन को सीधा छू लेते हैं। गणपति बप्पा के भजन सुनते या पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे कोई अपना हमें धैर्य दे रहा हो और कह रहा हो कि सब ठीक हो जाएगा। यही अपनापन इन भजनों को दिल से जोड़ देता है।
गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है।
श्लोक
प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ।
गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।।
थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंवर गढ़ वाला सुणलो, चिन्ता म्हाने लागि है, देर करो मत ना तरसाओ, चरणा अरज ये म्हारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
रीद्धी सिद्धी संग आओ विनायक, देवों दरस थारा भगता ने, भोग लगावा ढोक लगावा, पुष्प चढ़ावा चरणा मे, गजानंद थारा हाथा मे, अब तो लाज हमारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
भगता की तो विनती सुनली, शिव सूत प्यारो आयो है, जय जयकार करो गणपति की, म्हारो मन हर्शायो है, बरसेंगा अब रस कीर्तन मे, भगतौ महिमा भारी है, गजानन्द महाराज पधारो।।
गजानंद महाराज पधारों, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।।
गजानन महाराज पधारों || Manish Tiwari || Gujanan Maharaj Padharo ||
घर मे पधारौ गजानँद जी, मेरे घर मे पधारौ, रिध्धी सिध्धी लेके आओ गणराजा, मेरे घर मे पधारौ।।
राम जी आना लक्ष्मण जी आना, संग मे लाना सीता मैया, मेरे घर मे पधारौ।।
ब्रम्हा जी आना विष्णु जी आना, भोले शंकर को ले आना, मेरे घर मे पधारौ।।
लक्ष्मी जी आना गौरी जी आना, सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर मे पधारौ।।
विघ्न को हरना मंगल करना, कारज शुभ कर जाना, मेरे घर मे पधारौ।।
घर मे पधारौ गजानँद जी, मेरे घर मे पधारौ, रिध्धी सिध्धी लेके आओ गणराजा, मेरे घर मे पधारौ।।
Ghar Mein Padharo Gajanan Ji | घर में पधारो गजानंद जी मेरे घर में पधारो
म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।
श्लोक
सदा भवानी दाहिनी, सनमुख रहे गणेश, पांच देव रक्षा करे, ब्रम्हा विष्णु महेश।।
म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।
ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बप्पा मोरया।
रणत भंवर से आओ जी गजानन, रणत भंवर से आओ जी गजानन, रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ, आओ जी गजानन आओ।।
ॐ गण गणपतये नमो नमः, श्री सिद्धिविनायक नमो नमः, अष्टविनायक नमो नमः, गणपती बप्पा मोरया।
पार्वती के पुत्र गजानन, पार्वती के पुत्र गजानन, भोले शंकर के मन भाओ आओ जी गजानन आओ।।
ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बप्पा मोरया।
हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी, हर बुधवार देवा पूजा तुम्हारी, थारे मौदक भोग लगावा, आओ जी गजानन आओ।।
ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बप्पा मोरया।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हर्ष हर्ष गुण गाओ गुण गाओ, आओ जी गजानन आओ।।
ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बप्पा मोरया।
म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।
शुभ बुधवार - गणेश जी की इस वंदना को सुनने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं घर में धन सुख समृद्धि बढ़ती है।
शिव गौरा के लाड़ले गणेश जी,
दोहा
प्रथमे गुरूजी को वंदना, द्वितीये आदि गणेश, त्रितिये सिमरु माँ शारदा, मेरे कारज करो हमेश।
शिव गौरा के लाड़ले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी।।
प्रथमे तुमको जो कोई ध्यावे, प्रथमे तुमको जो कोई ध्यावे, रिद्धि सिद्धि का फल वो पाए, रिद्धि सिद्धि का फल वो पाए, तुम काटो सकल कलेश जी, तुम काटो सकल कलेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, शिव गौरा के लाडले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी।।
जय जय जय गणराज तुम्हारी, जय जय जय गणराज तुम्हारी, कृपा करो जाऊँ बलिहारी, कृपा करो जाऊँ बलिहारी, तुम रहना साथ हमेश जी, तुम रहना साथ हमेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, शिव गौरा के लाडले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी।।
लड्डुवन का तोहे भोग लगाए, लड्डुवन का तोहे भोग लगाए, वंदना सब मिलकर के गाए, वंदना सब मिलकर के गाए, तुम्हे पूजे देश विदेश जी, तुम्हे पूजे देश विदेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, शिव गौरा के लाडले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी।।
शिव गौरा के लाडले गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी, आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी।।
Singer – Mandeep Ji Bairagi
तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, तुम हो दया के सागर, क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी।। विघ्नौ को हरने वाले, सुख शांति देने वाले, मोह पाश काटते हो, तुम भक्ति देने वाले, तुमने रचाई श्रष्टि, तुम ने ही है सवारा, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी।।
तुम पहले पूजे जाते, फ़िर काम बनते जाते, आये शरण तिहारी, मन चाहा फल है पाते, मुझको गले लगा ले, आया शरण तिहारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी।।
लम्बे उदर में तुमने, संसार है छिपाया, सतगुण से है भरी हुई, गणराज तेरी काया, दुर्गुण पे सतगुणो सी, ये मुस की सवारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी।।
तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी, तुम हो दया के सागर, क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा, गणनायक गजमुख धारी।।
गायक – मनीष तिवारी (इंदौर)
सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ,
दोहा
प्रथमे गौरा जी को वंदना, द्वितीये आदि गणेश, त्रितिये सीमरु शारदा, मेरे कण्ठ करो प्रवेश।
सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ, गौरी सूत महाराज, तुम हो देवों के सरताज, दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला, मस्तक मोटा कान, तुम हो देवों के सरताज।।
गंगाजल स्नान कराऊँ, केसर चंदन तिलक लगाऊं, रंग बिरंगे फुल मे लाऊँ, सजा सजा तुमको पह्राऊ, लम्बोदर गज्वद्न विनायक, राखो मेरी लाज, तुम हो देवों के सरताज।।
जो गणपति को प्रथम मनाता, उसका सारा दुख मीट जाता, रीद्धी सिध्दि सुख सम्पति पाता, भव से बेड़ा पार हो जाता, मेरी नैया पार करो, मैं तेरा लगाऊं ध्यान, तुम हो देवों के सरताज।।
पार्वती के पुत्र हो प्यारे, सारे जग के तुम रखवाले, भोलेनाथ है पिता तुम्हारे, सूर्य चन्द्रमा मस्तक धारें, मेरे सारे दुख मीट जाये, देवों यही वरदान, तुम हो देवों के सरताज।।
सबसे पहले तुम्हे मनाऊ, गौरी सूत महाराज, तुम हो देवों के सरताज, दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला, मस्तक मोटा कान, तुम हो देवों के सरताज।।
गायक – मनीष तिवारी जी।
श्लोक
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय, नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।।
तेरी काया कँचन कँचन, किरणों का है जिसमे बसेरा, बाबा सूंड-सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे खुशियों का डेरा, तेरी महिमा अपरंपार, तुमको पूजे ये संसार, प्रभु अमृत रस बरसा जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।।
देवा भजन तुम्हारे गायें, सबसे पहले हम तुमको मनायें, धुप दीपो की ज्योति जलायें, मन-मंदिर मे झांकी सजायें, मेरे बाबा गणराज, दे दो भक्ति का तुम दान, प्रभु नैया पार लगा जाना_आ जाना, मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे।।
मेरे विघ्न विनाशक देवा, सबसे पहले करें तेरी सेवा, सारे जग मे है आनंद छाया, बोलो जय-जय गजानंद देवा, बाजे सुर और ताल, तेरा गुण गाये संसार घुँघरु की खनक खनका जाना_आ जाना, मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे।।
मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना, मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।।
श्लोक
सारी चिंता छोड़ दो, चिंतामण के द्वार, बिगड़ी बनायेंगे वही, विनती कर स्वीकार, बड़े बड़े कारज सभी, पल मे करे साकार, बड़े गणपति का है साथ, सच्चा ये दरबार, सिध्द हो हर कामना, सिध्दिविनायक धाम, खजराना मे आन बसे मेरे, शिव गौरी के लाल।।
रिध्दि सिध्धि के दाता सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिये, पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका, लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुणो गणपति।।
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये, आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये, ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की, तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुणो गणपति।।
तेरी भक्ति का दील मे नशा चूर हो, बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो, कण्ठ पे शारदा माँ हमेशा रहे, रिध्धि सिध्धि का वर ही हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुनो गणपति।।
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम, सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम, ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे, बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुनो गणपति।।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिये, पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका, लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुणो गणपति।।
Ridhi Sidhi Ke Data | रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति: Dwarka Mantri
प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा, गणपति जगत खिवैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥
खजराना मे आन बिराजे, ये मेरे गणराज रे, रिद्धि सिद्धि के दाता देखो, ये मेरे महराज रे, तुम हि दिन बंधु दुख हरता, तुम ही सर्व जगत के कर्ता, आन विराजौ बिछी हुई है, आशाओं की छैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥
लेकर द्वार तुम्हारे आये, ये फूलों की माला, देखो हमको भूल ना जाना, तु सबका रखवाला, तुमहि दिन बंधु दुख हरता, तुम ही सर्व जगत के कर्ता, आन विराजौ बिछी हुई है, आशाओं की छैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥॥
भक्ति का ज्ञान देदे हमको, शक्ति की इक्छा देदे, नस नस मे हो प्रेम भावना, ऐसी इच्छा दे दे, तुमहि दिन बंधु दुख हरता, तुम ही सर्व जगत के कर्ता, आन विराजौ बिछी हुई है, आशाओं की छैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥॥
प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा, गणपति जगत खिवैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥
Singer – Manish Tiwari
श्लोक
पहले गणपति पूज के, पाछे करिये काज, विच सभा दे बेठियाँ, मेरी पत रखियो महाराज।
मेरे हृदये करो परवेश जी, हृदये करो परवेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को, भक्तो के काटे हर दुःख को, होवे पूजा देश विदेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
करते मूषक की है सवारी, चरणे लगती है दुनिया सारी, मोहे दर्शन दीजो हमेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
सिमरु तुझे सब दुःख मिट जावे, दास सलीम तेरे गुण गावे, तेरा पुरण है दरवेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
मेरे हृदये करो परवेश जी, हृदये करो परवेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, मेरे काटो सकल कलेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी, तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
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