26 दिसंबर 2025 को क्या है?
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26 दिसंबर 2025 को क्या है?

जानिए इस दिन की द्वितीया तिथि, पंचांग, नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।

आज के दिन के बारे में

26 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि पर किए गए पूजा, व्रत और दान से जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन की गई भक्ति साधना घर-परिवार में सुख-शांति लाती है और जीवन में मनचाहे फल प्राप्त करने में सहायता करती है।

26 दिसंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 26 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार और शुभ योग हैं और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों विशेष है? 26 दिसंबर 2025, शुक्रवार को शुक्ल पक्ष षष्ठी है। यह दिन आध्यात्मिक रूप से शुभ माना जाता है, विशेषकर देवी-देवताओं की आराधना, दान और व्रत के लिए। शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संतान की उन्नति, स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: शुक्ल पक्ष षष्ठी – दोपहर 1:44 PM तक

  • नक्षत्र: शतभिषा – सुबह 9:01 AM तक

  • योग: सिद्धि – दोपहर 2:01 PM तक

  • करण: तैतिल – दोपहर 1:40 PM तक

  • वार: शुक्रवार

  • मास (अमांत): पौष

  • मास (पूर्णिमांत): पौष

  • विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)

  • शक संवत: 1947 (विश्ववासु)

  • सूर्य राशि: धनु

  • चंद्र राशि: कुम्भ

  • ऋतु: हेमंत

  • आयन: दक्षिणायन

  • दिशाशूल: पश्चिम दिशा

  • चंद्र निवास: पश्चिम दिशा

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:38 AM से 12:20 PM

  • राहुकाल: 10:40 AM से 11:59 AM

  • गुलिक काल: 8:01 AM से 9:21 AM

  • यमघंट काल: 2:38 PM से 3:57 PM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:42 AM

  • सूर्यास्त: 5:17 PM

  • चंद्र उदय: 10:55 AM

  • चंद्रास्त: 11:01 PM

त्योहार व पर्व

शुक्ल षष्ठी तिथि स्वयं में अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन की गई पूजा से

  • संतान सुख में वृद्धि

  • परिवार की सुरक्षा

  • स्वास्थ्य लाभ

  • और मानसिक शांति प्राप्त होती है

  • साथ ही शुक्रवार होने के कारण माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने का यह उत्तम दिन माना जाता है

पूजा-व्रत विधि

  • सुबह स्नान कर पीले या साफ वस्त्र धारण करें।

  • घर में दीपक जलाकर भगवान सूर्य, देवी-देवताओं और विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करें।

  • फलाहार या साधारण व्रत रख सकते हैं।

  • माता लक्ष्मी को कमल का फूल, घी का दीपक और खीर का भोग अर्पित करें।

  • शाम को घर में शांति पाठ, आरती और परिवार की मंगलकामना करें।

निष्कर्ष

26 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से शुभ है। शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि होने के कारण यह दिन संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। शुक्रवार का संयोजन इसे और भी मंगलकारी बनाता है। इस दिन पूजा, व्रत और दान से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

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Published by Sri Mandir·December 12, 2025

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