हनुमान जी की कृपा चाहिए? तो पढ़ें बजरंग बाण, जो हर संकट हरने वाला चमत्कारी पाठ है!
बजरंग बाण एक ऐसा महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जिसे भगवान हनुमान की आराधना के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र आपके लिए संकटों से मुक्ति, बल, बुद्धि और विजय की प्राप्ति का माध्यम बन सकता है। जब आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं, तो यह आपको न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आपके जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए शक्ति भी देता है।
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
जन के काज बिलंब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा ।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥
आगे जाय लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुरलोका ॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा ।
अति आतुर जमकातर तोरा ॥
अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेटि लंक को जारा ॥
लाह समान लंक जरि गई ।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई ॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी ।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥
जय जय लखन प्राण के दाता ।
आतुर ह्वै दुःख करहु निपाता ॥
जै गिरिधर जै जै सुख सागर ।
सुर-समूह-समरथ भटनागर ॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।
बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो।
महाराज प्रभु दास उबारो॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ।
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीशा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥
सत्य होहु हरि शपथ पायके ।
राम दूत धरु मारु जाय के ॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥
पूजा जप तप नेम अचारा ।
नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं ।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥
पांय परौं कर जोरि मनावौं ।
येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥
जय अंजनि कुमार बलवंता ।
शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥
बदन कराल काल कुल घालक ।
राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥
भूत, प्रेत, पिशाच निशाचर ।
अग्नि बेताल काल मारी मर ॥
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की ।
राखउ नाथ मरजाद नाम की ॥
जनकसुता हरि दास कहावो ।
ताकी शपथ बिलंब न लावो ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा ।
सुमिरत होय दुसह दुःख नाशा ॥
चरण शरण कर जोरि मनावौं ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई ।
पाँय परौं, कर जोरि मनाई ॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥
अपने जन को तुरत उबारो ।
सुमिरत होय आनंद हमरो ॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै ।
ताहि कहो फिरि कौन उबारै ॥
पाठ करै बजरंग बाण की ।
हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥
यह बजरंग बाण जो जापै ।
ताते भूत-प्रेत सब कापैं ॥
धूप देय जो जपै हमेशा ।
ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥
प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
बजरंग बाण का पाठ हमेशा मंगलवार के दिन से शुरू करना चाहिए क्योंकि यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। अगर आप किसी विशेष इच्छा की पूर्ति चाहते हैं, तो बजरंग बाण का 41 दिनों तक रोज़ नियमपूर्वक पाठ करें। इससे आपके संकल्प की सिद्धि होती है।
इन 41 दिनों के दौरान मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें। शुद्ध जीवनशैली अपनाएं और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
भोजन सादा, शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। मांस, अंडा, शराब या तामसिक चीज़ों का सेवन बिल्कुल न करें।
पाठ करते समय लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह हनुमान जी का प्रिय रंग है।
जब आप पाठ करें, तो आपका मुख पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा साधना के लिए उत्तम मानी गई है।
अगर पाठ करते समय कोई गलती हो जाए, तो अंत में हनुमान जी से क्षमा मांगें और नम्रता से नमन करें।
बजरंग बाण के पाठ के बाद हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। यह पाठ आपकी साधना को और प्रभावशाली बनाता है।
हनुमान जी कलयुग में भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। उनकी भक्ति करने से इंसान हर तरह के भय से मुक्त हो जाता है और व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है।
-पाठ की शुरुआत मंगलवार से करें।
-सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
-घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
-पहले हनुमान चालीसा या राम स्तुति पढ़ें, फिर बजरंग बाण का पाठ करें।
-पाठ करते समय मन शांत और एकाग्र रखें।
-अंत में हनुमान जी की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
बजरंग बाण में कुछ तेज़ और प्रभावशाली पंक्तियाँ होती हैं जो शत्रुओं, तांत्रिक बाधाओं, नज़र दोष और बुरी आत्माओं से रक्षा करती हैं। यह पाठ एक तरह की आध्यात्मिक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
अगर कोई व्यक्ति अंदर से कमजोर या डरा हुआ महसूस करता है, तो बजरंग बाण का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है। इससे आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है और मन मजबूत बनता है।
अगर अचानक कोई मुश्किल आ जाए जैसे कोर्ट केस, नौकरी की परेशानी, बीमारी या पारिवारिक झगड़ा – तो बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की सीधी मदद और कृपा जल्दी मिलने लगती है।
अगर घर में बार-बार तनाव, बीमारी या भारी माहौल महसूस हो रहा हो, तो बजरंग बाण के पाठ से वहां की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और वातावरण शांत और शुभ बनता है।
बजरंग बाण पढ़ने से मनुष्य में धैर्य, तप और आत्मबल जागता है। इससे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा और हनुमान जी की कृपा भी मिलती है।
प्रश्न1: बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए?
जब भी व्यक्ति की इच्छा हो वह अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दिन बजरंग बाण पाठ कर सकते हैं। मंगलवार या शनिवार के दिन इसका पाठ सबसे शुभ माना जाता है, तो यह और भी ज्यादा फलदायी माना जाता है।
प्रश्न2: बजरंग बाण पढ़ने से क्या होता है
बजरंग बाण का पाठ करने से बहुत तेज़ और शक्तिशाली ऊर्जा मिलती है। इसलिए इसे केवल संकट या बड़ी परेशानी के समय ही पढ़ना चाहिए। अगर आप बिना वजह रोज़ इसका पाठ करते हैं, तो इसका असर उल्टा भी हो सकता है।
प्रश्न3: क्या लड़कियां बजरंग बाण पाठ कर सकती हैं?
**उत्तर: ** हाँ, महिलाएं बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं। शास्त्रों में महिलाओं के लिए इस पर कोई रोक नहीं है।
लेकिन यह पाठ बहुत शक्तिशाली होता है, इसलिए महिलाओं को इसे सिर्फ विशेष संकट या कठिन समय में ही करने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न4: क्या हम रोज़ बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं?
उत्तर: बिना कारण रोज़ाना पाठ करने की बजाय, इसे ज़रूरत पड़ने पर श्रद्धा और नियम से करें, तभी इसका सही लाभ मिलता है।
प्रश्न5: बजरंग बाण किसने लिखी?
उत्तर: बजरंग बाण गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया एक शक्तिशाली मंत्र है, जो भगवान हनुमान जी को समर्पित है।
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