21 अगस्त 2025 को क्या है?
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21 अगस्त 2025 को क्या है?

21 August 2025 Ko Kya Hai? जानिए भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि, इस दिन के व्रत, पूजा विधि और धार्मिक महत्व की पूरी जानकारी।

आज के दिन के बारे में

21 अगस्त 2025 का दिन आस्था और शुभ अवसरों से भरा होगा। इस दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं, उनके पीछे की धार्मिक मान्यताएं क्या हैं और कौन से विशेष मुहूर्त आपके कार्यों के लिए लाभकारी रहेंगे, यह जानना दिलचस्प है। इस लेख में जानिए 21 अगस्त 2025 से जुड़ी पूरी और खास जानकारी।

21 अगस्त 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 21 अगस्त 2025 को कौन-सा व्रत, पर्व या तिथि है? यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं। दरअसल 21 अगस्त 2025 को गुरुवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि (दोपहर 12:45 बजे तक) और उसके बाद चतुर्दशी तिथि है। त्रयोदशी तिथि विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए मानी जाती है और इसे मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, वहीं चतुर्दशी तिथि भी शिव उपासना और उपवास के लिए शुभ होती है। इस दिन उपवास, रात्रि जागरण और शिवलिंग अभिषेक का विशेष महत्व है।

पंचांग विवरण

तिथि: त्रयोदशी (दोपहर 12:45 बजे तक), फिर चतुर्दशी, नक्षत्र: पुष्य (दोपहर 12:20 बजे तक), फिर आश्लेषा, योग: व्यतीपात योग (सुबह 9:26 बजे तक), फिर वरण योग, वार: गुरुवार

धार्मिक महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, पापों का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। गुरुवार का दिन होने से इस दिन गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करने और ज्ञान, धन एवं वैवाहिक सुख बढ़ाने का भी योग बनता है।

पूजन विधि

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनेंशिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा और अक्षत अर्पित करेंॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें या शिव चालीसा पढ़ेंरात्रि में जागरण करें और शिव कथा या भजन-कीर्तन करेंगरीबों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करें

राहुकाल व शुभ मुहूर्त

राहुकाल: दोपहर 1:55 बजे से 3:30 बजे तक शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 5:15 बजे तक) और अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 12:05 से 12:55 बजे तक)

निष्कर्ष

21 अगस्त 2025 को त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि का संगम मासिक शिवरात्रि को और अधिक पवित्र बनाता है। गुरुवार का दिन, शिव उपासना और व्रत-पूजन का यह अवसर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आरोग्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने वाला है।

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Published by Sri Mandir·August 12, 2025

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