🌕 पूरे साल ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों ने बताया कि 2025 मंगल का साल है। इसका कारण बहुत सरल है। अंक ज्योतिष में 2025 का योग 9 बनता है और 9 ग्रह मंगल का अंक है। इसलिए इस साल मंगल की ऊर्जा सबसे ज़्यादा सक्रिय रहती है। मंगल का प्रभाव तेज़ी, साहस, निर्णय लेने की क्षमता देता है, लेकिन कभी-कभी अधीरता और रुकावटें भी पैदा करता है। वैदिक ज्योतिष भी ऐसे साल को मंगल वर्ष मानता है। अगली बार यह योग अब 2034 में बनेगा, इसलिए कई लोग 9 साल इंतज़ार नहीं करना चाहते और इसी साल मंगल की कृपा लेकर विवाह में देरी खत्म करना चाहते हैं।
जब शादी की बात बार-बार रुक जाती है या सही रिश्ता नहीं बन पाता, तो घर में तनाव और मन में थकावट बढ़ जाती है। कभी मांगलिक दोष, कभी ग्रहों की स्थिति, कभी आपसी गलतफहमियाँ – ये सारी चीज़ें बातचीत को आगे बढ़ने ही नहीं देतीं। ऐसे समय में लोग भगवान श्री मंगल की शरण लेते हैं ताकि मन मजबूत हो, ग्रह शांत हों और निर्णय लेने का सही समय बन सके। यही कारण है कि दिसंबर में उज्जैन के मंगलनाथ महादेव मंदिर में 18 दिनों का एक बहुत खास अनुष्ठान रखा गया है, जो आने वाले वर्ष की ऊर्जा को सकारात्मक रूप से बदलने वाला माना जाता है। 2026 शुरू होने से पहले मांगलिक दोष को शांत करके विवाह के रास्ते खोलना ही इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य है।
यह 18-दिवसीय महापूजा 1.8 लाख मंगल जाप के साथ होती है। हर दिन 10,000 मंत्र जाप किए जाते हैं, जिससे रिश्तों की रुकावटें, ग्रहों से जुड़ी देरी और मानसिक उलझनें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। इस पूजा में मंत्रों का जाप अनुभवी ब्राह्मण संकल्प लेकर करते हैं। अनुष्ठान शुरू करने से पहले देवताओं, ऋषियों और कुलदेवताओं का आह्वान किया जाता है। फिर मंगलदेव की पारंपरिक पूजा की जाती है, जिसमें लाल फूल, लाल कपड़ा, मसूर दाल, गुड़ और सिंदूर जैसे मंगल तत्व अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे ऊर्जा स्थिर होती है और विवाह के रास्ते सहजता से खुलने लगते हैं।
अंत में भावना यही है कि भगवान श्री मंगल आपकी ज़िंदगी में स्थिरता, स्पष्ट सोच और शुभ विवाह का शुभ समय जल्दी लेकर आएं। श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस 18-दिवसीय अनुष्ठान में शामिल होकर आप मांगलिक दोष से राहत और अच्छे जीवनसाथी के आशीर्वाद की प्रार्थना कर सकते हैं।