पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ
श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष

पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ

पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए
temple venue
श्री गंगोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
pooja date
29 सितम्बर, रविवार, श्राद्ध द्वादशी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की आत्मा की शांति और पापों से मुक्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी गंगोत्री विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से द्वादशी तिथि भी एक है। इसे श्राद्ध द्वादशी भी कहते हैं। इस तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, किसी भी मास की द्वादशी तिथि को हुई हो। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष से पीड़ित जातक के जीवन में आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। माना जाता है कि पितृ दोष शांति महापूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि पितृ दोष शांति महापूजा के साथ मोक्षदायिनी मां गंगा की भी आराधना की जाए तो यह पूजा कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, मां गंगा को समर्पित मंत्रों का जाप करने से सीधा मोक्ष का रास्ता खुल सकता है।

वैसे तो मां गंगा की अराधना विभिन्न तरीके से की जाती है लेकिन गंगा लहरी पाठ, मां गंगा का श्रेष्ठतम काव्य ग्रंथ है। इस ग्रंथ में मां गंगा की महिमा और विविध गुणों का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि पितृ दोष शांति महापूजा के साथ गंगा लहरी पाठ करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के श्री गंगोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा और गंगा लहरी पाठ का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक कथानुसार, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां राजा भगीरथ की तपस्या के बाद मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं और भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण करके उनके प्रवाह को शांत किया था। श्री मंदिर द्वारा इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रयास कर ले, कोई भी काम सफल नहीं होता है। पुराणों में पितृ दोष के निवारण के लिए पितृ दोष शांति महापूजा का प्रावधान है। मान्यता है कि श्राद्ध द्वादशी तिथि के पावन अवसर पर श्री गंगोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
पापों से मुक्ति के लिए
लोग अक्सर मानते हैं कि जब तक वे दूसरों को नुकसान नहीं पहुँचाते, तब तक वे पाप से मुक्त हैं। हालांकि, कई बार वे अनजाने में ऐसे कार्य कर रहे होते हैं जो पाप की श्रेणी में आते हैं। पुराणों के अनुसार, रोज़मर्रा की छोटी-छोटी आदतें भी पाप की श्रेणी में आ सकती हैं। माना जाता है कि पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर श्री गंगोत्री धाम में श्रद्धा पूर्वक पितृ दोष शांति महापूजा एवं गंगा लहरी पाठ करने से पापों से मुक्ति का वरदान प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
मान्यता है कि पितृ दोष, परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे कई प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष शांति महापूजा और गंगा लहरी पाठ के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जाओं को शांत किया जा सकता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि इस अनुष्ठान में भाग लेने से परिवार का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

श्री गंगोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड

श्री गंगोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस दिव्य भूमि पर पवित्र चार धाम यात्रा की जाती है। इस पवित्र भूमि पर स्थित पवित्र स्थानों में से एक गंगोत्री है। चार धाम यात्रा के दूसरे नंबर में गंगोत्री की यात्रा की जाती है। गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थल है, माना जाता है कि इस स्थान पर मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां तपस्या की थी और उनके अथक प्रयासों के बाद मां गंगा धरती पर आईं, लेकिन मां गंगा का वेग इतना तेज था कि अगर वह सीधे धरती पर गिरतीं तो धरती नष्ट हो जाती। प्रलय की स्थिति बन जाती और वह पाताल लोक चली जातीं। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समेट लिया और उसके बाद मां गंगा कैलाश होते हुए धरती पर पहुंचीं और भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया।

भगीरथ के प्रयासों के कारण ही गोमुख से बहने वाली गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दूर बहने के बाद जब यह देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिल जाती है, तो इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ ने जिस पत्थर पर ध्यान लगाया था, वह आज भी यहाँ मौजूद है और इसे भगीरथ शिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी गंगा दशहरा के शुभ दिन गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर पूजा करता है, उसे माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वह उन्हें पवित्रता, समृद्धि, पापों से मुक्ति और उनकी आध्यात्मिक यात्रा के लिए दिव्य कृपा प्रदान करती हैं।

पूजा का चयन करें

901

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
User review
User Image

जय राज यादव

दिल्ली
User review
User Image

रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
User review
User Image

अपर्णा मॉल

पुरी
User review
User Image

शिवराज डोभी

आगरा
User review
User Image

मुकुल राज

लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों