
जानिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि, आज का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और व्रत-त्योहार से जुड़ी जानकारी।
20 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। इस दिन श्रद्धा से किए गए व्रत, पूजा और दान से जीवन में सकारात्मकता और ईश्वरीय कृपा का संचार होता है। माना जाता है कि आज के दिन की भक्ति मन की शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 20 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है? 20 नवंबर 2025, गुरुवार के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या है। यह दिन पितृ तर्पण, दान-पुण्य और देव पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। अमावस्या तिथि को पितरों को प्रसन्न करने के लिए जल, तिल और अन्न का तर्पण किया जाता है। इस दिन उपवास, स्नान और ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह दिन मार्गशीर्ष मास के आरंभिक चरण का सूचक भी है, जो भगवान विष्णु की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
तिथि: कृष्ण पक्ष अमावस्या – दोपहर 12:17 बजे तक
नक्षत्र: विशाखा – सुबह 10:59 बजे तक
योग: शोभन – सुबह 9:53 बजे तक
करण: नाग – दोपहर 12:16 बजे तक
वार: गुरुवार (बृहस्पति देव का दिन)
मास: मार्गशीर्ष (पूर्णिमांत) / कार्तिक (अमान्त)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
सूर्य राशि: वृश्चिक
चंद्र राशि: वृश्चिक
ऋतु: हेमंत
आयन: दक्षिणायन
दिशाशूल: दक्षिण दिशा
सूर्योदय: सुबह 6:19 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:09 बजे
चंद्रोदय: सुबह 6:16 बजे
चंद्रास्त: शाम 4:58 बजे
शुभ मुहूर्त: 11:23 AM से 12:05 PM
अभिजित मुहूर्त: 11:45 AM से 12:28 PM
विजय मुहूर्त: 1:53 PM से 2:35 PM
राहुकाल: 1:06 PM से 2:27 PM
गुलिक काल: 9:02 AM से 10:23 AM
यमगंड काल: 6:19 AM से 7:41 AM
मार्गशीर्ष अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन पितरों के तर्पण और दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन स्नान, दीपदान और व्रत करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन तीर्थ स्नान करके पितरों को तर्पण करता है, उसे अनेक जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
अन्वाधान
20 नवंबर को अन्वाधान व्रत भी किया जाता है। यह एक उपवास व्रत होता है जिसमें भगवान विष्णु की आराधना कर व्रत रखने वाला व्यक्ति शरीर और मन को शुद्ध करता है।
प्रातः काल स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें।
अपने पितरों का स्मरण करते हुए तर्पण करें, तिल, जल और पुष्प अर्पित करें।
घर या मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
दीपक जलाकर घर के चारों ओर प्रकाश करें।
जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा दान करें।
तिल और जल से पितृ तर्पण
ब्राह्मणों को अन्न और वस्त्र दान
दीपदान (विशेष रूप से नदी या तालाब के किनारे)
विष्णु और शिव पूजा
अमावस्या व्रत या उपवास
20 नवंबर 2025 का दिन मार्गशीर्ष अमावस्या के कारण अत्यंत पवित्र है। इस दिन किया गया तर्पण, दान और पूजा कई गुना फल प्रदान करता है। पितृ शांति, मन की स्थिरता और पारिवारिक सुख के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना गया है। यदि आप जीवन में शांति, समृद्धि और पितृ कृपा चाहते हैं, तो इस अमावस्या पर स्नान, दान और ध्यान अवश्य करें।
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