
जानिए इस दिन की तृतीया तिथि, सौभाग्य तृतीया का महत्व, पंचांग, नक्षत्र, शुभ-अशुभ समय, योग, करिणा और इस दिन के धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।
12 दिसंबर 2025 को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ दिन माना जाता है। इस दिन किए गए पूजा, व्रत और दान से घर-परिवार में सौभाग्य और सुख-शांति बढ़ती है। भक्तजन भगवान और देवी-देवताओं से स्वास्थ्य, समृद्धि और मनोकामनाओं की सफलता की कामना करते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 12 दिसंबर 2025 को कौन-सा व्रत, त्योहार और शुभ योग हैं और यह दिन धार्मिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? 12 दिसंबर 2025, शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। यह दिन विशेष रूप से पूजा, जप और साधना के लिए शुभ माना जाता है। अष्टमी के दिन दुर्गा माता की आराधना करने तथा उपवास रखने की परंपरा भी है। इस दिन के ग्रह-नक्षत्र और पंचांग योग साधना, आराधना और आत्मिक शांति के लिए अनुकूल माने जाते हैं।
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
मां दुर्गा या माता काली की आराधना करें।
धूप, दीप, फल, पुष्प, चंदन और नैवेद्य अर्पित करें।
“ॐ दुं दुर्गायै नमः” या “ॐ क्रीं कालीकायै नमः” मंत्र का जप करें।
दिन में शांत मन से ध्यान करें।
शुक्रवार होने के कारण माता लक्ष्मी की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
जरूरतमंदों को भोजन या दान देना पुण्यदायक होता है।
12 दिसंबर 2025 का दिन अष्टमी तिथि, शुक्रवार और शुभ योगों के कारण धार्मिक रूप से महत्त्वपूर्ण है। इस दिन देवी पूजा, ध्यान और दान करने से मन की शांति, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह दिन ऊर्जा-संतुलन, साधना और सकारात्मकता बढ़ाने के लिए विशेष रूप से श्रेष्ठ माना जाता है।
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