29 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, नवरात्रि के आठवें दिन की महत्ता, देवी महागौरी की पूजा विधि और शुभ-अशुभ समय की पूरी जानकारी।
29 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और पारंपरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सोमवार को सप्तमी तिथि है और नवरात्रि का आठवाँ दिन। इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती है, जो शक्ति का सातवाँ स्वरूप हैं। जानिए इस दिन के व्रत और शुभ मुहूर्त, जो इसे खास बनाते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 29 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है?
29 सितंबर 2025, सोमवार को सप्तमी तिथि है। यह नवरात्रि का आठवाँ दिन होगा और इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाएगी। माँ कालरात्रि को शक्ति का सातवाँ स्वरूप माना जाता है। उनका रूप भयंकर और रौद्र है, लेकिन वे अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल प्रदान करती हैं। उनकी उपासना से शत्रुओं का नाश, भय और नकारात्मक शक्तियों का विनाश होता है।
पंचांग विवरण
तिथि: सप्तमी – रात्रि 11:58 बजे तक
नक्षत्र: पुष्य – दोपहर 2:55 बजे तक
योग: वृद्धि – सायं 4:12 बजे तक
करण: गरज – दोपहर 3:10 बजे तक
वार: सोमवार (चंद्र देव का दिन)
माँ कालरात्रि पूजा का महत्व
माँ कालरात्रि को अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। इन्हें “शुभंकारी” भी कहा जाता है क्योंकि उनका भयंकर रूप होते हुए भी वे भक्तों को शुभ फल ही देती हैं। उनकी पूजा से भय, जादू-टोना, बुरी शक्तियों और रोगों से मुक्ति मिलती है। जीवन में साहस, आत्मविश्वास और विजय की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
प्रातः स्नान कर लाल या नीले वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल पर माँ कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
धूप, दीप, लाल पुष्प, गुड़ और तिल का भोग अर्पित करें।
माँ कालरात्रि के मंत्र और स्तुति का पाठ करें।
अंत में आरती करें और भय तथा बाधाओं से मुक्त होने की प्रार्थना करें।
शुभ-अशुभ समय
शुभ मुहूर्त: 10:40 AM से 11:55 AM
राहुकाल: 7:50 AM से 9:25 AM
गुलिक काल: 1:50 PM से 3:25 PM
यमघंट काल: 10:15 AM से 11:50 AM
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 5:44 AM
सूर्यास्त: 6:04 PM
ग्रह और राशि
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: कर्क
दिशाशूल: उत्तर दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
निष्कर्ष
29 सितंबर 2025 का दिन नवरात्रि के आठवें दिन के रूप में माँ कालरात्रि की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी उपासना करने से भक्त को साहस, आत्मविश्वास और निडरता की प्राप्ति होती है। शत्रु, भय और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शुभ फल, शांति और उन्नति आती है।
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