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एकादशी कृष्ण पक्ष,शनिवार
अश्विन मास
शरद,पिंगल 2081
एकादशी कृष्ण पक्ष,शनिवार
अश्विन मास
शरद,पिंगल 2081
त्यौहार
इन्दिरा एकादशी
त्यौहार
इन्दिरा एकादशी

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:26 AM से 12:12 PM
11:26 AM से 12:12 PM
राहुकाल
राहुकाल
8:49 AM से 10:19 AM
8:49 AM से 10:19 AM
गुलिक काल
गुलिक काल
5:50 AM से 7:20 AM
5:50 AM से 7:20 AM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
1:19 PM से 2:49 PM
1:19 PM से 2:49 PM

आज का पंचांग

तिथि
कृष्ण पक्ष एकादशी
2:50 PM तक
2:50 PM तक
नक्षत्र
अश्लेषा
3:38 AM तक
3:38 AM तक
योग
सिद्ध
11:50 PM तक
11:50 PM तक
करण
बालव
2:52 PM तक
2:52 PM तक
महीना अमान्त
भाद्रपद
महीना पूर्णिमांत
अश्विन
विक्रम संवत
2081 (पिंगल)
शक संवत
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राधा अष्टमी
11 September, 2024
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11 September, 2024
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11 September, 2024
दूर्वा अष्टमी
11 September, 2024
गौरी पूजा
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गौरी विसर्जन
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परिवर्तिनी एकादशी
15 September, 2024
वामन जयन्ती
15 September, 2024
कल्की द्वादशी
15 September, 2024
भुवनेश्वरी जयन्ती
15 September, 2024
प्रदोष व्रत
15 September, 2024
ओणम
16 September, 2024
कन्या संक्रान्ति
16 September, 2024
विश्वकर्मा पूजा
17 September, 2024
अनन्त चतुर्दशी
17 September, 2024
गणेश विसर्जन
17 September, 2024
पूर्णिमा उपवास
17 September, 2024
पूर्णिमा श्राद्ध
18 September, 2024
भाद्रपद पूर्णिमा
18 September, 2024
चन्द्र ग्रहण
18 September, 2024
प्रतिपदा श्राद्ध
19 September, 2024
आश्विन प्रारम्भ *उत्तर
19 September, 2024
द्वितीया श्राद्ध
20 September, 2024
तृतीया श्राद्ध
21 September, 2024
महा भरणी
21 September, 2024
चतुर्थी श्राद्ध
21 September, 2024
संकष्टी चतुर्थी
22 September, 2024
पञ्चमी श्राद्ध
22 September, 2024
शरद्कालीन सम्पात
23 September, 2024
षष्ठी श्राद्ध
23 September, 2024
सप्तमी श्राद्ध
23 September, 2024
रोहिणी व्रत
24 September, 2024
अष्टमी श्राद्ध
24 September, 2024
कालाष्टमी
24 September, 2024
महालक्ष्मी व्रत पूर्ण
25 September, 2024
जीवितपुत्रिका व्रत
25 September, 2024
नवमी श्राद्ध
26 September, 2024
दशमी श्राद्ध
27 September, 2024
एकादशी श्राद्ध
28 September, 2024
इन्दिरा एकादशी
29 September, 2024
मघा श्राद्ध
29 September, 2024
द्वादशी श्राद्ध
29 September, 2024
प्रदोष व्रत
30 September, 2024
त्रयोदशी श्राद्ध
30 September, 2024
मासिक शिवरात्रि

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi, Uttar Pradesh, India

आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस शनिवार को हम अश्विन के पवित्र माह में एकादशी कृष्ण पक्ष पक्ष की कृष्ण पक्ष एकादशी का पालन करते हैं। शरद ऋतु के चलते सूर्य कन्या में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा कर्क में स्थित है। पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष एकादशी 2:50 PM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र अश्लेषा है, जो 3:38 AM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग सिद्ध है, जो 11:50 PM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण बालव है, जो 2:52 PM तक तक रहेगा।

Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 5:50 AM पर और सूर्यास्त 5:49 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 1:47 AM पर और अस्त 3:33 PM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल पूर्व दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा उत्तर दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।

दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:26 AM से 12:12 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 8:49 AM से 10:19 AM, गुलिक काल 5:50 AM से 7:20 AM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।

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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

पंचांग के लाभ क्या हैं?

पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है, जो पांच मुख्य तत्त्वों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समन्वय करता है। ये सभी तत्व मिलकर दिन की गुणवत्ता और ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। पंचांग का उपयोग ब्रह्मांडीय प्रभावों को समझने और अपने कार्यों को उनके अनुरूप ढालने के लिए किया जाता है।

पंचांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। विवाह, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त समय जानने के लिए पंचांग मार्गदर्शन करता है। यह सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रास्त जैसे विवरण भी देता है, जो व्रत और पूजाओं के लिए आवश्यक होते हैं।

हमें प्रतिदिन पंचांग क्यों देखना चाहिए?

प्रतिदिन पंचांग देखने से हम अपने दैनिक जीवन को प्रकृति की लय के अनुरूप ढाल सकते हैं। यह राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड जैसे अशुभ समयों से सतर्क करता है, जब कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

पंचांग का अनुसरण कर हम अनावश्यक समस्याओं से बच सकते हैं और अपने कार्यों की सफलता को बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से साधकों, ज्योतिषियों, किसानों और प्रकृति से सामंजस्य में जीने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। संक्षेप में, पंचांग एक ब्रह्मांडीय योजनाकर्ता की तरह काम करता है, जो हमें एक सोच-समझकर, सफल और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।

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