निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए महालया अमावस्या ज्योर्तिलिंग विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा
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निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए महालया अमावस्या ज्योर्तिलिंग विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा
महालया अमावस्या ज्योर्तिलिंग विशेष

काल सर्प दोष शांति पूजा

निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए महालया अमावस्या ज्योर्तिलिंग विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा

ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष नामक योग का निर्माण होता है। माना जाता है कि इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह के संकेत जैसे- सपने में मरे हुए लोग व सांप दिखते हैं, मानसिक अस्थिरता के अलावा स्वास्थ्य भी खराब रह सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए काल सर्प दोष शांति पूजा बहुत फायदेमंद मानी जाती है। हमारे शास्त्रों के अनुसार, जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष होता है, वे श्राद्ध पक्ष के दौरान इसके निवारण के लिए उपाय और पूजा करके शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। महालया अमावस्या, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है, पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। इस अमावस्या पर पूजा करना काल सर्प दोष, पितृ दोष या किसी भी अशुभ ग्रह के प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या पर काल सर्प दोष शांति पूजा करने से भक्तों को निर्भयता प्राप्त होती है और उन्हें मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलती है। ज्योतिर्लिंग पर की जाने वाली इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है और इसे स्वयंभू लिंग माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, काल सर्प दोष व्यक्ति के पिछले कर्मों के कारण होता है और शास्त्रों में कहा गया है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। चूंकि काल सर्प दोष पिछले कर्मों से संबंधित है और यह मंदिर पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए ओंकारेश्वर में यह पूजा करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसलिए महालया अमावस्या पर श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और इस दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
निर्भयता के आशीर्वाद के लिए
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं, तो इससे काल सर्प दोष होता है। ऐसा माना जाता है कि यह संरेखण व्यक्ति के जीवन में विभिन्न चुनौतियों और भय को लाता है। महालया अमावस्या पर काल सर्प दोष शांति पूजा करने से भक्तों को अपने डर पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। भक्तों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और साहस प्राप्त करने के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद मिलता है।
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मानसिक स्थिरता प्राप्त करें
ज्योतिषियों के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें इस अवधि के दौरान विभिन्न मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का अनुभव होता है। माना जाता है कि भगवान शिव के आशीर्वाद से ये मानसिक चिंताएं दूर हो सकती हैं। ऐसे में महालया अमावस्या पर ज्योतिर्लिंग में काल सर्प दोष शांति पूजा कर भगवान शिव से आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
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राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति
राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है और ये अक्सर बाधाओं, गलतफहमियों, और कर्म संबंधी चुनौतियों जैसे अशुभ प्रभावों से जुड़े होते हैं। माना जाता है कि जब कुंडली में काल सर्प दोष होता है, तो यह राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को और भी बढ़ा देता है। ऐसे में, महालया अमावस्या पर शुभ संयोग के दौरान काल सर्प दोष शांति पूजा करने से इस दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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