22 दिसंबर 2025 को क्या है?
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22 दिसंबर 2025 को क्या है?

जानिए इस दिन की त्रयोदशी तिथि, मासिक प्रदोष व्रत का महत्व, पंचांग, नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।

आज के दिन के बारे में

22 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है। इस तिथि पर किए गए पूजा, व्रत और दान से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है। माना जाता है कि इस दिन की गई साधना मन को शांति प्रदान करती है और जीवन में शुभ परिणाम लाती है।

22 दिसंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 22 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार और शुभ योग हैं और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों विशेष है? 22 दिसंबर 2025, सोमवार को शुक्ल पक्ष द्वितीय है। इस दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष कार्य करना शुभ माना जाता है। प्रतिपदा और द्वितीया तिथियों का संबंध नए कार्यों की शुरुआत, पूजा, व्रत और दान से जुड़ा होता है, जिससे घर और जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

पंचांग विवरण

  • तिथि: शुक्ल पक्ष द्वितीय - सुबह 10:53 AM तक

  • नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा - सुबह 5:33 AM तक

  • योग: ध्रुव - शाम 4:41 PM तक

  • करण: कौलव - सुबह 10:50 AM तक

  • वार: सोमवार

  • मास (अमांत): पौष

  • मास (पूर्णिमांत): पौष

  • विक्रम संवत: 2082 (कालियुक्त)

  • शक संवत: 1947 (विश्ववासु)

  • सूर्य राशि: धनु

  • चंद्र राशि: धनु

  • ऋतु: हेमंत

  • आयन: दक्षिणायन

  • दिशाशूल: पूर्व दिशा

  • चंद्र निवास: पूर्व दिशा

शुभ-अशुभ समय

  • शुभ मुहूर्त: 11:36 AM से 12:18 PM

  • राहुकाल: 8:00 AM से 9:19 AM

  • गुलिक काल: 1:17 PM से 2:36 PM

  • यमघंट काल: 10:38 AM से 11:57 AM

सूर्य और चंद्र विवरण

  • सूर्योदय: 6:40 AM

  • सूर्यास्त: 5:14 PM

  • चंद्र उदय: 8:30 AM

  • चंद्रास्त: 7:12 PM

त्योहार और विशेष अवसर

  • धार्मिक महत्व: द्वितीय तिथि पर पूजा, दान और नए कार्य आरंभ करना विशेष शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए धर्म-कर्म से घर में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  • चंद्र दर्शन: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के समय चंद्र दर्शन करना फलदायी माना जाता है।

पूजा-व्रत विधि

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • घर या मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा करें।

  • दीप प्रज्वलन और तुलसी या फूल अर्पित करें।

  • दान और भजन-कीर्तन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

  • शाम को आरती करें और द्वितीया तिथि से जुड़ी कथा या भजन का पाठ करें।

निष्कर्ष

22 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष है। द्वितीय तिथि होने के कारण पूजा, व्रत और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए कर्म जीवन में शांति, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ाते हैं।

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Published by Sri Mandir·December 11, 2025

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