
13 August 2025 Ko Kya Hai? जानिए श्रावण मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि, इस दिन के व्रत, पूजा और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से।
13 अगस्त 2025 को बुधवार है। इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 6:36 बजे तक रहेगी, उसके बाद पंचमी तिथि प्रारंभ होगी। यह दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत के लिए विशेष माना जाता है, जिसे गणपति भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए रखते हैं। इसके अलावा, श्रावण मास होने के कारण इस दिन भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 13 अगस्त 2025 को कौन-सा व्रत, पर्व या तिथि है? यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं। दरअसल 13 अगस्त 2025 को बुधवार का दिन है और यह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (सुबह 6:36 बजे तक) और उसके बाद पंचमी तिथि है। चतुर्थी तिथि विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए मानी जाती है, वहीं पंचमी तिथि नाग पूजा एवं धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ होती है। इस दिन रक्षा पंचमी पर्व मनाया जाएगा। यह रक्षा बंधन के बाद आता है और बहन की रक्षा हेतु बहुओं द्वारा रक्षा सूत्र बाँधने व रक्षा की भावना को प्रदर्शित करने का पावन अवसर होता है।
तिथि: चतुर्थी (सुबह 6:36 बजे तक), फिर पंचमी
नक्षत्र: उत्तरभाद्रपद (सुबह 10:32 बजे तक), फिर रेवती
योग: धृति योग (सुबह 7:38 बजे तक), फिर शूल योग
वार: बुधवार
चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की उपासना करने से विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। श्रावण कृष्ण चतुर्थी के दिन व्रत रखने और गणेश जी को दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करने का विधान है। पंचमी तिथि को नाग पूजा और जल चढ़ाने से पितृ दोष शांति तथा संतान सुख की प्राप्ति मानी जाती है।
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें
गणेश जी की मूर्ति या चित्र पर जल, दूर्वा, लाल पुष्प और मोदक अर्पित करें
गणपति अथर्वशीर्ष या गणेश मंत्र का जप करें
पंचमी के समय नाग देवता को दूध और जल अर्पित करें
दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं
राहुकाल: दोपहर 12:20 बजे से 1:55 बजे तक
शुभ मुहूर्त: सुबह 7:00 से 9:00 और दोपहर 12:30 से 3:00 बजे तक
13 अगस्त 2025 को चतुर्थी और पंचमी तिथि का संगम भक्तों को गणेश जी और नाग देवता की कृपा प्राप्त करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य से विघ्नों का नाश, आरोग्य और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
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