इस आरती का नियमित रूप से गायन करने से व्यक्ति के जीवन में भक्ति, प्रेम, और शांति की प्राप्ति होती है।
संत तुकाराम महाराज को संतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जिन्हें जगद्गुरु, तुकोबा और तुकोबराय के नाम से भी जाना जाता है। आज हम पढ़ेंगे उनकी आरती। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संत तुकाराम की आरती सुननें व पढ़नें से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है। तो आइए पढ़ते है तुकाराम जी की आरती।
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
राघवे सागरात ।
पाषाण तारीले ॥
तैसे हें तुकोबाचे ।
अभंग उदकी रक्षिले ॥
आरती तुकाराम ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
तुकिता तुलनेसी ।
ब्रह्म तुकासी आले ॥
म्हणोनि रामेश्वरे ।
चरणी मस्तक ठेविले ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥
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