24 August 2025 Ko Kya Hai? जानिए भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि, इस दिन के व्रत, पूजा विधि और धार्मिक महत्व की पूरी जानकारी।
24 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक आस्था, पवित्र पर्व और शुभ योगों से परिपूर्ण रहेगा। इस दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं क्या हैं और कौन से शुभ मुहूर्त आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस लेख में जानिए 24 अगस्त 2025 से जुड़ी हर खास और महत्वपूर्ण जानकारी।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 24 अगस्त 2025 को कौन-सा व्रत, पर्व या तिथि है? यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं। दरअसल 24 अगस्त 2025 को रविवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (सुबह 11:48 बजे तक) और उसके बाद द्वितीया तिथि है। प्रतिपदा तिथि नए कार्यों की शुरुआत, देव पूजन और व्रत के लिए शुभ मानी जाती है, वहीं द्वितीया तिथि चंद्र दर्शन और पूजन के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दिन चंद्रमा की आराधना करने और शुभ संकल्प लेने से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
तिथि: प्रतिपदा (सुबह 11:48 बजे तक), फिर द्वितीया
नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी (रात 12:54 बजे तक), फिर उत्तरा फाल्गुनी
योग: शिव योग (सुबह 11:41 बजे तक), फिर सिद्ध योग
वार: रविवार
प्रतिपदा तिथि को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है। द्वितीया तिथि को चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने और उनके मंत्रों का जाप करने से मानसिक तनाव दूर होता है और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
प्रतिपदा तिथि में विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर फूल, अक्षत, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
द्वितीया तिथि में चंद्रमा का दर्शन करें और उन्हें दूध, शहद, चीनी मिश्रित जल का अर्घ्य दें।
चंद्र मंत्र का जप करें — “ॐ चन्द्राय नमः”।
जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र, चावल, शक्कर आदि का दान करें।
राहुकाल: शाम 5:13 बजे से 6:48 बजे तक
शुभ मुहूर्त:
प्रातः 7:00 से 9:00 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:03 से 12:54 बजे तक
24 अगस्त 2025 को प्रतिपदा और द्वितीया तिथि का संगम नए कार्यों की शुरुआत और चंद्रमा की आराधना के लिए शुभ अवसर प्रदान करता है। इस दिन की गई पूजा और दान-पुण्य से जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और मानसिक संतुलन का आशीर्वाद मिलता है।
Did you like this article?
30 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का नौवाँ और अंतिम दिन, शुभ दशमी व्रत का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और देवी सिद्धिदात्री की पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी।
29 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का आठवाँ दिन, देवी महागौरी पूजा का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और आराधना की सम्पूर्ण जानकारी।
28 September 2025 Ko Kya Hai? जानें नवरात्रि का सातवाँ दिन, महाष्टमी व्रत का महत्व, पंचांग विवरण, शुभ मुहूर्त और देवी कालरात्रि की पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी।