10 अगस्त 2025 को क्या है? जानें इस दिन का पंचांग, रक्षाबंधन का महत्व, चंद्र दर्शन और शुभ समय।
10 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन पड़ने वाले व्रत और त्योहार न केवल आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि इनके पीछे की पौराणिक मान्यताएं भी बेहद रोचक हैं। साथ ही, इस दिन के शुभ मुहूर्त आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं। इस लेख में जानिए 10 अगस्त 2025 से जुड़ी हर खास जानकारी।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 10 अगस्त 2025 को कौन-सा व्रत है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है? 10 अगस्त 2025 रविवार का दिन है और यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि (सुबह 7:52 बजे तक) और उसके बाद एकादशी तिथि है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन पवित्रा एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और इसके पालन से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
10 अगस्त को दशमी तिथि सुबह 7:52 बजे तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि शुरू होगी जो अगले दिन सुबह तक रहेगी। इस दिन का नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा दोपहर 12:48 बजे तक रहेगा, फिर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रारंभ होगा। योग में शिव योग रहेगा जो धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल है। करण में कौलव (सुबह 7:52 बजे तक) और फिर तैतिल करण प्रभावी रहेगा।
रविवार का दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए शुभ माना जाता है, वहीं एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार, यह दिन शिव, विष्णु और सूर्य तीनों देवताओं की आराधना के लिए उत्तम है।
पवित्रा एकादशी व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में आता है और इसे साल की सबसे पवित्र एकादशियों में से एक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। भक्तजन इस दिन प्रातः स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेते हैं, भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर पूजन करते हैं और दिनभर भजन-कीर्तन व हरि-नाम संकीर्तन करते हैं।
रात्रि में जागरण करना और अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करना इस व्रत की पूर्णता मानी जाती है। जो लोग व्रत नहीं रख सकते, वे भी इस दिन भगवान विष्णु का स्मरण और पूजा कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
इस दिन राहुकाल शाम 4:46 बजे से 6:22 बजे तक रहेगा। इस समय में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करना वर्जित माना जाता है। सुबह का समय पूजा-पाठ और व्रत के संकल्प के लिए उत्तम रहेगा।
10 अगस्त 2025 का दिन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायी है। पवित्रा एकादशी व्रत, भक्ति और नियमपूर्वक करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना के साथ-साथ सूर्य और शिव की पूजा भी शुभ फलदायी मानी जाती है।
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