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द्वादशी कृष्ण पक्ष,रविवार
अश्विन मास
शरद,पिंगल 2081
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अश्विन मास
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त्यौहार
मघा श्राद्ध, द्वादशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत
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मघा श्राद्ध, द्वादशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:26 AM से 12:12 PM
11:26 AM से 12:12 PM
राहुकाल
राहुकाल
4:18 PM से 5:48 PM
4:18 PM से 5:48 PM
गुलिक काल
गुलिक काल
2:48 PM से 4:18 PM
2:48 PM से 4:18 PM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
11:49 AM से 1:18 PM
11:49 AM से 1:18 PM

आज का पंचांग

तिथि
कृष्ण पक्ष द्वादशी
4:49 PM तक
4:49 PM तक
नक्षत्र
मघा
6:19 AM तक
6:19 AM तक
योग
साध्य
12:27 AM तक
12:27 AM तक
करण
तैतिल
4:50 PM तक
4:50 PM तक
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भाद्रपद
महीना पूर्णिमांत
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11 September, 2024
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कल्की द्वादशी
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भुवनेश्वरी जयन्ती
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प्रदोष व्रत
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ओणम
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कन्या संक्रान्ति
16 September, 2024
विश्वकर्मा पूजा
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अनन्त चतुर्दशी
17 September, 2024
गणेश विसर्जन
17 September, 2024
पूर्णिमा उपवास
17 September, 2024
पूर्णिमा श्राद्ध
18 September, 2024
भाद्रपद पूर्णिमा
18 September, 2024
चन्द्र ग्रहण
18 September, 2024
प्रतिपदा श्राद्ध
19 September, 2024
आश्विन प्रारम्भ *उत्तर
19 September, 2024
द्वितीया श्राद्ध
20 September, 2024
तृतीया श्राद्ध
21 September, 2024
महा भरणी
21 September, 2024
चतुर्थी श्राद्ध
21 September, 2024
संकष्टी चतुर्थी
22 September, 2024
पञ्चमी श्राद्ध
22 September, 2024
शरद्कालीन सम्पात
23 September, 2024
षष्ठी श्राद्ध
23 September, 2024
सप्तमी श्राद्ध
23 September, 2024
रोहिणी व्रत
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अष्टमी श्राद्ध
24 September, 2024
कालाष्टमी
24 September, 2024
महालक्ष्मी व्रत पूर्ण
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नवमी श्राद्ध
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मघा श्राद्ध
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द्वादशी श्राद्ध
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प्रदोष व्रत
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त्रयोदशी श्राद्ध
30 September, 2024
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सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi

दिनांक 29 सितम्बर, 2024द्वादशी कृष्ण पक्ष,रविवारअश्विन मासशरद,पिंगल 2081 में
Varanasi में शुभ मुहूर्त 11:26 AM से 12:12 PM तकहै। जिसमें गुलिक काल 2:48 PM से 4:18 PM  तक है।
और राहुकाल 4:18 PM से 5:48 PM तक रहेगा।काल का समय यमघण्टकाल 11:49 AM से 1:18 PM तक है।
Varanasi में सूर्यास्त-सूर्योदय
सूर्योदय 5:50 AM और सूर्यास्त 5:48 PM का समय है।
चंद्रोदय 2:43 AM और चंद्रोदय का समय 2:43 AM है।
हसंपूर्ण पंचांग के अनुसार तिथि कृष्ण पक्ष द्वादशी 4:49 PM तक है। हवहीं नक्षत्र मघा 6:19 AM तक है।
योग साध्य 12:27 AM तक है।करण तैतिल 4:50 PM तक है।
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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

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