🪔 विनायक चतुर्थी: भगवान गणेश की पूजा के लिए विशेष क्यों?
विनायक चतुर्थी, हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक रूप से मनाई जाती है। यह दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता (अवरोधों को दूर करने वाले) और सुखकर्ता (खुशी देने वाले) माने जाते हैं। इस दिन गणेश जी की आराधना से जीवन की उलझनों को दूर करने, निर्णयों में स्पष्टता लाने और जीवन में शुभता व शांति प्राप्त करने की कामना की जाती है। पुराणों के अनुसार, विनायक चतुर्थी वह पवित्र तिथि है जब भगवान गणेश की दिव्य ऊर्जा भक्तों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होती है। इस दिन गणेश जी का आह्वान ऋणनाशक रूप में किया जाता है, जो आर्थिक बोझ और मानसिक तनाव से राहत प्रदान करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, विनायक चतुर्थी पर ऋणनाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत प्रभावकारी माना गया है। यह उपाय न केवल वित्तीय स्थिरता लाने में सहायक है, बल्कि मानसिक शांति, सकारात्मकता और समग्र कल्याण भी प्रदान करता है। 1008 नामों के साथ दूर्वा अर्पण करने से भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद और भी अधिक प्रबल होते हैं, और भक्त की मनोकामनाएँ पूर्ण होने में मदद मिलती है। इस विनायक चतुर्थी, श्री सिद्धिविनायक चांदीचा गणपति मंदिर, नासिक में एक भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शामिल हैं:
श्री गणेश ऋणनाशक स्तोत्र पाठ – ऋण और आर्थिक बोझ से राहत के लिए भक्ति पूर्वक स्तोत्र का पाठ
1008 गणेश दूर्वा अर्चना – 1008 दूर्वा के तृणों का अर्पण, समृद्धि और सफलता के लिए गणेश जी की कृपा प्राप्त करने हेतु
श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अवसर में सहभागी बनें और भगवान गणेश के आशीर्वाद से अपने जीवन में खुशी, समृद्धि और शांति आमंत्रित करें।