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6 नवम्बर, 2024

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पंचमी शुक्ल पक्ष,बुधवार
कार्तिक मास
शरद,पिंगल 2081
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कार्तिक मास
शरद,पिंगल 2081
त्यौहार
लाभ पञ्चमी
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लाभ पञ्चमी

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:20 AM से 12:04 PM
11:20 AM से 12:04 PM
राहुकाल
राहुकाल
11:42 AM से 1:05 PM
11:42 AM से 1:05 PM
गुलिक काल
गुलिक काल
10:19 AM से 11:42 AM
10:19 AM से 11:42 AM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
7:33 AM से 8:56 AM
7:33 AM से 8:56 AM

सूर्यास्त-सूर्योदय

सूर्योदय
6:10 AM
सूर्योदय
6:10 AM
सूर्यास्त
5:15 PM
सूर्यास्त
5:15 PM
MoonRise
चंद्रोदय
10:28 AM
MoonRise
चंद्रोदय
10:28 AM
MoonSet
चन्द्रास्त
8:53 PM
MoonSet
चन्द्रास्त
8:53 PM

आज का पंचांग

तिथि
शुक्ल पक्ष पंचमी
12:42 AM तक
12:42 AM तक
नक्षत्र
मूल
11:01 AM तक
11:01 AM तक
योग
सुकर्मा
10:51 AM तक
10:51 AM तक
करण
बव
12:30 PM तक
12:30 PM तक
महीना अमान्त
कार्तिक
महीना पूर्णिमांत
कार्तिक
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2081 (पिंगल)
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कमला जयन्ती
1 November, 2024
कार्तिक अमावस्या
1 November, 2024
दर्श अमावस्या
2 November, 2024
गोवर्धन पूजा
2 November, 2024
अन्नकूट
2 November, 2024
बलि प्रतिपदा
2 November, 2024
द्यूत क्रीडा
2 November, 2024
नव सम्वत प्रारम्भ
3 November, 2024
चन्द्र दर्शन
3 November, 2024
भैया दूज
3 November, 2024
यम द्वितीया
5 November, 2024
नागुला चविति *तेलुगू
5 November, 2024
विनायक चतुर्थी
6 November, 2024
लाभ पञ्चमी
7 November, 2024
छठ पूजा
7 November, 2024
सूर सम्हारम
8 November, 2024
अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
9 November, 2024
गोपाष्टमी
9 November, 2024
मासिक दुर्गाष्टमी
10 November, 2024
अक्षय नवमी
10 November, 2024
जगद्धात्री पूजा
11 November, 2024
कंस वध
11 November, 2024
भीष्म पञ्चक प्रारम्भ
12 November, 2024
देवुत्थान एकादशी
12 November, 2024
योगेश्वर द्वादशी
13 November, 2024
तुलसी विवाह
13 November, 2024
प्रदोष व्रत
14 November, 2024
वैकुण्ठ चतुर्दशी
14 November, 2024
विश्वेश्वर व्रत
14 November, 2024
चौमासी चौदस
14 November, 2024
नेहरू जयन्ती
15 November, 2024
मणिकर्णिका स्नान
15 November, 2024
देव दीवाली
15 November, 2024
कार्तिक पूर्णिमा
15 November, 2024
पुष्कर स्नान
15 November, 2024
पूर्णिमा उपवास
15 November, 2024
गुरु नानक जयन्ती
15 November, 2024
भीष्म पञ्चक समाप्त
15 November, 2024
अष्टाह्निका विधान पूर्ण
15 November, 2024
रथ यात्रा
16 November, 2024
मार्गशीर्ष प्रारम्भ *उत्तर
16 November, 2024
वृश्चिक संक्रान्ति
16 November, 2024
मासिक कार्तिगाई
16 November, 2024
मण्डला काल प्रारम्भ
17 November, 2024
रोहिणी व्रत
18 November, 2024
संकष्टी चतुर्थी
22 November, 2024
कालभैरव जयन्ती
28 November, 2024
प्रदोष व्रत
30 November, 2024
दर्श अमावस्या
51,000 सूर्य गायत्री मंत्र जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ
छठ पूजा सूर्य देव विशेष

51,000 सूर्य गायत्री मंत्र जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ

राजनीति एवं सरकारी नौकरियों में सफलता के आशीर्वाद के लिए

puja venue
श्री गलता जी सूर्य मंदिर, जयपुर, राजस्थान
puja date
7 नवम्बर, गुरुवार, कार्तिक शुक्ल षष्ठी
सूरसम्हारम शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति हवन
स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष

सूरसम्हारम शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति हवन

जीवन में शत्रुओं एवं बाधाओं पर विजय प्राप्ति के आशीर्वाद के लिए

puja venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
puja date
7 नवम्बर, गुरुवार, स्कन्द षष्ठी
मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम और कवचम पाठ
स्कन्द षष्ठी देवसेनापति कार्तिकेय विशेष

मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम और कवचम पाठ

जीवन में बाधाओं पर काबू पाने की शक्ति और साहस के लिए

puja venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
puja date
7 नवम्बर, गुरुवार, कार्तिक शुक्ल षष्ठी

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi

दिनांक 6 नवम्बर, 2024पंचमी शुक्ल पक्ष,बुधवारकार्तिक मासशरद,पिंगल 2081 में
Varanasi में शुभ मुहूर्त 11:20 AM से 12:04 PM तकहै। जिसमें गुलिक काल 10:19 AM से 11:42 AM  तक है।
और राहुकाल 11:42 AM से 1:05 PM तक रहेगा।काल का समय यमघण्टकाल 7:33 AM से 8:56 AM तक है।
Varanasi में सूर्यास्त-सूर्योदय
सूर्योदय 6:10 AM और सूर्यास्त 5:15 PM का समय है।
चंद्रोदय 10:28 AM और चंद्रोदय का समय 10:28 AM है।
हसंपूर्ण पंचांग के अनुसार तिथि शुक्ल पक्ष पंचमी 12:42 AM तक है। हवहीं नक्षत्र मूल 11:01 AM तक है।
योग सुकर्मा 10:51 AM तक है।करण बव 12:30 PM तक है।
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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

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