
5 नवंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) की पूजा विधि, शुभ-अशुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व से जुड़ी खास जानकारी।
5 नवंबर 2025 का दिन भी धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और शुभ कर्म व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन लाने में सहायक होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन ईश्वर की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में समृद्धि व सौभाग्य बढ़ाने के लिए विशेष माना जाता है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 5 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों विशेष है? 5 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन देव दीवाली, गुरु नानक जयंती और पुष्कर स्नान जैसे विशेष पर्व मनाए जाते हैं। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
पंचांग विवरण
तिथि: शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – शाम 6:50 बजे तक
नक्षत्र: अश्विनी – सुबह 9:41 बजे तक
योग: सिद्धि – सुबह 11:29 बजे तक
करण: विष्टि – सुबह 8:43 बजे तक
वार: मंगलवार (मंगल देव का दिन)
मास: कार्तिक (शरद ऋतु)
विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्ववासु)
सूर्य राशि: तुला
चंद्र राशि: मेष
आयन: दक्षिणायन
दिशाशूल: उत्तर
महत्त्व और पर्व
5 नवंबर को देव दीवाली का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और अन्य देवताओं के सम्मान में दीप जलाने और पूजन का विशेष दिन है। साथ ही पुष्कर स्नान का भी महत्व है, जिसे पुण्य की प्राप्ति और पाप नाश के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है। उनके जीवन और शिक्षाओं का स्मरण करते हुए भक्ति और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली जाती है।
5 नवंबर को भीष्म पंचक व्रत का समापन होता है। इस दिन व्रती अपने व्रत और पूजा का निष्कर्ष करते हैं और देवउठनी एकादशी से पहले अंतिम दिन का पुण्य प्राप्त करते हैं।
पूजा और व्रत विधि
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर या मंदिर में भगवान विष्णु और गुरु नानक देव जी की प्रतिमा स्थापित करें।
दीपक जलाएं, पुष्प और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
यदि संभव हो तो फलाहार या उपवास करें।
शाम के समय आरती कर भक्ति और शांति की प्रार्थना करें।
शुभ-अशुभ समय
शुभ मुहूर्त: 11:20 AM से 12:04 PM
राहुकाल: 11:42 AM से 1:06 PM
गुलिक काल: 10:19 AM से 11:42 AM
यमघंट काल: 7:32 AM से 8:56 AM
सूर्य और चंद्र विवरण
सूर्योदय: 6:09 AM
सूर्यास्त: 5:15 PM
चंद्र उदय: 4:55 PM
चंद्रास्त: 5:38 AM
निष्कर्ष
5 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन देवदीवाली, पुष्कर स्नान और गुरु नानक जयंती जैसे पर्व मनाए जाते हैं। भीष्म पंचक व्रत का समापन भी इस दिन होता है। पूजा-पाठ, दान और उपवास करने से जीवन में शांति, धर्म और पुण्य की वृद्धि होती है।
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