
जानिए इस दिन का पंचांग, कार्तिक पूर्णिमा व्रत, देव दीपावली का महत्व, शुभ-अशुभ मुहूर्त और धार्मिक जानकारी।
18 नवंबर 2025 का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भक्तजन व्रत, पूजा और जप के माध्यम से ईश्वर की आराधना करते हैं। माना जाता है कि आज के दिन सच्चे मन से की गई प्रार्थना जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आती है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 18 नवंबर 2025 को कौन-सा व्रत या त्योहार है और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? 18 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह दिन मासिक शिवरात्रि के रूप में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध एवं गंगाजल अर्पित करते हैं।
तिथि: त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष) – सुबह 7:13 बजे तक
वार: मंगलवार
नक्षत्र: स्वाती – सुबह 8:00 बजे तक
योग: आयुष्मान – सुबह 8:09 बजे तक
करण: वणिज – सुबह 7:12 बजे तक
मास: कार्तिक (अमान्त) / मार्गशीर्ष (पूर्णिमांत)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
सूर्य राशि: वृश्चिक
चंद्र राशि: तुला
ऋतु: हेमंत
आयन: दक्षिणायन
दिशाशूल: उत्तर दिशा
चंद्र निवास: पश्चिम दिशा
सूर्योदय: सुबह 6:18 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:10 बजे
चंद्रोदय: सुबह 4:28 बजे
चंद्रास्त: दोपहर 3:44 बजे
मासिक शिवरात्रि व्रत
मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। यह भगवान शिव को समर्पित पर्व है। इस दिन शिवभक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात भर जागरण कर शिवलिंग की पूजा करते हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, ग्रहदोष दूर होते हैं और शिव-कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है।
मंगलवार का व्रत
मंगलवार हनुमान जी का दिन माना जाता है। इस दिन बजरंगबली की उपासना करने से शत्रु, भय और रोगों का नाश होता है। इस प्रकार 18 नवंबर 2025 का दिन शिव और हनुमान दोनों की आराधना के लिए अत्यंत शुभ है।
प्रातः स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, पुष्प और धूप अर्पित करें।
“ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
रात्रि में जागरण करें और चार पहर की पूजा करें।
हनुमान जी के भक्त “हनुमान चालीसा” और “सुंदरकांड” का पाठ करें।
फलाहार करें और अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
शुभ मुहूर्त: 11:23 AM – 12:05 PM
राहुकाल: 2:27 PM – 3:48 PM
गुलिक काल: 11:44 AM – 1:05 PM
यमघंट काल: 9:01 AM – 10:22 AM
मासिक शिवरात्रि साधना, तपस्या और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर करने का संकल्प लेते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।
18 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन मासिक शिवरात्रि व्रत होने के कारण शिवभक्तों के लिए यह परम शुभ अवसर है। मंगलवार का संयोग इसे और भी पवित्र बनाता है।
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