21 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण चतुर्दशी, त्रयोदशी व्रत, महालय अमावस्या, नवरात्रि पूजा और शुभ मुहूर्त व पूजा विधि।
21 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से खास महत्व रखता है। पितृ पक्ष के अंतर्गत इस दिन होने वाले श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, इस तिथि पर कौन से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे और कौन से शुभ-अशुभ मुहूर्त आपके कार्यों को सफल बना सकते हैं, यह जानना हर श्रद्धालु के लिए आवश्यक है। इस लेख में पढ़ें 21 सितंबर 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी, जो इस दिन को और भी खास बनाती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 21 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है? 21 सितंबर 2025 रविवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि से एक दिन पहले, अमावस्या के निकट स्थित पितृ पक्ष श्राद्ध का दिन है। इस दिन अंतिम श्राद्ध या पितृ तर्पण करने का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष के इस अंतिम दिन पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए परिवारजन श्रद्धापूर्वक श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं।
पंचांग विवरण
तिथि प्रारंभ: 20 सितंबर 2025 को रात 10:32 बजे
तिथि समाप्त: 21 सितंबर 2025 को रात 10:05 बजे
वार: रविवार (सूर्य देव का दिन)
नक्षत्र: भरणी – सुबह 7:45 बजे तक, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र
योग: हर्षण – सुबह 7:02 बजे तक, फिर वज्र योग
करण: तैतिल – सुबह 8:15 बजे तक, उसके बाद गण्ड करण
महीना (अमान्त): भाद्रपद
महीना (पूर्णिमांत): अश्विन
अंतिम पितृ पक्ष श्राद्ध का महत्व
पितृ पक्ष का अंतिम दिन श्राद्ध करने का अत्यंत महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया अंतिम श्राद्ध या तर्पण उन सभी पितरों के लिए होता है जिनकी आत्मा को शांति और आशीर्वाद प्रदान करना आवश्यक है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के अंत में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु का वास होता है।
पूजा-विधि एवं अनुष्ठान
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पितृ पक्ष श्राद्ध कुतुप, रौहिण या अपराह्न मुहूर्त में सम्पन्न करें।
पितरों का स्मरण कर पिंड, जल, तिल और पुष्प अर्पित करें।
ब्राह्मणों को भोजन करवाकर वस्त्र, दक्षिणा और दान दें।
अंत में तर्पण करके पितृ पक्ष का समापन करें।
शुभ-अशुभ समय
कुतुप मुहूर्त: 11:50 AM से 12:39 PM
रौहिण मुहूर्त: 12:39 PM से 1:28 PM
अपराह्न काल: 1:28 PM से 3:54 PM
अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM
राहुकाल: 9:12 AM से 10:46 AM
गुलिक काल: 6:12 AM से 7:46 AM
यमघंट काल: 2:02 PM से 3:36 PM
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 5:42 AM
सूर्यास्त: 6:02 PM
चंद्रोदय: 8:05 PM
चंद्रास्त: 9:06 AM (22 सितंबर को)
ग्रह और राशि
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: वृषभ
दिशाशूल: पश्चिम दिशा
ऋतु: वर्षा
आयन: दक्षिणायन
निष्कर्ष
21 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पितृ पक्ष का अंतिम श्राद्ध करने का दिन है। इस दिन विधिपूर्वक पितृ तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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