पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए महालया अमावस्या वृंदावन संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए महालया अमावस्या वृंदावन संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए महालया अमावस्या वृंदावन संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
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महालया अमावस्या वृंदावन संयुक्त विशेष

पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप

पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए
temple venue
विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश
pooja date
2 अक्टूबर, बुधवार, महालया अमावस्या
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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सम्पूर्ण पूजा की वीडियो देखें
आपके पूरे पूजा की वीडियो रिकॉर्डिंग 2 दिनों में शेयर की जाएगी
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पूरे विधि द्वारा पूजा होगी
मंदिर के सर्वश्रेष्ठ पंडितजी आपकी पूजा करेंगे
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र शेयर किया जाएगा
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आशीर्वाद बॉक्स
पूजा के बाद आशीर्वाद बॉक्स आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए महालया अमावस्या वृंदावन संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाली हर तिथि का अपना अलग विशेष महत्व है, जिसमें से एक है अमावस्या तिथि। इसे महालया अमावस्या या सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाली यह अंतिम तिथि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस तिथि पर उन पूर्वजों का भी श्राद्ध किया जा सकता है जिनकी मृत्यु तिथि आपको ज्ञात नहीं होती या पितृ पक्ष के दौरान भूलवश आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध न कर पाए हों। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्मग्रंथों के अनुसार, 'पितृ दोष' हमारे पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष के कारण आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। मान्यता है कि पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ दोष शांति पूजा करनी चाहिए। यदि यह पूजा वृंदावन में यमुना नदी के तट पर स्थित विश्राम घाट पर की जाए तो यह पूजा अत्यंत फलदायी हो सकती है, क्योंकि यमी अर्थात यमुना देवी, मृत्यु के अधिपति और पितरों के देवता यमराज की बहन है। पौराणिक कथानुसार, बहन यमुना को देव यमराज ने वरदान दिया था कि जो भी भक्त विश्राम घाट पर स्नान करेंगे, उन्हें मेरे प्रकोप से मुक्ति मिलेगी और वे मृत्यु के बाद बैकुंठ में वास करेंगे। इसी कारणवश माना जाता है कि यमुना देवी की कृपा से यमराज के दंड से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

वहीं गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो सृष्टि के पालनहार हैं और मृत्यु उपरांत मनुष्य को मोक्ष की गति भी प्रदान करते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि महालया अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु को समर्पित श्री द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के उपासना के लिए मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का वर्णन देखने को मिलता है। वराह पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु कहते हैं कि इस पृथ्वी,अंतरिक्ष और पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो। मथुरा मेरा प्रिय स्थल है। इसलिए पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि महालया अमावस्या के शुभ अवसर पर वृंदावन के विश्राम घाट और मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर में पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर द्वारा इस संयुक्त विशेष पूजा में भाग लें और पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे जितना भी प्रयास कर ले, कोई भी काम सफल नहीं होता है। पुराणों में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष शांति पूजा का विधान है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि महालया अमावस्या के शुभ अवसर पर वृंदावन एवं मथुरा में होने वाली इस विशेष अनुष्ठान में भाग लेने पूर्वजों की अत्मा को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार में समृद्धि के लिए
कई बार कुछ घरों में समृद्धि का अभाव या वित्तीय समस्याएं किसी स्पष्ट कारण के बिना भी बनी रहती हैं। इसका एक कारण पितृ दोष भी माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि महालया अमावस्या तिथि पर पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप करने से परिवार में समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए
पितृ दोष के कारण परिवार के किसी सदस्य को शारीरिक या मानसिक बीमारियाँ हो सकती हैं। पितृ दोष से प्रभावित व्यक्तियों को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, पुरानी बीमारियों के लिए उचित उपचार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि महालया अमावस्या के शुभ अवसर पर वृंदावन के विश्राम घाट पर पितृ दोष शांति पूजा और मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर में 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप करने से बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश

विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश
हिंदु धर्म में वृंदावन के विश्राम घाट का विशेष महत्व है। यह घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे कई पौराणिक घटनाओं से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इसी पवित्र स्थल पर यमराज और उनकी बहन यमुना ने एक साथ स्नान किया था, जिससे भाई दूज की परंपरा की शुरुआत हुई। इसके साथ ही माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद इसी घाट पर विश्राम किया था, जिसके कारण इस घाट का नाम 'विश्राम घाट' पड़ा। इस घाट को मोक्ष और आत्मशुद्धि का स्थान भी माना जाता है, जहां भक्त यमुना में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यहां देवी यमुना की पूजा करने से यमदंड से मुक्ति मिलती है।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है, जिसे कृष्ण काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। यहाँ स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा पूरे भारत में अद्वितीय मानी जाती है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, इस दिव्य प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का उल्लेख मिलता है। वराह पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु स्वयं कहते हैं कि पृथ्वी, आकाश या पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा से अधिक प्रिय हो। इस मंदिर की स्थापना लगभग 4500 वर्ष पूर्व हुई मानी जाती है। इसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के छः भुजा स्वरूप और यमुना तीर्थ प्रयाग को बचाने के उद्देश्य से किया गया था। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित भगवान विष्णु की प्रतिमा श्रीकृष्ण के उस विराट रूप का प्रतीक है, जो उन्होंने कंस के वध के समय धारण किया था।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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