28 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, नवरात्रि के सातवें दिन का महत्व, महाष्टमी व्रत और देवी कालरात्रि की आराधना के शुभ अवसर के बारे में विस्तार से।
28 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और पारंपरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। रविवार को षष्ठी तिथि है और नवरात्रि का सातवाँ दिन। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है, जो साहस, विजय और धर्म की रक्षा की प्रतीक हैं। जानिए इस दिन के व्रत और शुभ मुहूर्त, जो इसे खास बनाते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 28 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है?
28 सितंबर 2025, रविवार को षष्ठी तिथि है। यह नवरात्रि का सातवाँ दिन होगा और इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाएगी। माँ कात्यायनी को शक्ति का छठा स्वरूप माना जाता है। वे महिषासुर मर्दिनी के नाम से विख्यात हैं और साहस, विजय तथा धर्म की रक्षा की प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से विवाह संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
पंचांग विवरण
तिथि: षष्ठी – रात्रि 11:05 बजे तक
नक्षत्र: पुनर्वसु – दोपहर 1:42 बजे तक
योग: गंड – दोपहर 2:55 बजे तक
करण: तैतिल – दोपहर 2:05 बजे तक
वार: रविवार (सूर्य देव का दिन)
माँ कात्यायनी पूजा का महत्व
माँ कात्यायनी की आराधना करने से विवाह योग्य कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। वे धर्म की रक्षा और अन्याय के विनाश की देवी हैं। भक्तों को शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं। उनकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय और सुख-समृद्धि आती है।
पूजा विधि
प्रातः स्नान कर पीले या लाल वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल पर माँ कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
धूप, दीप, पुष्प, फल और शहद का भोग अर्पित करें (माँ कात्यायनी को शहद विशेष प्रिय है)।
माँ कात्यायनी के मंत्र और स्तोत्र का पाठ करें।
अंत में आरती कर परिवार की मंगलकामना और विजय की प्रार्थना करें।
शुभ-अशुभ समय
शुभ मुहूर्त: 10:45 AM से 12:00 PM
राहुकाल: 4:30 PM से 6:00 PM
गुलिक काल: 3:00 PM से 4:30 PM
यमघंट काल: 12:15 PM से 1:50 PM
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 5:44 AM
सूर्यास्त: 6:05 PM
ग्रह और राशि
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: कर्क
दिशाशूल: पश्चिम दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
निष्कर्ष
28 सितंबर 2025 का दिन नवरात्रि के सातवें दिन के रूप में माँ कात्यायनी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है। इस दिन उनकी आराधना करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं, साहस की प्राप्ति होती है और शत्रुओं का नाश होता है। माँ कात्यायनी का आशीर्वाद जीवन में विजय, उन्नति और सुख-समृद्धि लाता है।
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