शुक्रवार का संबंध शुक्र ग्रह से है, जो सौन्दर्य, सुख, धन और सौभाग्य का कारक माना जाता है। इसीलिए, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में समृद्धि, सफलता और शुभता के मार्ग खुल सकते हैं। विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह के शुक्रवारों को ‘लक्ष्मी मास’ में गिना गया है, क्योंकि यह महीना स्वयं माता लक्ष्मी और विष्णु जी को समर्पित माना गया है। इस समय सच्चे मन से की गई साधना से मनचाहा आशीर्वाद मिलता है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए शक्तिपीठ अम्बाबाई मंदिर में महालक्ष्मी की विशेष साधना संपन्न होगी, जो जीवन में नई और शुभ शुरुआत की प्रेरणा देती है।
🪔 कोल्हापुर का महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर यहां माता लक्ष्मी को अम्बाबाई रूप में पूजा जाता है, जो भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हैं। मान्यता है कि जब भगवान विष्णु तिरुमला में विराजमान हुए तो माता लक्ष्मी यहां कोल्हापुर में प्रकट हुईं ताकि अपने भक्तों को जीवन में स्थिरता, सफलता और कल्याण प्रदान कर सकें। ऐसा भी कहा जाता है कि स्वयं भगवान विष्णु हर शुक्रवार को यहां मां महालक्ष्मी से मिलने आते हैं, इसलिए यह दिन यहां अत्यधिक पवित्र माना गया है।
🪔 महालक्ष्मी अष्टोत्तर अर्चना और श्री सूक्त हवन के दौरान, माता लक्ष्मी के 108 पवित्र नामों का उच्चारण किया जाता है और श्री सूक्त के वैदिक मंत्रों के साथ हवन किया जाता है। प्रत्येक आहुति, केवल धन ही नहीं बल्कि खुशी, शांति, पवित्रता और शुभता के लिए की गई प्रार्थना है। मार्गशीर्ष मास के शुक्रवार को यह अनुष्ठान करने से जीवन में समृद्धि, नए कार्यों में शुभता के साथ प्रारंभ होने और घर में शांति-सौहार्द स्थापित होने की मान्यता है।
यह विशेष पूजा श्री मंदिर के माध्यम से आपके जीवन में समृद्धि, शुभ फल और मंगलमय आरंभ का आशीर्वाद लाती है। 🙏✨