पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
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पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक
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श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष

पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक

पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए
temple venue
विश्राम घाट, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्राद्ध द्वादशी वृंदावन विशेष पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से द्वादशी तिथि भी एक है। इसे श्राद्ध द्वादशी भी कहते हैं। इस तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, किसी भी मास की द्वादशी तिथि को हुई हो। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष से पीड़ित जातक के जीवन में आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोष शांति पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि पितृ दोष शांति पूजा के साथ यम दंड मुक्ति पूजा भी की जाए तो यह अनुष्ठान और अधिक फलदायी हो सकता है, क्योंकि इस पूजा के माध्यम से पितरों के अधिपति देव यमराज प्रसन्न होते हैं और अपना दिव्य आशीष प्रदान करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, देवी यमुना की पूजा से भी देव यमराज प्रसन्न होते हैं, क्योंकि यमुना देवी सूर्य देव की पुत्री और देव यमराज (मृत्यु के देवता) की बहन है। पौराणिक कथानुसार, जब यमुना देवी ने एक नदी के रूप में पृथ्वी पर प्रवाह शुरू किया था, तब उनके भाई देव यमराज को मृत्यु लोक का अधिपति बनाया गया था। इस अवसर पर यमुना देवी ने अपने भाई यमराज के साथ भाई दूज का पर्व भी मनाया था। इस मौके पर देव यमराज ने अपनी बहन की भक्ति और प्रेम से प्रसन्न होकर, उनसे वरदान मांगने का आग्रह किया था। यमुना देवी की प्रार्थना सुनकर यमराज ने उन्हें वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना के पवित्र जल में स्नान करेगा या उनके तट पर श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करेगा, उसे यमलोक का मार्ग नहीं देखना पड़ेगा। इसी कारणवश माना जाता है कि यमुना देवी की कृपा से यमराज के दंड से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। इसलिए पितृ पक्ष की श्राद्ध द्वादशी तिथि पर वृंदावन के विश्राम घाट पर पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए
कई बार पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं के कारण वंशजों को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रयास कर लें, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, जब तक आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक आप प्रगति नहीं कर सकते। हिंदु धर्म में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष शांति पूजा का विधान है। माना जाता है कि पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर वृंदावन के विश्राम घाट पर पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक करने से पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
कहा जाता है कि पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक ऊर्जाएं एकत्र हो जाती है। इन नकारात्मक ऊर्जाओं के कारण व्यक्ति की सोचन-समझने की क्षमता लगभग समाप्त हो जाती है और व्यक्ति अनावश्यक कदम उठाने लगता है। मान्यता है कि श्राद्ध द्वादशी तिथि पर वृंदावन के विश्राम घाट पर पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार में खुशहाली के लिए
कई बार कुछ घरों में बिना किसी स्पष्ट कारण के खुशहाली की कमी या आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं और यह परेशानियां दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है। इसका एक कारण पितृ दोष भी माना जाता है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध द्वादशी तिथि पर विश्राम घाट पर पितृ दोष शांति, यम दंड मुक्ति पूजा और यमुना दूध अभिषेक करने से परिवार में खुशहाली बढ़ती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

विश्राम घाट, वृंदावन, उत्तर प्रदेश

विश्राम घाट, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
विश्राम घाट, वृंदावन के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह घाट हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि यह घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे कई पौराणिक घटनाओं से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इसी पवित्र स्थल पर यमराज और उनकी बहन यमुना ने एक साथ स्नान किया था, जिससे भाई दूज की परंपरा की शुरुआत हुई। इसके साथ ही माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद इसी घाट पर विश्राम किया था, जिसके कारण इस घाट का नाम 'विश्राम घाट' पड़ा।

इस घाट को मोक्ष और आत्मशुद्धि का स्थान भी माना जाता है, जहां भक्त यमुना में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। विश्राम घाट को पितरों की शांति के लिए भी पवित्र स्थल माना जाता है। यहाँ लोग पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करने आते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष प्राप्त हो सके। ऐसा माना जाता है कि यमुना नदी के पवित्र जल में स्नान करके और तर्पण करके पितरों की आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि यहां देवी यमुना की पूजा करने से यमदंड से मुक्ति मिलती है। यह घाट वृंदावन के 24 महत्वपूर्ण घाटों में से एक है, और यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर स्नान करते हैं। पवित्र यमुना के जल में स्नान करना पापों से मुक्ति का साधन माना जाता है। इस घाट पर विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा, और मकर संक्रांति के दौरान विशेष भीड़ होती है, जब लोग यमुना स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों