3 नवंबर 2025 को क्या है?
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3 नवंबर 2025 को क्या है?

3 नवंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, तुलसी विवाह, यम द्वितीया और शुभ-अशुभ मुहूर्त से जुड़ी खास जानकारी।

आज के दिन के बारे में

3 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक रूप से शुभ और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण माना जाता है। इस दिन की गई साधना, दान और पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। भक्तजन इस दिन विशेष रूप से ईश्वर की आराधना कर अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस लेख में जानिए 3 नवंबर 2025 का धार्मिक महत्व, पूजन विधि और इससे जुड़ी विशेष जानकारियाँ।

3 नवंबर 2025 को क्या है?: जानें इस दिन से जड़ी रोचक बातें

क्या आप जानना चाहते हैं कि 3 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है? 3 नवंबर 2025, सोमवार के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन गोवत्स द्वादशी व्रत तथा भीष्म पंचक व्रत का तीसरा दिन मनाया जाएगा। गोवत्स द्वादशी को नंदिनी व्रत भी कहा जाता है, जो गौमाता की पूजा और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह दिन धर्म, सेवा और गौपूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: शुक्ल पक्ष द्वादशी – सुबह 11:32 बजे तक

  • नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद – रात 11:08 बजे तक

  • योग: हर्षण – सुबह 6:19 बजे तक

  • करण: बव – सुबह 11:30 बजे तक

  • वार: सोमवार (शिवपूजन के लिए शुभ दिन)

  • मास: कार्तिक (शरद ऋतु)

  • विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)

  • शक संवत: 1947 (विश्वावसु)

  • सूर्य राशि: तुला

  • चंद्र राशि: मीन

  • आयन: दक्षिणायन

  • दिशाशूल: उत्तर दिशा

पर्व और महत्त्व

  • गोवत्स द्वादशी (नंदिनी व्रत)

इस दिन गौमाता और उनके बछड़ों की पूजा का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में गौमाता को सभी देवताओं का निवास माना गया है। गोवत्स द्वादशी व्रत करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन से पापों का नाश होता है। व्रती इस दिन गाय की सेवा, चारा-दूध अर्पण और दान करते हैं।

  • भीष्म पंचक व्रत (तीसरा दिन)

भीष्म पंचक का तीसरा दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन दिनों में विधिपूर्वक व्रत करता है, उसे मोक्ष और अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है।

पूजा और व्रत विधि

  • प्रातः स्नान कर गौमाता की प्रतिमा या वास्तविक गाय की पूजा करें।

  • चावल, हल्दी, जल और पुष्प अर्पित करें।

  • गौमाता को गुड़, हरी घास और रोटी खिलाएं।

  • भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु की पूजा कर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

  • व्रत रखकर दान-पुण्य करें और शाम को दीपदान करें।

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 10:58 AM से 11:41 AM

  • राहुकाल: 7:31 AM से 8:54 AM

  • गुलिक काल: 1:07 PM से 2:30 PM

  • यमघंट काल: 10:19 AM से 11:42 AM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:07 AM

  • सूर्यास्त: 5:17 PM

  • चंद्र उदय: 3:53 PM

  • चंद्रास्त: 3:25 AM

निष्कर्ष

3 नवंबर 2025 का दिन गोवत्स द्वादशी और भीष्म पंचक व्रत के कारण अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गौमाता की पूजा, भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु की आराधना करने से धन, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन सेवा, श्रद्धा और धर्म के पालन का उत्तम अवसर प्रदान करता है।

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Published by Sri Mandir·November 3, 2025

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