जब जीवन में अचानक रुकावटें बढ़ने लगती हैं, अनजानी नज़र, शत्रु-बाधा, कानूनी उलझनें, आर्थिक रुकावट, मन में घबराहट या बिना कारण भय तो शास्त्र बताते हैं कि यह प्रभाव अक्सर अदृश्य नकारात्मक ऊर्जाओं, अशुभ ग्रह दशाओं और शत्रुओं के रूप में सामने आता है। ऐसे समय में शनिदेव और श्री काल भैरव का संयुक्त आश्रय बेहद प्रभावी माना गया है।
शनिदेव न्याय के देवता हैं, कर्मों का फल देते हैं, अन्याय और अत्याचार को रोकते हैं और जीवन में स्थिरता, अनुशासन और संतुलन लाते हैं। वहीं, भैरव, महादेव का उग्र लेकिन रक्षक स्वरूप हैं—वे नकारात्मक शक्तियों को भस्म करते हैं, अचानक आने वाले संकटों को रोकते हैं, डर-भ्रम को काटते हैं और व्यक्ति के अंतर्मन को साहस से भर देते हैं।
इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए शनि-भैरव संयुक्त रक्षा कवच पाठ और महायज्ञ एक शक्तिशाली महापूजा मानी गई है। इस अनुष्ठान में शामिल है:
शनि स्तुति, शनि बीज मंत्र और तिल-तेल अभिषेक
श्री काल भैरव कवच, भैरव मूल मंत्र जाप
रक्षा-कवच स्थापना और तंत्रोक्त हवन
🙏🔱 इन अनुष्ठानों के माध्यम से भक्त के चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा-वृत बनाया जाता है, जिसे आध्यात्मिक कवच कहा गया है। यह कवच शत्रु-बाधा, नज़रदोष, कोर्ट-केस, झूठे आरोप, मानसिक तनाव, और अचानक संकटों से रक्षा प्रदान करने के लिए सिद्ध माना गया है।
श्री मंदिर द्वारा उज्जैन के नवग्रह शनि मंदिर में होने जा रहा यह अनुष्ठान उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ होता है, जो जीवन में अनजानी रुकावटों से थक चुके हैं और ईश्वर की सुरक्षा, न्याय और दिव्य मार्गदर्शन चाहते हैं।