


8 दिन 80,000 मूल मंत्र जाप भव्य काल भैरव जयंती एवं महापूजा
रक्षा, बाधाओं पर विजय और सभी भय के निवारण के लिए काल भैरव की दिव्य शक्ति का आह्वान करें

भव्य 5 देवी 5 शक्तिपीठ महाशक्ति महायज्ञ, 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप
बुरी शक्तियों और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए 5 शक्तिपीठों से आशीर्वाद प्राप्त करें
आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस रविवार को हम वैशाख के पवित्र माह में अमावस्या कृष्ण पक्ष पक्ष की कृष्ण पक्ष अमावस्या का पालन करते हैं। वसंत ऋतु के चलते सूर्य मेष में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा मेष में स्थित है। पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष अमावस्या 1:01 AM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र अश्विनी है, जो 12:39 AM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग प्रीति है, जो 12:19 AM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण चतुष्पद है, जो 2:55 PM तक तक रहेगा।
Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 5:26 AM पर और सूर्यास्त 6:27 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 4:45 AM पर और अस्त 6:05 PM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल पश्चिम दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा पूर्व दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।
दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:31 AM से 12:23 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 4:50 PM से 6:27 PM, गुलिक काल 3:12 PM से 4:50 PM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।


8 दिन 80,000 मूल मंत्र जाप भव्य काल भैरव जयंती एवं महापूजा
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आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस रविवार को हम वैशाख के पवित्र माह में अमावस्या कृष्ण पक्ष पक्ष की कृष्ण पक्ष अमावस्या का पालन करते हैं। वसंत ऋतु के चलते सूर्य मेष में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा मेष में स्थित है। पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष अमावस्या 1:01 AM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र अश्विनी है, जो 12:39 AM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग प्रीति है, जो 12:19 AM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण चतुष्पद है, जो 2:55 PM तक तक रहेगा।
Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 5:26 AM पर और सूर्यास्त 6:27 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 4:45 AM पर और अस्त 6:05 PM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल पश्चिम दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा पूर्व दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।
दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:31 AM से 12:23 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 4:50 PM से 6:27 PM, गुलिक काल 3:12 PM से 4:50 PM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।
पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।
तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।
वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।
नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।
पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।
करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।
आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।
आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।
पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है, जो पांच मुख्य तत्त्वों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समन्वय करता है। ये सभी तत्व मिलकर दिन की गुणवत्ता और ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। पंचांग का उपयोग ब्रह्मांडीय प्रभावों को समझने और अपने कार्यों को उनके अनुरूप ढालने के लिए किया जाता है।
पंचांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। विवाह, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त समय जानने के लिए पंचांग मार्गदर्शन करता है। यह सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रास्त जैसे विवरण भी देता है, जो व्रत और पूजाओं के लिए आवश्यक होते हैं।
प्रतिदिन पंचांग देखने से हम अपने दैनिक जीवन को प्रकृति की लय के अनुरूप ढाल सकते हैं। यह राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड जैसे अशुभ समयों से सतर्क करता है, जब कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
पंचांग का अनुसरण कर हम अनावश्यक समस्याओं से बच सकते हैं और अपने कार्यों की सफलता को बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से साधकों, ज्योतिषियों, किसानों और प्रकृति से सामंजस्य में जीने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। संक्षेप में, पंचांग एक ब्रह्मांडीय योजनाकर्ता की तरह काम करता है, जो हमें एक सोच-समझकर, सफल और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।