19 सितंबर 2025 को क्या है?
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19 सितंबर 2025 को क्या है?

19 सितंबर 2025 को क्या है? जानिए इस दिन का पंचांग, आश्विन कृष्ण द्वादशी, एकादशी व्रत का महत्व, द्वादशी पूजा, नवरात्रि पूजा और शुभ मुहूर्त व पूजा विधि।

आज के दिन के बारे में

19 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इस दिन पितृ पक्ष के अंतर्गत कौन सा श्राद्ध किया जाएगा, उसका क्या महत्व है और साथ ही दिनभर में कौन से शुभ-अशुभ मुहूर्त आपके कार्यों के लिए लाभकारी रहेंगे, यह जानना बेहद आवश्यक है। इस लेख में पढ़िए 19 सितंबर 2025 से जुड़ी संपूर्ण जानकारी, जो इस दिन को विशेष महत्व प्रदान करती है।

19 सितंबर 2025 को क्या है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 19 सितंबर 2025 को कौन-सा व्रत और त्योहार है तथा यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों खास है? 19 सितंबर 2025 शुक्रवार का दिन है और यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन त्रयोदशी श्राद्ध (तेरस श्राद्ध) किया जाएगा। यह श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो। पितृ पक्ष के इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है।

पंचांग विवरण

  • तिथि प्रारंभ: 18 सितंबर 2025 को रात 11:24 बजे

  • तिथि समाप्त: 19 सितंबर 2025 को रात 11:00 बजे

  • वार: शुक्रवार (मां लक्ष्मी का दिन)

  • नक्षत्र: रेवती – सुबह 6:59 बजे तक, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र

  • योग: ध्रुव – सुबह 6:16 बजे तक, फिर व्याघात योग

  • करण: बव – सुबह 7:54 बजे तक, उसके बाद बालव करण

  • महीना (अमान्त): भाद्रपद

  • महीना (पूर्णिमांत): अश्विन

त्रयोदशी श्राद्ध का महत्व

त्रयोदशी श्राद्ध को तेरस श्राद्ध भी कहा जाता है। यह उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन किया गया श्राद्ध पितरों को संतुष्ट करने के साथ-साथ परिवार को दैवीय आशीर्वाद भी प्रदान करता है। साथ ही, यह तिथि धन, सुख और संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी विशेष मानी जाती है।

पूजा-विधि एवं अनुष्ठान

  • प्रातः स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।

  • श्राद्ध अनुष्ठान कुतुप, रौहिण या अपराह्न मुहूर्त में करें।

  • तिल, पुष्प, जल और पिंड अर्पित कर पितरों का स्मरण करें।

  • ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।

  • श्राद्ध के अंत में तर्पण अवश्य करें।

शुभ-अशुभ समय

  • कुतुप मुहूर्त: 11:50 AM से 12:39 PM

  • रौहिण मुहूर्त: 12:39 PM से 1:28 PM

  • अपराह्न काल: 1:28 PM से 3:54 PM

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:22 PM

  • राहुकाल: 10:39 AM से 12:13 PM

  • गुलिक काल: 7:05 AM से 8:39 AM

  • यमघंट काल: 3:20 PM से 4:55 PM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: 5:41 AM

  • सूर्यास्त: 6:04 PM

  • चंद्रोदय: 7:17 PM

  • चंद्रास्त: 7:31 AM (20 सितंबर को)

ग्रह और राशि

  • सूर्य राशि: सिंह

  • चंद्र राशि: मेष

  • दिशाशूल: पश्चिम दिशा

  • ऋतु: वर्षा

  • आयन: दक्षिणायन

निष्कर्ष

19 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष है क्योंकि इस दिन त्रयोदशी श्राद्ध मनाया जाएगा। यह तिथि पितरों की आत्मा की शांति और परिवार की उन्नति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। विधिवत श्राद्ध और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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Published by Sri Mandir·September 18, 2025

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