जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
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जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ
स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष

मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ

जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए
temple venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
pooja date
2 नवम्बर, शनिवार, स्कन्द षष्ठी प्रारम्भ
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

जीवन में शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए स्कंद षष्ठी प्रारंभ: देव सेनापति कार्तिकेय विशेष मुरुगन ज्ञान वेल पूजन और सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ

हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस माह का नाम भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय के नाम पर रखा गया है। इसी माह में भगवान कार्तिकेय को समर्पित छह दिवसीय उत्सव मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद कुमार और मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार तमिल हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। जो कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है और कार्तिक शुक्ल षष्ठी तक चलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय ने अपने 'वेल' से सुरपद्मा नामक राक्षस को हराया था जिसे सुरसंहारम कहा गया। सुरपद्मन ऋषि कश्यप और माया नामक शक्ति के पुत्र थे। दरअसल भगवान मुरुगन, असुरों से युद्ध करने के पहले अपनी माँ पार्वती का आशीर्वाद लेने गए और उनसे वेल प्राप्त किया था। जिसका उपयोग उन्होनें युद्ध में किया और सुरपद्मा की सेना को धूल की तरह उड़ाकर, उसे हरा दिया और उसके भाइयों का वध किया। बाद में, सुरपद्मा ने भगवान मुरुगन से क्षमा मांगी, जिससे उन्होंने सुरपद्मा को एक मोर में बदल दिया और उसे अपने वाहन के रूप में स्वीकार किया, तभी से वेल मुरुगन की पूजा का पर्याय बन गया है। भगवान मुरुगन को प्रसन्न करने के लिए मुरुगन ज्ञान वेल पूजन एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो आपके जीवन से अप्रत्याशित संघर्षों को दूर करता है और आपको शत्रुओं से बचाता है।

माना जाता है कि यह पूजन शत्रुओं को हराने और जीवन के सभी पहलुओं में जीत हासिल करने के लिए अत्यधिक प्रभावी है। इसके अलावा इनकी पूजन के लिए सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ भी किया जाता है। माना जाता है कि श्री आदि शंकराचार्य ने सुब्रमण्यम भुजंगम स्तोत्रम की रचना की थी। जब उन्होंने श्री सुब्रमण्य का ध्यान किया, तो उन्हें अपने हृदय में चमकते हुए एक आत्म-प्रकाशमान प्रकाश का अहसास हुआ और उनके मुख से भुजंग छंद में शब्द निकले। वहीं कवचम का अर्थ होता है "रक्षा कवच"। यह भगवान सुब्रमण्या की स्तुति के रूप में उनकी रक्षा और कृपा प्राप्त करने का एक साधन है। इसका पाठ करने से भक्त के जीवन से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है। भगवान मुरुगन तमिल हिंदुओं में विशेष पूजनीय हैं और उन्हें दक्षिण भारत में भगवान गणेश का छोटा भाई माना जाता है, जबकि उत्तर भारत में उन्हें गणेश का बड़ा भाई माना जाता है। छह सिरों के साथ जन्म लेने वाले भगवान मुरुगन छह सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें मुख्य रूप से तमिलनाडु में सिद्धियों के दाता के रूप में पूजा जाता है। इसलिए, स्कंद षष्ठी से छह दिन पहले, इस त्योहार की शुभ शुरुआत में मुरुगन ज्ञान वेल पूजन के साथ सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और भगवान मुरुगन का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
शत्रुओं से सुरक्षा का आशीष
मान्यता है कि मुरुगन ज्ञान वेल पूजन के साथ सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ शत्रुओं पर विजय प्राप्ति और दुष्ट शक्तियों से सुरक्षा के लिए किया जाता है। इस अनुष्ठान में युद्ध के देवता मुरुगन के नामों का जाप और हवन किया जाता है। यह अनुष्ठान शत्रुओं के नाश के अलावा जीवन में शांति और सुरक्षा प्राप्त करने में प्रभावशाली हो सकता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के आशीर्वाद के लिए
व्यक्ति को अपने जीवन में आए दिन सभी कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्कंद षष्ठी प्रारंभ पर भगवान कार्तिकेय की मुरुगन ज्ञान वेल पूजन के साथ सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ कराने से बाधाओं से सुरक्षा का आशीष मिलता है। इस पूजा को करने वाले जातको को धैर्य, सम्मान और संघर्षशीलता में साहस और सामर्थ्य प्राप्त होता है, जिससे वह जीवन की हर बाधा को सफलतापूर्वक पार कर सकते हैं।
puja benefits
मनोकामनाओं की पूर्ति
युद्ध के देवता भगवान मुरुगन न सिर्फ शत्रुओं का विनाश करते हैं बल्कि भक्तों के जीवन से सभी प्रकार की व्याधियां दूर करने का आशीष भी देते हैं। मान्यता है कि इस सुप्रसिद्ध मंदिर में स्कंद षष्ठी प्रारंभ पर भगवान कार्तिकेय की मुरुगन ज्ञान वेल पूजन के साथ सुब्रमण्यम भुजंगम एवं कवचम पाठ करने से भक्तों के जीवन में सभी तरह के सुख, समृद्धि, खुशहाली के साथ मनोकानमाओं की पूर्ति का आशीष मिलता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर एक पूजनीय तीर्थस्थल है, जिसका आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। 120 साल पहले प्रतिष्ठित ऋषि मायांडी सिद्धर द्वारा स्थापित यह मंदिर चिरस्थायी परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। ऋषि मायांडी सिद्धर ने भगवान राम के गहन ध्यान और दर्शन के बाद इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर से जुडी कई चमत्कारिक कथाओं के बारे में सुनने को मिलता है, जिनमें भगवान पेरुमल की मुख्य मूर्ति भी शामिल है, जिसे मूर्तिकला का कोई औपचारिक ज्ञान न रखने वाले एक साधारण व्यक्ति ने गढ़ा था। मंदिर में कई पवित्र मूर्तियाँ हैं, जिनमें शुद्ध स्पष्ट क्वार्ट्ज से बना उल्लेखनीय स्फटिक लिंगम भी शामिल है।

शास्त्रों के अनुसार, स्फटिक लिंगम की पूजा करने से भक्तों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और शक्ति आती है, साथ ही चिंताएँ और नकारात्मक प्रभाव से भी राहत मिलता है। यह स्फटिक लिंगम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषिकेश के बाद भारत में सबसे बड़े स्फटिक लिंगम में से एक है। यह मंदिर भगवान राम से जुड़े होने के कारण भी प्रसिद्ध है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान राम ने जटायु को मोक्ष प्रदान किया था और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था। भक्तगण एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में उन्हें सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान कार्तिकेय एवं धनवंतर‍ि देव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान कार्तिकेय एवं धनवंतर‍ि देव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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